Tuesday, March 31, 2009

विरोधी भी अब वरुण के पक्ष में

विरोधी भी अब वरुण के पक्ष में
supporter from the rival camp. Veteran Congress leader from city, Satya
Prakash Malviya has lambasted the Mayawati government for invoking the National Security Act (NSA) against Gandhi scion. Talking to our correspondant, the septuagenarian leader said the issue reminds him of gross misuse of Maintenance of Internal Security Act (MISA) during the emergency period against political opponents. Malviya, however, agreed that whatever Varun spoke was anti-national but added there was no need to invoke NSA against him without a fair trial. He said that when veteran Kashmiri leader Sheikh Abdullah was detained under the Preventive Detention Act (PDA), the great socialist leader Ram Manohar Lohia had vehemently opposed the same and exhorted the countrymen to observe "Sher-e-Kashmiri Diwas" in protest against the illegal detention. When Malviya's attention was drawn towards the fact that his statements may send wrong signals in his own party, the veteran leader said that his party spokesperson had publicly admitted that invoking the NSA was the sole prerogative of the state government but the Congress party condemns the alleged remarks of Varun. He exuded confidence that his comments on the issue would not create any misunderstanding in his party and clarified that he has no intention to offend the party high command by issuing such statements. Meanwhile, at a meeting of newly founded Varun Gandhi Fans Association held under the presidentship of Ratan Khare the speakers described the young leader as the future of the country

राहुल आम आदमी के पक्ष में, लेकिन इससे महाराष्ट्र के नेता खफा, सभा से अनुपस्थित


राहुल आम आदमी के पक्ष में, लेकिन इससे महाराष्ट्र के नेता खफा, सभा से अनुपस्थित
Congress general secretary Rahul Gandhi hit the campaign trail in Maharashtra on Tuesday by addressing two public rallies-one in Wardha and another in chief minister Ashok Chavan's home turf Nanded. With the crowd swaying to Jai Ho, the Congress poll anthem, Rahul harped on the party's central theme of "aam aadmi" and asked voters to bring the UPA government back to power so that "the good work for the common man could be continued''. Rahul spoke about controversial issues but did not get into the details. Even his criticism of the BJP-led NDA came in a measured tone. He said the NDA talked about privatisation, stock markets and divisive policies, but never about the common man. They (NDA) raise religious issues or ask why people from Uttar Pradesh come to Mumbai, but do little for the "aam aadmi", he alleged. Giving a certificate of good governance to PM Manmohan Singh, he said several schemes were launched in the last five years keeping the common man in mind. Chavan thanked Rahul for entrusting him with the "difficult job" of leading Maharashtra after the 26/11 terror attacks. He also assured Rahul that the state would provide the maximum number of seats to the UPA. Former home minister Shivraj Patil and MPCC chief Manikrao Thakre were the other speakers, but ex-CM Vilasrao Deshmukh was absent

राज-पूनम मुलाकात को लेकर शिवसेना पशोपेश में थी।

जब से बीजेपी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की बेटी पूनम राव ने राज ठाकरे से मुलाकात की है तब से वे शिवसेना के लिए 'अछूत' बन गई हैं, वह उन्हें दरकिनार करने लगी है। बीजेपी में भी, उत्तर भारतीय पूनम से दूर होने लगे हैं। दोनों ही पार्टियों के कई कार्यकर्ताओं ने पूनम के साथ मिलकर चुनाव प्रचार में जाने से इंकार कर दिया है। उत्तर-पूर्व लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवारी हासिल करने के लिए पूनम ने एड़ी चोटी का दम लगा दिया था। महाराष्ट्र बीजेपी के दिग्गज नेता व उनके रिश्तेदार गोपीनाथ मुंडे ने भी उन्हें उत्तर-पूर्व सीट से टिकट दिलाने के लिए मुम्बई से दिल्ली तक जुगाड़ लगाई लेकिन पार्टी ने वह सीट नहीं दी। यद्यपि पार्टी उन्हें उत्तर-मध्य यानी कांग्रेस की प्रिया दत्त के सामने उम्मीदवारी देने को तैयार थी, लेकिन पूनम प्रिया के सामने चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हुई। पार्टी ने जब उत्तर-पूर्व से किरीट सोमैया का नाम घोषित कर दिया, तबसे ही मुंडे और पूनम दोनों ही पार्टी से बेहद नाराज हैं। पार्टी से अनबन चल ही रही थी, इस बीच पूनम ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की। उसी दिन पूनम के भाई राहुल महाजन ने भी अपने घर पत्रकारों को बुलाकर बीजेपी के प्रति अपनी और अपने परिवार की नाराजगी जाहिर कर दी। राहुल ने बागी तेवर दिखाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी तक दे दी। पूनम ने भले ही राज से मुलाकात को महज पारिवारिक करार दिया हो, लेकिन राजनीतिक हल्कों ने इसे गंभीरता से लिया। राज-पूनम मुलाकात को लेकर शिवसेना पशोपेश में थी। दोनों की मुलाकात से शिवसैनिक बेहद ही खफा है। शिवसेना के एक बडे़ नेता कहते हैं कि स्व. महाजन के सामने जब कभी ऐसी स्थिति पैदा हुई तब वे सीधे मातोश्री आकर शिवसेना प्रमुख से सलाह लिया करते थे, लेकिन उन्हीं की बेटी-बेटे हैं, जो शिवसेना के दुश्मन नम्बर एक से मिलते हैं। इस पर भी महाजन परिवार उम्मीद करता है कि शिवसैनिक उनके साथ चुनाव प्रचार के लिए आएं। इसी तरह से शिवसेना के कई और शाखा प्रमुख, विभाग प्रमुख, उपनेता है जिन्होंने पूनम के साथ चुनाव प्रचार के लिए मना कर दिया है। इन्होंने मन बना लिया है कि अगर पूनम प्रचार के लिए उनके क्षेत्र में आई तो वे गांव चले जाएंगे या फिर शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार के प्रचार में चले जाएंगे। कमोवेश, यही आलम बीजेपी में उत्तर भारतीय, गुजराती, मारवाड़ी और जैन कार्यकर्ताओं के बीच है। बीजेपी पार्टी सूत्र बताते हैं कि पूनम से लोग अब कतराने लगे हैं। अगर, खुदा ना खास्ता प्रिया दत्त के सामने पूनम चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गई तब उनके साथ चुनाव प्रचार करने में बहुत दिक्कतें आएंगी।

Wednesday, March 25, 2009

वरूण को मिला बाला साहेबका आर्शीवाद, अबडर काहे का


बीजेपी सदस्य वरुण गांधी ने अपने कथित नफरत फैलाने वाले भाषणों पर शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है। ठाकरे ने वरुण के बारे में कहा था- यह वे गांधी हैं, जिसे हम पसंद करते हैं। पार्टी मुखपत्र ने बुधवार को वरुण के हवाले से कहा- मैं उनके समर्थन से गदगद हूं। मैं उनका कृतज्ञ हूं और उन्हें धन्यवाद देता हूं। शिवसेना प्रमुख को उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार के विवादास्पद मुसलमान विरोधी टिप्पणियों में कुछ भी गलत नहीं मिला। ठाकरे ने अखबार में अपनी संपादकीय टिप्पणी में कहा था- उन्होंने जो कहा है उसमें कुछ भी गलत नहीं है। वह एक गांधी हैं जिन्हें हम पसंद करते हैं। संपादकीय में कहा गया था- अपनी टिप्पणियों के लिए वरुण को माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है। वरुण ने सच बोला है। 29 वर्षीय राजनेता पीलीभीत में चुनाव सभाओं के दौरान अपने कथित मुस्लिम विरोधी भाषणों को लेकर विवाद में हैं। वरुण ने ऐसी टिप्पणियों से इनकार किया है और दावा किया है कि उनके भाषणों की सीडी से छेड़छाड़ की गई है।

शाहरूख खान करेंगे कांग्रेस का प्रचार

शाहरूख खान करेंगे कांग्रेस का प्रचार और प्रीति जिंटा भी देंगी साथ
Congress has said that Bollywood actors Shah Rukh Khan and Preity Zinta will canvass for the party in the run-up to the Lok Sabha polls.
Union minister of state for home and Congress' third-time candidate from the city Sri Prakash Jaiswal said that filmstars Shah Rukh Khan, Preity Zinta, Govinda and Nagma will campaign for the party and participate in rallies and roadshows. He said though Govinda is a Congress leader, Nagma had been an active worker and campaigned for the party in earlier elections. Asked if Khan and Preity will be able to campaign following the busy IPL schedule, Jaiswal said they will spare time for the purpose. On party's alliance with SP in Uttar Pradesh, the leader said that he had met party general secretary Amar Singh in this regard on High Command's order and the final decision will be taken by the party. Jaiswal, however, said whether Congress reaches an alliance with SP or not will have no bearing on its relationship with the Mulayam Singh Yadav-led party and the two parties will continue to support each other

Monday, March 23, 2009

नैनो को लोगों की आम बोलचाल का हिस्सा बना दिया जाए

नैनो के लॉन्च होने में अब कुछ घंटे ही बचे हैं। शाम 7 बजे इसे मुंबई में पेश कर दिया जाएगा। नैनो शुरू में 1 लाख लोगों को बेची जाएगी , जिनका सेलेक्शन रैंडमली किया जाएगा। इस कार की बुकिंग 9 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच होगी। नैनो की डिलिवरी जुलाई के शुरू से होने लगेगी। नैनो के लिए शुरुआती बुकिंग अमाउंट 2999 रुपये है। बाजार में जितनी नैनो कारें आएंगी , उनमें से आधी कारें नैनो का बेसिक मॉडल होंगी। देश भर के शोरूम में टाटा की नैनो के आने से न केवल आम लोगों का लंबा इंतजार खत्म होगा , बल्कि उद्योग जगत को कई नई मार्केटिंग तरकीबों से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा। इंजीनियरिंग , डिजाइन और प्रोडक्शन प्रक्रियाओं में कई सफल प्रयोगों की गवाह रही नैनो ने मीडिया के सस्ते और नए तरीके से इस्तेमाल की मार्केटिंग रणनीति बनाई है।
नैनो की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी की जानकारी रखने वालों ने बताया कि लोगों तक लखटकिया कार की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए टाटा मोटर्स की टीम नैनो न केवल देश भर में फैले अपने डीलर नेटवर्क का सहारा लेगी , बल्कि वेस्टसाइड और क्रोमा जैसे पारंपरिक रीटेल आउटलेट का भी उपयोग करेगी। वेस्टसाइड एक लाइफस्टाइल रीटेल ब्रांड है और क्रोमा एक इलेक्ट्रॉनिक मेगा स्टोर है। दोनो टाटा ग्रुप के तहत आते हैं। वेस्टसाइड और क्रोमा आउटलेट पर नैनो को लोगों के देखने के लिए रखा जाएगा और यहीं इसके लिए बुकिंग भी कराई जा सकेगी। इन जगहों पर बेसबॉल कैप , टी - शर्ट और चाबियों की रिंग जैसे नैनो के तमाम मर्केंडाइज उपलब्ध होंगे। अपनी वेंडर पार्टनरशिप प्रोडक्शन रणनीति को आगे बढ़ाते हुए टाटा मोटर्स ने नैनो ब्रांड के प्रमोशन के लिए कई साझेदार पीएसयू बैंक से भी मदद लेने की तैयारी की है। ये पीएसयू फाइनेंसर टाटा मोटर्स के साथ मिलकर और अपने दम पर भी नैनो ब्रांड का साझा प्रमोशन करेंगे। नैनो की मार्केटिंग रणनीति के तहत पारंपरिक मीडिया को गैर पारंपरिक तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा। दूसरी छोटी कारों की तरह नैनो विज्ञापन पर बहुत खर्च नहीं करने जा रही। इसके लिए कोई टेलीविजन पर कोई विज्ञापन नहीं दिया जाएगा और प्रिंट , रेडियो और दूसरे मीडिया माध्यमों , खास तौर पर इंटरनेट का इस्तेमाल भी बिलकुल नए तरीके से किया जाएगा। टाटा की टीम अखबारों में नैनो समाचार , रेडियो पर नैनो ब्रेक , टीवी पर टिकर या मैसेज के तौर पर , ऑनलाइन नैनो गेम , इंटरनेट पर नैनो चैटरूम , प्रमुख वेबसाइटों पर पॉप अप और फेसबुक , ऑर्कुट तथा ब्लॉगस्पेस पर नैनो वार्तालाप के जरिए छाने की तैयारी कर रही है। स्ट्रैटेजी से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया , ' विज्ञापन काफी सस्ते और अनूठे होंगे ताकि नैनो को '' छोटा , प्यारा और संक्षिप्त '' का पर्यायवाची बना दिया जाए। कुल मिला कर आइडिया यह है कि नैनो को लोगों की आम बोलचाल का हिस्सा बना दिया जाए। यह पूरी तरह एक मौखिक अभियान है।

सिर्फ वरुण गांधी के खिलाफ ही ऐसा क्यों ?'

बीजेपी के प्रवक्ता ने बलबीर पुंज ने वरुण गांधी को अब भी पार्टी का उम्मीदवार बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग का फैसला पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने कहा,' अन्य पार्टियों के कई उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। समाजवादी पार्टी के संजय दत्त को टाडा अदालत ने दोषी ठहराया है, कांग्रेस के जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार सिख विरोधी दंगों के संबंध में आरोपों का सामना कर रहे हैं, शिबू सोरेन हत्या के आरोपी हैं, फिर सिर्फ वरुण गांधी के खिलाफ ही ऐसा क्यों ?'
इसके साथ ही पार्टी ने आशंका जाहिर की कि सोनिया गांधी और मेनका गांधी के तनावपूर्ण संबंध भी चुनाव आयोग के फैसले की वजह हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम अगले मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला और कांग्रेस के नेतृत्व के बीच की निकटता के बारे में भी जानते हैं। मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। इससे पहले बीजेपी नेता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यह तय करना चुनाव आयोग का काम नहीं है कि किसे चुनाव लड़ना चाहिए और किसी की उम्मीदवारी के बारे में किसी कार्रवाई का निर्णय सिर्फ अदालतें ले सकती हैं।

Thursday, March 19, 2009

आम आदमी पिस रहा है और सरकारी आंकडों में मंहगाई घट रही है

सरकार पिछले कुछ सप्ताहों से हर गुरुवार को यह दावा कर रही है कि देश में स्फीति की दर में कमी हो रही है। इस कमी के आधार पर ऐसा दावा भी हो रहा है कि इससे महंगाई कम होती है और करोड़ों नागरिकों को इससे राहत मिलती है। अंदाजे ये भी लगाए जा रहे हैं कि मुद्रास्फीति की दर शून्य से नीचे भी जा सकती है। महंगाई को अर्थशास्त्र की भाषा में मुद्रास्फीति कहा जाता है। इस वक्त यह दर घटकर 2।43 प्रतिशत रह गई है जो पिछले 14 महीनों में सबसे कम है। लेकिन मुद्रास्फीति की दर में आई कमी का कोई असर वस्तुत: महंगाई पर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है। खाने-पीने की चीजों और रोजमर्रा के सामानों की कीमतें कम होने की बजाय चढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। मैं अपनी पत्नी के साथ हर महीने गृहस्थी का सामान पास में स्थित एक मॉल से लाता हूं। कभी-कभार स्थानीय बनिए की सेवाएं भी लेता हूं। लेकिन इस दौरान ऐसा नहीं लगा कि चीजों की कीमतें महंगाई की दर में गिरावट के अनुरूप कम हुई हैं। कुछ दिन पहले 17-18 रु. में मिलने वाली चीनी अब 21-22 रु. किलो है। दाल के भावों में कोई कमी नहीं आई है। छह महीने पहले जब कीमतों में तेजी से देश कराह रहा था, तब सबसे बढि़या किस्म के छोले थोक में 53 रु. किलो थे और रिटेल में उसकी कीमत 80 रु. थी। थोक में छोले की कीमत अब जरूर घटकर 33 रु. रह गई है, लेकिन मॉल्स और रिटेल स्टोर में कीमतें वही हैं। हरी सब्जियां अवश्य कुछ सस्ती हुई हैं, लेकिन आम आदमी की सब्जी आलू-प्याज पुराने भाव पर ही मिल रहे हैं। फलों की कीमतें कम नहीं हुई हैं। सेब 120 रु. किलो, अंगूर 60 रु. किलो, केला 23-24 रु. के एक दर्जन। ब्रेड तो दिन पर दिन महंगी ही हो रही है। यही हाल बिस्कुट, अंडे, बटर, जैम आदि का है। पेट्रॉल-डीजल और रसोई गैस की कीमतें कम हुई हैं, लेकिन उनसे मेरे ऑटो या टैक्सी का बिल कम नहीं हुआ है। सवाल यह है कि अगर मुद्रास्फीति तीन प्रतिशत से नीचे आ गई है, तो होटेल-रेस्तरां में खाने की थाली या दाल की कटोरी की कीमत कम क्यों नहीं हुई है। हवाई भाड़ा भी कम नहीं हुआ है, बल्कि एटीएफ की कीमतों में कमी के बावजूद वह बढ़ाया जा रहा है। मुद्रास्फीति की दर में कमी और महंगाई बढ़ने के इस 'अनोखे रिश्ते' का कारण यही लगता है कि सरकार के जो आंकड़े हैं, वे असलियत से कोसों दूर हैं और महज कागजों में हैं। सरकार मुद्रास्फीति की जो दर घोषित करती है, वह थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर तय की जाती है। थोक व्यापारी मित्रों का कहना है कि थोक कीमतें जरूर कम हुई हैं, लेकिन रिटेल स्तर पर इस कमी को नहीं पहुंचाया गया है। पिछले कुछ महीनों में थोक स्तर पर दालों जैसे मूंग, उड़द, चना, अरहर आदि की कीमतें 20 से 30 प्रतिशत कम हो गई हैं। इसी तरह चीनी सस्ती हुई है। गेहूं-चावल काफी सस्ते हुए हैं, लेकिन कीमतों में यह कमी नीचे तक नहीं पहुंच रही है। इसका कारण यह है कि सरकार का डंडा थोक स्तर पर तो पड़ता है, लेकिन रिटेल दुकानदारी उससे बेअसर रहती है। इसकी एक अहम वजह यह हो सकती है कि थोक व्यापारियों की संख्या कम है, उन पर निगाह रखना और उन्हें काबू में रखना आसान होता है। इसके बरक्स मॉल, डिपार्टमेंटल स्टोर्स और परचून की दुकानों की संख्या हजारों-लाखों में है। इनकी निगरानी काफी कठिन है। दूसरी वजह यह है कि इनकी जांच के काम में लगे ज्यादातर इंस्पेक्टर भ्रष्ट और कामचोर हैं। और तीसरे जनता को अपने अधिकारों की जानकारी भी नहीं है। लोगों में न तो न तो इतनी समझ है कि वे हर हफ्ते महंगाई दर के मुताबिक चीजों की कीमतों की तुलनात्मक गणना कर सकें और न ही इसके लिए उनके पास समय है। यदि लोग ऐसा करते भी हैं, तो सवाल यह है कि वे इसकी फरियाद कहां करें? जहमत उठा कर यदि शिकायत की भी जाती है, तो उस पर फैसला आने में कई साल लग जाते हैं। इस समस्या का एक दूसरा पहलू भी है। बेरोजगारी के चलते अनेक नौजवानों ने दुकानें खोल ली हैं। संयुक्त परिवार ज्यों-ज्यों बड़े हुए, उसके नए सदस्यों ने अपने रोजगार के लिए आसपास ही अपनी नई दुकानें खोल लीं। दुकानों की संख्या तो बढ़ गई, लेकिन ग्राहकों की संख्या तो तकरीबन वही रही। जाहिर है, इस कारण दुकानदारों का माजिर्न कम हुआ है, जिसे पूरा करने के लिए वे थोक स्तर पर घटाए गए मार्जिन को आम ग्राहकों तक पहुंचाने में रुचि नहीं लेते हैं। पर यहां असल सवाल कीमतों में कमी लाए जाने का है। जब महंगाई की दर पिछले तीन महीनों में एक तिहाई रह गई हो, तो कीमतों में कुछ तो कमी होनी ही चाहिए। सरकार को थोक कीमतों में हुई कमी का कुछ लाभ रिटेल स्तर पर पहुंचाने की कोशिश करनी ही चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया, तो एक दिन जनता मुद्रास्फीति की दर के आधार पर महंगाई कम होने के सरकार के दावे को मानने से ही इनकार कर देगी। सरकार चाहे तो चीजों की कीमतों और महंगाई की दर में स्पष्ट दिखने वाला रिश्ता कायम कर सकती है। गौरतलब है कि शहरों में अब ज्यादातर शॉपिंग मॉल और डिपार्टमेंटल स्टोर्स से की जाती है। इनकी संख्या कम होती है, पर आबादी के बड़े हिस्से की जरूरतें इनसे पूरी होती हैं। सरकार इन पर आसानी से निगाह रख सकती है। इसी तरह गली-नुक्कड़ों पर स्थित दुकानों, बनिया, पंसारी की निगरानी के लिए और ज्यादा इंस्पेक्टरों की नियुक्ति की जा सकती है। ये इंस्पेक्टर दुकानदारों की कारगुजारियों की अनदेखी नहीं करें, इसके लिए टीवी चैनलों पर और अखबारों में हर हफ्ते थोक कीमतों और उनसे प्रभावित अधिकतम रिटेल कीमतों की घोषणा करवाई जा सकती है। उन कीमतों को लागू नहीं करने वाले दुकानदारों के लिए कोई सजा मुकर्रर की जा सकती है। ऐसे दुकानदारों पर नकेल कसने का तरीका यह है कि उन्हें बैंक आदि से लोन न लेने दिया जाए। उनका बिजली-पानी का कनेक्शन काट दिया जाए। सोशल वर्करों को भी उनकी निगरानी का काम सौंपा जा सकता है।

Monday, March 16, 2009

सुप्रीम कोर्ट ने रैगिंग की ताजा घटनाओं को देखते हुए अपने रुख को और सख्त कर दिया

सुप्रीम कोर्ट ने रैगिंग की ताजा घटनाओं को देखते हुए अपने रुख को और सख्त कर दिया है। कोर्ट ने संबंधित शिक्षण संस्थानों और राज्य सरकारों के अधिकारियों को नोटिस भेजे हैं। इसके अलावा कोर्ट ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा है कि वह रैगिंग की वजह से जान गंवाने वाले छात्र अमन काचरू के इलाज में बरती गई लापरवाही की जांच करे। अमन कांगड़ा के राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलिज का छात्र था। उसकी 8 मार्च को सीनियर स्टूडंट्स के हाथों हुई पिटाई में मौत हो गई थी। इसके बाद एक दूसरे मामले में आंध्र प्रदेश के एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग कॉलिज की एक छात्रा ने भी रैगिंग की वजह से जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की। इन मामलों के मद्देनजर जस्टिस अरिजित पसायत और अशोक कुमार गांगुली की बेंच ने हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी और डायरेक्टर जनरल से कहा है कि वे हलफनामा दाखिल करके बताएं कि रैगिंग के मामले में कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। कोर्ट इससे पहले आर. के. राघवन कमिटी की सिफारिशों के आधार पर रैंगिग रोकने के निर्देश जारी कर चुकी है। कोर्ट ने राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलिज के रजिस्ट्रार से पूछा है कि हलफनामा पेश कर बताएं कि रैगिंग का वाकया सामने आने के बाद उन्होंने क्या किया। बेंच ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से उन आरोपों की जांच करने के लिए कहा है जिनके मुताबिक, डॉक्टर ने अमन की चोटों की पूरी तरह मेडिकल जांच नहीं की, जिनके चलते उसकी 8 मार्च को मौत हो गई। कोर्ट ने कहा है कि अगर डॉक्टर दोषी है तो बताया जाए कि उसके खिलाफ किस तरह का एक्शन लिया जाएगा। यूजीसी बनाएगी कडे़ कानून : अमन काचरू की मौत के बाद यूजीसी ने भविष्य में ऐसे मामले रोकने के लिए कडे़ कानून बनाने का फैसला किया है। इन्हें अप्रैल के पहले सप्ताह तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इसके लिए यूजीसी ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन, डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, नैशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से भी सलाह मशवरा करेगी। आरोपियों की कस्टडी बढ़ी : धर्मशाला की स्थानीय अदालत ने अमन काचरू की हत्या में आरोपी दो मेडिकल स्टूडंट्स अभिनव वर्मा और मुकुल शर्मा की पुलिस कस्टडी 19 मार्च तक के लिए बढ़ा दी है।

Friday, March 13, 2009

जिंदा आदमी का भी डेथ सर्टिफिकेट

किसी जिंदा आदमी का भी डेथ सर्टिफिकेट बन सकता है, शायद लोग इस पर विश्वास न करें, पर सच यह है कि चर्चगेट के एक जिंदा आदमी के एक नहीं, पांच डेथ सर्टिफिकेट बने हैं। जिस यातीन प्रभाराव पर ये डेथ सर्टिफिकेट बनवाने का शक है, सेशन कोर्ट ने गुरुवार को उसकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी। इस मामले में बीएमसी के भी कई कर्मचारी, अधिकारियों के फंसने की संभावना है। डेथ सर्टिफिकेट का यह पूरा मामला तब सामने आया, जब मुम्बई क्राइम ब्रांच ने 400 करोड़ रुपए के एक घोटाले की छानबीन शुरू की। इस घोटाले का पर्दाफाश जिन लोगों की वजह से ओपन हुआ, उनमें मुख्य था चर्चगेट का 72 साल के एक बुजुर्ग। इस बुजुर्ग ने अंधेरी में चकाला में एक नामी रीयल इस्टेट डेवलपर को 400 करोड़ रुपए की प्रापर्टी बेची थी। यह प्रापर्टी उस जगह पर है, जहां हर साल कारों का मेला लगता है। जब चर्चगेट के बुजुर्ग से यह डील फाइनल हो गई, तो डेवलपर ने इस जगह पर बिल्डिंग बनाने की प्रक्रिया शुरू की, उसी दौर में यातीन प्रभाराव नामक एक व्यक्ति ने दावा किया कि उसके पास इस प्रापर्टी की पावर ऑफ अटार्नी है। ऐसे में चर्चगेट के बुजुर्ग और डेवलपर दोनों ने यातीन के खिलाफ मुम्बई क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज करा दी। इसके बाद अपनी गिरफ्तारी की आशंका में यातीन सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए चला गया। पिछले सप्ताह अग्रिम जमानत की सुनवाई के दौरान यातीन ने अदालत में चर्चगेट के जिंदा बुजुर्ग का डेथ सर्टिफिकेट पेश कर दिया। पर सरकारी वकील को यातीन के इस दावे पर शक हुआ। वकील ने अदालत को बताया कि जिस बुजुर्ग का यातीन डेथ सर्टिफिकेट पेश कर रहा है, वह बुजुर्ग अभी भी जिंदा है। मुम्बई क्राइम ब्रांच ने खुद इस बुजुर्ग का बयान रेकार्ड किया है। ऐसे में सरकारी वकील के अनुसार संभव है कि इस बुजुर्ग का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट किसी ने बनवाया हो। इस पर यातीन प्रभाराव ने अदालत में दावा किया कि जो आदमी इस प्रापर्टी का मालिक होने का दावा कर रहा है, वह फर्जी व्यक्ति है। इस पर जज ने मुम्बई क्राइम ब्रांच से इस डेथ सर्टिफिकेट की विश्वसनीयता की जांच करने को कहा था और बुधवार को अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा था। जांच के दौरान मुम्बई क्राइम ब्रांच को तब आश्चर्य हुआ, जब उसने पाया कि चर्चगेट के जिंदा बुजुर्ग के बीएमसी के अलग-अलग वार्डों से एक नहीं, पांच-पांच डेथ सर्टिफिकेट बने हैं और वह भी ऑन लाइन। खास बात यह है कि यातीन ने चर्चगेट के बुजुर्ग का डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए बीएमसी में जो ऑन लाइन अर्जिरयां दी थीं, उसमें आवेदक के रूप में पांच अलग-अलग नाम लिखे गए थे।

दहिसर में मर्डर केस में १६ वर्ष की युवती फंसी

दहिसर क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाई है, जिसमें 16 साल की लड़की गुड़िया भी शामिल थी। पुलिस ने उसके साथ ऑटो ड्राइवर दिनेश चतुर्वेदी उर्फ मनोज दुबे को भी गिरफ्तार किया है। दोनों ने 4 मार्च की रात वसई में एलआईसी एजेंट रत्नाकर कोंडलकर की हत्या कर दी थी। सीनियर इंस्पेक्टर मिलिंद खेतले के अनुसार इस हत्या की एफआईआर वसई के नवघर मणिकपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज है। क्राइम ब्रांच सूत्रों का दावा है कि गुड़िया को शराब की लती थी और वह 35 साल के ऑटो चालक दिनेश के साथ अक्सर घूमती रहती थी। वारदात वाले दिन भी दोनों साथ- साथ थे। उस दिन भी गुड़िया और दिनेश ने शराब पी और फिर दोनों खाना खाने के लिए दहिसर इलाके में एक चाइनीज स्टॉल पर गए। वहां उनकी रत्नाकर से मुलाकात हुई। रत्नाकर दिनेश को अच्छी तरह पहचानता था और जब उसने दिनेश को लड़की के साथ देखा, तो वह भी दिनेश के साथ हो लिया। बाद में तीनों दिनेश के ऑटो में बैठकर वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे से वसई पहुंचे। वहां गुड़िया ने रत्नाकर से पैसे मांगे। जब रत्नाकर ने गुड़िया को पैसे नहीं दिये, तो दोनों के बीच कहासुनी हो गई। बाद में गुड़िया ने रत्नाकर पर हमला कर दिया। जिसमें रत्नाकर घायल हो कर नीचे गिर गया। इस पर दिनेश को लगा कि रत्नाकर पुलिस में शिकायत दर्ज करा देगा, इसलिए दिनेश ने भी पत्थर से रत्नाकर पर हमला बोल दिया। इसमें रत्नाकर की मौत हो गई। इसके बाद नवघर मणिकपुर पुलिस ने तो मामले की जांच शुरू की ही, दहिसर क्राइम ब्रांच ने भी इसकी पड़ताल शुरू कर दी। उसी प्रक्रिया में मंगेश सुवेर् नामक पुलिस कमीर् को दोनों हत्यारों की टिप मिली और इसके बाद गुड़िया व दिनेश को गिरफ्तार कर लिया गया।

Tuesday, March 10, 2009

बच्ची सिंह गोलीकांड में छोटा राजन के चार साथियों पर मकोका

मुम्बई क्राइम ब्रांच ने बच्ची सिंह गोलीकांड में छोटा राजन के चार साथियों पर मकोका लगा दिया है। जिन आरोपियों पर मकोका लगाया गया है, उनके नाम हैं कमाल सिद्दीकी, परवेज अख्तर, अनीस शेख और अजगर खान।

क्राइम ब्रांच चीफ राकेश मारिया ने बताया कि इन सभी आरोपियों को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। बच्ची सिंह पर गोलीबारी पिछले साल अंधेरी में चलाई गई थी। बच्ची सिंह पेशे से बिल्डर हैं। इकबाल अतरावाला के मुम्बई डिपॉर्ट होने के बाद मुम्बई क्राइम ब्रांच ने उसे भी उस दौरान गिरफ्तार किया था।

Sunday, March 8, 2009

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट

बोकारो की एक कोर्ट ने उत्तर भारतीय लोगों के खिलाफ अभियान के जरिए कटुता फैलाने के आरोप में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किया है। कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस से राज को गिरफ्तार करने और पेश करने को कहा। ठाकरे के मौजूद नहीं होने के बाद न्यायिक मैजिस्ट्रेट बी. के. तिवारी ने आदेश जारी किया। राज ठाकरे के खिलाफ यह पांचवां गिरफ्तारी वॉरंट है। पांच जिलों में ठाकरे के खिलाफ आठ मामले दर्ज हैं और सभी में एक ही तरह की शिकायत है।

लक्ष्मी विलास होटल मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत ने ग्राहकों को एक बड़ी राहत वाला फैसला दिया

शहरों में अधिकांश लोगों का होटल से पाला पड़ता ही है। कुछ लोगों के लिए होटल में खाना मजबूरी है, कुछ के लिए शौक तो कुछ के लिए फैशन है। होटल के खाने में गड़बड़ी होने पर अधिकांश लोग चुप लगा कर बैठ जाते हैं। एकाध ऐसे भी निकल आते हैं जो होटल के मालिक से शिकायत करते हैं और प्राय: होटल मालिक उन्हें ही डाट देता है। होटल मालिक दो टूक शब्दों में बोल देता है कि जाओ जो करना है कर लो चाहे जहां इच्छा हो वहां जाकर शिकायत करो। इसके बाद ग्राहक चुप लगा कर बैठ जाता है। लेकिन एलिस गर्ग बनाम एम/एस लक्ष्मी विलास होटल मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत ने ग्राहकों को एक बड़ी राहत वाला फैसला दिया है। एलिस गर्ग ने 115 रु. प्रति व्यक्ति भुगतान कर लक्ष्मी विलास होटल 140 लोगों की डिनर पार्टी के लिए बुक किया था। अवसर था एलिस के नाती का जन्म दिन। खाने पर कई अतिथियों ने खाने के खराब गुणवत्ता की शिकायत की। अगले दिन सुबह कई लोग बीमार हो गए। उन्हें डायरिया और उल्टी की शिकायत हुई। एलिस ने यह मसला होटल के मालिक के सामने रखा। लेकिन होटल के मालिक के रवैए से उन्हें संतोष नहीं हुआ। एलिस ने होटल के खिलाफ जिला उपभोक्ता अदालत में शिकायत की। उन्होंने होटल से मानसिक परेशानियों के लिए एक लाख रु. और चिकित्सा खर्च के लिए 50 हजार रु. की मांग की। जिला उपभोक्ता अदालत ने एलिस की शिकायत को सही ठहराया। जिला उपभोक्ता अदालत ने होटल को निर्देश दिया कि वह एलिस को 11 हजार रु. भुगतान करें। जिला उपभोक्ता अदालत के इस फैसले को होटल ने राज्य उपभोक्ता अदालत में चुनौती दी। राज्य उपभोक्ता अदालत ने जिला उपभोक्ता अदालत के फैसले को उलट दिया। इससे असंतुष्ट एलिस ने राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत में दस्तक दी। राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत ने अपने फैसले में कहा कि होटल के 10 अतिथियों ने हलफनाम दायर किया था। होटल ने किसी भी हलफनामे को चुनौती नहीं दी। राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत ने कहा कि इस मामले में यह कह कर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की जा रही है कि पार्टी का आयोजन लक्ष्मी विलास रेस्तरां में की गई थी जबकि मामले से सम्बंधित लोग लक्ष्मी विलास होटल के मालिक हैं। राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत ने एलिस गर्ग की शिकायत को सही ठहराया।

Friday, March 6, 2009

विजय माल्या द्वारा खरीद लेने को बापू के प्रपौत्र तुषार गांधी ने चमत्कार करार दिया।

अमेरिका में हुई नीलामी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की धरोहरों को प्रसिद्ध बिजनसमन विजय माल्या द्वारा खरीद लेने को बापू के प्रपौत्र तुषार गांधी ने चमत्कार करार दिया। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि ये स्मृति चिहन अब भारत आ सकेंगे। उन्होंने कहा- मैं काफी खुश हूं कि विजय माल्या ने ये वस्तुएं खरीदीं और अब वह भारत आ सकेंगी। तुषार ने कहा कि वह इस बात को लेकर काफी आशंकित थे कि नीलामी में कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि अपने मित्र और पूर्व क्रिकेटर दिलीप दोषी की मदद से इन धरोहरों को हासिल करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने एनडीटीवी से कहा- हमने कुछ सुरक्षा उपाय कर रखे थे और दोषी भी इन वस्तुओं के लिए बोली लगा रहे थे। लेकिन हमने महसूस किया कि ऐसा हो सकता है कि कोई भारतीय उनके खिलाफ बोली लगा रहा हो तो उन्होंने 17 लाख डॉलर पर बोली लगानी बंद कर दी। यह पूछे जाने पर कि क्या बिजनसमन माल्या के बोली लगाने से वह आश्चर्यचकित थे तो तुषार ने कहा- यह नहीं कह सकता कि मैं आश्चर्यचकित था। मैं उम्मीद कर रहा था कि इस तरह का कुछ होगा क्योंकि मुझे हमेशा विश्वास रहा कि चमत्कार होते हैं और जो हुआ उसके बारे में मेरा मानना है कि यह चमत्कार है। तुषार ने कहा कि माल्या सबसे आगे बढ़कर बोली लगाने और बापू की धरोहरों को खरीदने में सक्षम थे। यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रपिता की विरासत खो गई हैं तो उन्होंने कहा कि बापू की विरासत को मुझे और लोगों से दूर होने की अनुमति दी गई।

Thursday, March 5, 2009

आतंकवादी बड़ी आसानी से बच निकले

लाहौर में श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर जानलेवा हमला कर आतंकवादी बड़ी आसानी से बच निकले और पाकिस्तान की पुलिस बस हाथ मलती रह गई। अब पाकिस्तान इस हमले का कनेक्शन भारत से जोड़ रहा है। पाकिस्तान के एक मंत्री की माने तो इस हमले के पीछे भारत का हाथ है और आतंकी भारत से आए थे। पाकिस्तान के शिपिंग राज्यमंत्री सरदार नबील अहमद गबोल ने कहा, 'हमें अब तक जो सबूत मिले हैं, वह बताते हैं कि हमलावर भारत की तरफ से आए थे।' उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान को पूरी दुनिया में बदनाम करने की साजिश है। उनका कहना था कि यह मुंबई पर हुई हमले का बदला था। यही नहीं गबोल ने इसे भारत की तरफ से खुली जंग तक कह डाला। बता दें कि गबोल आसिफ अली जरदारी की पार्टी से ही हैं।

Monday, March 2, 2009

मुंबई में भी सिंगापुर की तरह ए सी डबल डेकर बसे शीघ्र

मुंबई में भी सिंगापुर की तरह ए सी डबल डेकर बसे जल्दी आने की संभावना है
सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग की तर्ज पर अब मुंबई में भी डबल डेकर एसी बसें चलाई जाएंगी। 'बेस्ट' को ये एसी बसें मुफ्त में मिल रही हैं। सोमवार को बेस्ट समिति ने मुफ्त में मिलने वाली बस के प्रस्ताव को बहुमत से मंजूर कर लिया है। मेसर्स एकॉर्ड एडवरटाइजमंट प्रा.लि. ने बेस्ट को 100 डबल डेकर एसी बसें मुफ्त में देने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन कमिटी ने प्रायोगिक तौर पर 10 बसें ही स्वीकार करने का फैसला किया है। इसकी सफलता पर ही 90 डबल डेकर बसों का भविष्य तय किया जाएगा। बस देने के एवज में कंपनी को 10 साल का विज्ञापन अधिकार मिलेगा। डबल डेकर एसी बस के अंदर और बाहर लगने वाले विज्ञापन पर कंपनी का अधिकार होगा। डबल डेकर बस की खूबियां गिनाते हुए कंपनी के डाइरेक्टर अनिल कन्नमबिल्ले ने बताया कि सभी अत्याधुनिक हैं। बस के अंदर पैर फैलाकर बैठने की सुविधा होगी और दोनों तरफ दो-दो सीटें होंगी। यात्रियों के खड़े रहने के लिए भी भरपूर जगह होगी। अनिल का दावा है कि इस बस में बैठने के बाद यात्रियों को बेहतर अनुभव होगा और दोबारा यात्रा करने की इच्छा पैदा होगी। डबल डेकर बस में मिलने वाले टिकिट पर भी कंपनी ने विज्ञापन अधिकार की मांग की थी लेकिन बेस्ट कमेटी ने उसे स्वीकार नहीं किया। कमेटी में चर्चा के दौरान कांग्रेस के रवि राजा कहा कि बेस्ट का यह नया प्रयोग अच्छा है, दूसरी बात ये बसें मुफ्त में मिल रही हैं तो हर्ज ही क्या है। वैसे बेस्ट के पास एक समय 147 बसें थी जो अब घटकर 125 ही रह गई हैं। गौरतलब है कि बेस्ट को सबसे ज्यादा नुकसान डबल डेकर चलाने से ही होता है और ऐसे में नई डबल डेकर एसी बसें आने से खर्च में और भी बढ़ोतरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

Sunday, March 1, 2009

जेम्स फर्नांडीस ने गुरुवार की रात अपनी पत्नी थ्रेसा फर्नांडीस (32) की हत्या कर दी।

कफ परेड के अंबेडकर नगर झुग्गी बस्ती में रहने वाले जेम्स फर्नांडीस ने गुरुवार की रात अपनी पत्नी
थ्रेसा फर्नांडीस (32) की हत्या कर दी। कफ परेड पुलिस स्टेशन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की रात जेम्स और उसकी पत्नी थ्रेसा में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। बात तब आगे बढ़ गई जब जेम्स ने थ्रेसा के चरित्र पर आरोप लगाए। थ्रेसा को गुस्से में देख जेम्स ने उसे धक्का दे दिया। उसका सिर जमीन पर जा टकराया और सिर में लगी गंभीर चोट जानलेवा साबित हुई। मामले के जांच अधिकारी विलास भोले ने बताया कि इस मामले में जेम्स ने खुद को बचाने के लिए यह कहा कि थ्रेसा की मौत सीढ़ियों से गिरने की वजह से हुई है क्योंकि वह नशे में धुत थी। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस का शक सही साबित हुआ कि थ्रेसा की मौत गिरने से नहीं हुई, बल्कि उसे चोट पहुंचाकर जान से मारने की कोशिश की गई थी। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि थ्रेसा नशे में थी। पिछले कई महीनों से थ्रेसा अपनी बेटी सुसन के घर में रह रही थी।