Monday, January 2, 2017

happy new year

I wish you and your family a very happy new year 2017

Saturday, March 5, 2016

बाप-बेटी के रिश्‍ते को कलंकि‍त करने के साथ ही तालिबानी शासन की उदाहरण



महाराष्‍ट्र के सतारा में बाप-बेटी के रिश्‍ते को कलंकि‍त करने के साथ ही तालिबानी शासन की उदाहरण भी सामने आया है। जानकारी के अनुसार सतारा में एक पिता पिछले चार महीनों से अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्‍कर्म कर रहा था।
इस दौरान लड़की गर्भवति हो गई और यह बात गांव में फैल गई। इसके बाद गांव के लोगों ने पंचायत बुलाई। पंचायत ने मामले में बाप-बेटी को दोषी मानते हुए दस-दस कोड़े मारने की सजा सुनाई है।
पंचायत का कहना है कि दोषी बाप के साथ पीड़िता को भी इसलिए दस-दस कोड़े मारने की सजा सुनाई क्‍योंकि वह इतने दिनों तक सबकुछ चुपचाप सहती रही। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Thursday, February 18, 2016

45 दिनों में 124 किसान आत्महत्या कर चुके



देशभर से किसानों की आत्महत्या की खबरें आ रही हैं। महाराष्ट्र सबसे ज्यादा बदनाम है, जहां इस साल अब तक 124 किसान अपना जीवन समाप्त कर चुके हैं। ऐसे में महाराष्ट्र के ही भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी ने विवादित बयान दिया है। शेट्टी की नजर में किसानों का आत्महत्या करना फैशन है।
उनके इस बयान से भाजपा ने किनारा कर लिया है। पार्टी ने कहा कि ये शेट्टी के निजी विचार हैं और पार्टी का इससे कोई सरोकार नहीं है। इस बीच विवाद बढ़ने के बाद उत्तर मुंबई सांसद गोपाल शेट्टी ने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया।
हालांकि शेट्टी ने कहा है कि उनका बयान 'तोड़-मरोड़कर' पेश किया गया है। उन्होंने कहा, 'मेरा बयान पूरी तरह तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और मेरा इरादा यह कहने का कभी नहीं रहा कि किसान सरकार से धन लेने के लिए आत्महत्या कर रहे हैं। मुझसे एक संवाददाता ने पूछा था कि क्या 124 किसानों द्वारा आत्महत्या कर लिया जाना राज्य की भाजपा सरकार की विफलता नहीं है?
इस पर मैंने जवाब दिया कि फडणवीस सरकार 'जल शिवर योजना' जैसी योजनाओं के जरिए शानदार काम कर रही है और इनके लाभ किसानों तक पहुंचने में समय लगेगा। आत्महत्याएं रातों रात नहीं रूक जाएंगी क्योंकि पिछली सरकार ने पिछले 15 साल में ऐसे आत्मघाती चलन को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया।'
उन्होंने कहा, 'मैंने यह भी कहा कि आजकल देश में सभी राज्य सरकारों द्वारा धन बांटने का फैशन हो गया है। एक राज्य सरकार पांच लाख रूपए देती है, दूसरी सरकार आठ लाख देती है जबकि एक अन्य सरकार मृतक के परिवार को नौ लाख रूपए देती है। तो मेरा इरादा यह कहने का था कि राज्य सरकारों के बीच किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए एक होड़ और दौड़ लगी हुई है। यह दौड़ आजकल का फैशन हो गई है। मेरा बयान इस बात के साथ जोड़ दिया गया कि किसान चलन हो जाने के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसा मैं कभी कह ही नहीं सकता। मैंने यह भी कहा कि मृतक किसानों के परिवारों के बीच धन वितरण करने से यह रूकने वाला नहीं है। हमें एक ऐसी टिकाऊ और दीर्घकालिक योजना की जरूरत है, जो उन्हें आय का एक स्थायी स्रोत दे।'
आपको बता दें कि उत्तर मुंबई के प्रतिनिधित्व करने वाले शेट्टी ने एक कार्यक्रम मेें कहा था कि आत्महत्या करने वाले सभी किसान बेरोजगारी या भूखमरी से परेशान नहीं होते हैं। एक फैशन चल गया है। एक ट्रेंड शुरू हो गया है। बकौल शेट्टी, यदि महाराष्ट्र सरकार ऐसे किसानों के परिजन को बतौर मुआवजा पांच लाख रुपये दे रही है तो पड़ोसी राज्यों की सरकारें सात लाख रुपये दे रही हैं। इन लोगों में किसानों को मुआवजा देने की प्रतिस्पर्धा चल रही है।
कांग्रेस ने की आलोचना
कांग्रेस ने शेट्टी के बयान की आलोचना करते हुए कहा, इससे साबित होता है कि भाजपा किसानों के प्रति कितनी उदासीन है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता संजय निरुपम के मुताबिक, महाराष्ट्र का किसान भीषण सूखे की समस्या से जूझ रहा है, ऐसे में शेट्टी का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।
...इसलिए सबसे बदनाम है महाराष्ट्र
  • महाराष्ट्र सरकार द्वारा बॉम्बे हाई कोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में 124 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
  • तब हाई कोर्ट ने किसानों की आत्महत्या की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि किसानों को आत्महत्या से बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है।
  • जनवरी 2016 में 80 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। वहीं राज्य सरकार ने बताया कि पिछले 45 दिनों में 124 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।