Wednesday, March 31, 2010

'बेस्ट' की बसों को सीएनजी बसों में रूपांतरित करने की पहल

'बेस्ट' की बसों को सीएनजी बसों में रूपांतरित करने की पहल को लेकर बृहन्मुम्बई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन उपक्रम (बेस्ट) और हिंदुजा समूह के अशोक लेलैंड ने हाथ मिलाया है। इस पहल के तहत बेस्ट की 761 बसों को सीएनजी में बदलने का काम अशोक लेलैंड द्वारा किया गया है, जो अब मुम्बई की सड़कों पर दौड़ने को तैयार हैं। यह जानकारी उपक्रम से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने दी। इस बाबत बेस्ट उपक्रम के जीएम उत्तम खोब्रागडे ने बताया कि बेस्ट की बसों का सीएनजी में रूपांतरण उपक्रम के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा। इससे उपक्रम की परिचालन क्षमता तो बढ़ेगी ही, बेड़े का उत्सर्जन कम करने में भी मदद मिलेगी। मोटर वाहन निर्माताओं तथा बेस्ट उपक्रम के तकनीकी अधिकारियों की संयुक्त टीम ने अशोक लेलैंड के इंजीनियरों के निदेर्शन में दस महीनों तक चले संयुक्त आपरेशन में बेस्ट की 761 डीजल बसों को सीएनजी बसों में बदल दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब वाहन निर्माता द्वारा बड़े पैमाने पर पर्यावरण और आथिर्क लाभ की पेशकश की गई है। फिलहाल, अशोक लेलैंड की करीब 6500 सीएनजी बसें देश भर दौड़ रही हैं।

Monday, March 29, 2010

बेरोजगार युवकों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना मुश्किल

ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में एफिडेविट पर लगी रोक से बेरोजगार युवकों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना मुश्किल हो गया है। राज्य सरकार के परिवहन आयुक्त द्वारा जारी आदेश के बाद मुम्बई के तीनों क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में लाइसेंस के आवेदनों में गिरावट आई है। अब तक एफिडेविट के सहारे मोटर वाहनों की रजिस्ट्री हो जाती थी और लाइसेंस मिल जाता था। हाल में परिवहन आयुक्त कार्यालय ने सम्पूर्ण साक्ष्य और औपचारिकताओं के बाद ही मोटर वाहन की रजिस्ट्री करने और लाइसेंस देने का फैसला किया है। इससे पहले एफिडेविट अथवा बीमा रसीद के आधार पर वाहनों की रजिस्ट्री कर दी जाती थी। अब वेतन प्रमाण पत्र, पॉनकार्ड, राशनकार्ड, बिजली का बिल, किरायेदार हैं, तो उसका रजिस्टर्ड एग्रीमेंट जैसे साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे। साथ ही जेराक्स प्रति देते समय मूल प्रति दिखाना भी अनिवार्य होगा। एफिडेविट पर रोक से ड्राइविंग लाइसेंस बनाना मुश्किल हो गया है। इस समस्या के हल और ड्राइविंग लाइसेंस के अन्य उपयोग या दुरुपयोग रोकने के लिए परिवहन विशेषज्ञों की राय है कि ड्राइविंग लाइसेंस सिर्फ ड्राइविंग के लिए उपयोग में लाया जाए और इसे किसी अन्य तरह का प्रूफ न माने जाए। इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस कार्ड पर लिखा जाए 'यह कार्ड सिर्फ ड्राइविंग के लिए है। जिस तरह से राज्य सरकार ने राशन कार्ड को सिर्फ राशन लेने के लिए मान्य किया है और उसे रेसिडेंशल प्रूफ के तौर पर अमान्य किया है। इसी तरह से रिलायंस एनर्जी ने भी अपने बिजली बिलों पर लिखना शुरू किया है कि यह रेसिडेंशल या अन्य किसी तरह का प्रूफ नहीं है। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब तक भारत का नागरिक किसी भी आरटीओ में स्थानीय केयर ऑफ एडरेस और पते और जन्म का सर्टिफिकेट न होने पर एफिडेविट दे कर लाइसेंस बनवा सकता था। ठाणे जिले में रहने वाले कई लोग अपनी सुविधा के अनुसार मुम्बई के आरटीओ से ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लेते थे, लेकिन एफिडेविट पर लगी पाबंदी के बाद अब यह संभव नहीं है। वाहनों के पंजीयन के लिए नया नियम ठीक है, लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस के लिए यह उचित नहीं है। एफिडेविट पर लगी पाबंदी के बाद ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदनों में गिरावट आई है। अंधेरी आरटीओ में लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस की संख्या प्रति दिन 1500 से घट कर 250 रह गई है। इधर उपनगरों के पालक मंत्री नसीम खान ने इस समस्या का हल निकालने के लिए परिवहन मंत्री राधाकृष्ण विखेपाटील, परिवहन आयुक्त डी. जी. जाधव और मोटर ट्रेनिंग स्कूल मालिकों की संयुक्त बैठक बुलाई है। श्री खान से शिकायत की गई है कि आयुक्त का आदेश कानून विरोधी है। सेंट्रल मोटर ऐक्ट में एफिडेविट दे कर लाइसेंस बनवाने का अधिकार है। अंधेरी के आर.टी.ओ. इंस्पेक्टर श्री कोटकर के अनुसार अधिकांश मुम्बई-ठाणे में रहने वाले कई लोग यहां ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते हैं जबकि उन्हें अपने प्रदेश के संबंधित जिले से लाइसेंस बनवाना चाहिए। मोटर ट्रेनिंग स्कूल मालिकों का कहना है कि मुम्बई-ठाणे में कई सालों से रहने वालों के लिए अपने गांव जा कर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना संभव नहीं हैं। यदि ठाणे में रहनेवाला कोई नागरिक आवश्यक दस्तावेजों के साथ यदि मुम्बई के आरटीओ में लाइसेंस बनवाता है तो इसमें आपत्ती क्या है। मुम्बई का वह केयर ऑफ एडरेस दे रहा है और एफिडेविट दे रहा है तो इसे मान्य किया जाना चाहिए। वास्तव में एफिडेविट का मामला 122 विदेशी कारों के मुम्बई में रजिस्ट्रेशन से उठा है। कुछ विदेशी कारों का रजिस्ट्रेशन ट्रेवल एजेंट के पास जमा पासपोर्ट से हुआ। जिसका पता दिया गया, उसके पास कार तो दूर साइकिल भी नहीं निकली। जिन दो संदिग्ध आतंकियों ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया था उसमें एफिडेविट नहीं बल्कि पासपोर्ट प्रूफ के तौर पर दिया गया था।

Friday, March 26, 2010

शोरूम से निकलते ही गाड़ी में आग लग गई।

जब सतीश सावंत मालाओं से सजी अपनी नई-नवेली नैनो को लेकर शोरूम से निकले, तो उनका मन झूम रहा था। घर पर उनके परिवारवाले भी अपनी नई गाड़ी का इंतजार कर रहे थे। लेकिन उन्होंने सोचा भी नहीं था कि वह घर गाड़ी को नहीं, बल्कि बस एक बुरी खबर लेकर जाएंगे। सावंत की कार को एक डीलर का एक एम्पलॉयी सावंत के घर लेकर जा रहा था, लेकिन शोरूम से निकलते ही गाड़ी में आग लग गई। कुछ ही देर में गाड़ी और उसके साथ सावंत की उमंगें धू-धू कर जल गईं। इस घटना से टाटा मोटर्स को भी बड़ा सदमा लगा है। उसे समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा कैसे और क्यों हुआ। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम अब भी नहीं समझ पा रहे हैं कि ऐसा कैसे हुआ और इसके पीछे वजहें क्या थीं। इससे पहले भी कुछ ऐसी घटनाएं हुई थीं, जब नैनो में धुआं उठने लगा था। लेकिन कंपनी का कहना है कि इस घटना और पहले हुई घटनाओं में कोई कनेक्शन नहीं है। प्रवक्ता ने कहा कि यह एक अलग घटना है और इसका पहले हुई घटनाओं से कोई लेनादेना नहीं है। प्रवक्ता के मुताबिक कार से धुआं निकलने की घटनाएं एक स्विच में फॉल्ट की वजह से हुई थीं। इसके लिए सड़क पर आ चुकी सभी गाड़ियों के पार्ट्स की अच्छी तरह से जांच कर ली गई थी। कंपनी ने सावंत की गाड़ी में लगी आग की जांच शुरू कर दी है।

Tuesday, March 23, 2010

अस्पतालों व सरकारी इमारतों से भी हेलिकॉप्टर उड़ेंगे।

अब वह दिन दूर नहीं जब महानगर के ऊंचे टावरों से हेलिकॉप्टर उड़ते दिखाई दें। यही नहीं अस्पतालों
व सरकारी इमारतों से भी हेलिकॉप्टर उड़ेंगे। बीएमसी की सुधार समिति में हेलिपैड का प्रस्ताव लाया जा रहा है परंतु इस प्रस्ताव के सामने एक अहम रुकावट केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश का वह बयान है जिसमें उन्होंने मुम्बई में हेलिकॉप्टर उड़ाने का एक तरह से विरोध किया था। हालांकि यह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है, फिर भी लगता है बीएमसी व राज्य सरकार हेलिपैड बनाने पर एकमत हैं। मुम्बई महानगर के टावरों पर हेलिपैड बनाने की मांग कई सालों से की जा रही है। यह मांग उस समय और जोर पकड़ ली जब अंबानी बंधुओं ने अपने बिल्डिंगों पर हेलिपैड बनाना शुरू किया वह भी बिना बीएमसी की अनुमति के। बीएमसी ने उन जुर्माना भी लगाया। मुम्बई के बिल्डिंगों पर हेलिपैड बनाने के लिए डेवलपमेंट रूल्स में बदलाव के लिए प्रस्ताव ला रही है। प्रस्ताव के मुताबिक मुम्बई के ऊंचे टावर या फिर बिल्डिंग पर हेलिपैड बनाया जा सकेगा। हेलिकॉप्टर में प्राधिकरण द्वारा तय की गई जगह पर फ्यूल भरा जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक, हेलिपैड सिर्फ प्राइवेट बिल्डिंगों पर ही नहीं बल्कि सरकारी इमारतों के साथ-साथ अस्पतालों पर भी बनेंगे। हेलिपैड बनाने वालों को लगभग 40 तरह के एनओसी लेने होंगे।

Monday, March 22, 2010

षडमुखानंद ऑडिटोरियम में आयोजित बिहार दिवस

सोमवार को मुंबई में हिंदीभाषियों और मराठी मानुषों के बीच फिर तलवारें खिंचने की आशंका है। वजह
है हिंदीभाषियों का एक कार्यक्रम। दो साल पहले मुंबई में उत्तर प्रदेश दिवस की धूम के बाद शुरू हुआ राज ठाकरे का तांडव थमा नहीं था कि 22 मार्च को मुंबई में पहली बार बिहार दिवस मनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 7 नवंबर, 2009 को बनाए गए बिहार फाउंडेशन ने यह तैयारी की है। फाउंडेशन के मुंबई अध्यक्ष आर.एस. श्रीवास्तव को उम्मीद है कि बिहार दिवस के बाद वैसा कुछ नहीं होगा जैसा उत्तर प्रदेश दिवस मनाने के बाद राज ठाकरे की ओर से किया गया था। उनकी दलील है कि यह समारोह जय महाराष्ट्र का जवाब कतई नहीं है, इसलिए इस पर एमएनएस या किसी को ऐतराज नहीं होनी चाहिए।
आयोजकों के मुताबिक बिहार फाउंडेशन बिहार सरकार के सौजन्य से ही बनी संस्था है, जिसका उद्देश्य राज्य से बाहर रह रहे बिहारी मूल के लोगों को बिहार के विकास के लिए प्रेरित करना है। बिहार सरकार की यह कोशिश न सिर्फ मुंबई, बल्कि बेंगलुरु, चेन्नै, दिल्ली और कोलकाता जैसे महानगरों में भी बिहार फाउंडेशन का गठन करके शुरू किया जा चुका है। इन सभी स्थानों पर फाउंडेशन की जिम्मेदारी इन राज्यों में काम करने वाले ऐसे ऊंचे ओहदे वाले अफसरों को दी गई है, जो मूल रूप से बिहार के रहनेवाले हैं। श्रीवास्तव सफाई देते हैं कि मुंबई में उत्तर प्रदेश दिवस समारोहों का स्वरूप जहां सांस्कृतिक रहा है, वहीं बिहार दिवस के मौके पर खालिस विकास पर जोर रहेगा। सोमवार को मुंबई की सबसे अधिक क्षमता वाले षडमुखानंद ऑडिटोरियम में आयोजित हो रहे बिहार दिवस समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे। गौरतलब है कि 22 मार्च 1912 को बिहार बंगाल से अलग हुआ था। इस मौके पर बिहार में सरकारी छुट्टी तय की गई है। सोमवार को बिहार में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।

Saturday, March 20, 2010

अगर इस बात पर सरकार गंभीरता से ध्यान नहीं देगी तो हम हमारे आंदोलन जारी रखेंगे।

एमएनएस कार्यकर्ताओं पर जबरन वसूली का आरोप करने वाले फिल्म निर्माता महेश भट्ट का राज ठाकरे ने जमकर मजाक उड़ाया। वे 'मी महाराष्ट्राचा, महाराष्ट्र माझा' नामक पाक्षिक के प्रकाशन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि महेश भट्ट द्वारा की गई जबरन उगाही की शिकायत के आधार पर ही एमएनएस के 11 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। राज ठाकरे ने अपने वक्तव्य में कहा कि मेहबूब स्टुडियो में एमएनएस के कार्यकर्ता इस बात का विरोध करने गये थे कि वहां विदेशी कलाकार बिना वर्क परमिट के फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। लेकिन निर्माता निर्देशक महेश भट ने उन पर जबरन उगाही का झूठा आरोप लगाया। ठाकरे ने कहा कि अगर बिना अनुमति से विदेश से इस तरह भारत में लोग आते रहे तो 26/11 जैसे हमले होते रहेंगे। अगर इस बात पर सरकार गंभीरता से ध्यान नहीं देगी तो हम हमारे आंदोलन जारी रखेंगे। पाक्षिक के संपादक शिरीष पारकर ने कहा कि यह पाक्षिक महाराष्ट्र, मराठी माणूस और मराठी अस्मिता को समर्पित है।

Friday, March 12, 2010

मोबाइल सर्विस प्रवाइडर एयरटेल को भी निशाना बनाया।

सुप्रीम कोर्ट से भड़काऊ भाषण नहीं देने की नसीहत मिलने के अगले ही दिन एमएनएस के मुखिया राज ठाकरे ने कहा कि हमारे ऊपर हिंदी थोपी नहीं जानी चाहिए। इतना ही नहीं राज ने मराठी में अनाउंसमेंट शुरू नहीं करने पर मोबाइल सर्विस प्रवाइडर एयरटेल को भी निशाना बनाया। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि एयरटेल की 'टेल' उखाड़ दें। इसके तुरंत बाद खबर आई कि एमएनएस कार्यकर्ताओं ने ठाणे में इस कंपनी के एक शोरूम पर हमला किया। हालांकि पुलिस ने कहा कि ऐसा कोई हमला नहीं हुआ है।
राज ने इस बात पर नाराजगी जताई कि यह कंपनी इंटरैक्टिव वॉइस रेस्पॉन्स (आईवीआर) तकनीकी कारणों का हवाला देकर मराठी में शुरू नहीं कर रही है। मटुंगा के यशवंत नाट्यगृह में अपनी पार्टी के चौथे स्थापना दिवस समारोह में उन्होंने कहा कि अब आप (एमएनएस कार्यकर्ता) एयरटेल की 'टेल' उखाड़ दें। इस बीच सूत्रों ने कहा कि इस कंपनी ने राज को चिट्ठी भेजकर कहा है कि वह मराठी में आईवीआर शुरू करेगी। राज ने कहा कि मैं हिंदी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन हमारे ऊपर हिंदी थोपिए मत। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उनसे कहा था कि उत्तर भारतीयों को निशाना बनाकर भड़काऊ भाषण नहीं दें। राज ने एमएनएस कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करवाने को कहा कि रेलवे स्टेशनों और एयरपोर्ट्स पर अनाउंसमेंट मराठी में हों। राज ने कहा कि एमएनएस महिला आरक्षण बिल का पूरा समर्थन करती है। उन्होंने बिल के विरोधी लालू प्रसाद और मुलायम सिंह यादव का मजाक उड़ाते हुए कहा कि इस विरोध से पता चलता है कि उनकी संस्कृति कैसी है।

Monday, March 8, 2010

घबराई छात्रा ने ट्रेन के सामने छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली।

दसवीं की परीक्षा का हॉल टिकट (प्रवेश पत्र) खो गया तो घबराई छात्रा ने ट्रेन के सामने छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। ठाणे जिले के वांगणी स्थित वेडिस गांव में रहने वाली 15 वर्षीय शेवंता निरगुडे नामक छात्रा दसवीं की परीक्षा दे रही थी। मराठी माध्यम की इस छात्रा का प्रवेश पत्र मराठी की परीक्षा देने के बाद खो गया था। उसने प्रवेश पत्र खो जाने की बात घर वालों को बताई थी। शेवंता के भाई ने उससे कहा था कि दूसरे दिन वह स्कूल जाकर स्कूल वालों से प्रवेश पत्र खोने के बारे में बता देगा। सूत्रों के अनुसार दूसरे दिन शेवंता परीक्षा देने की बजाय वांगणी रेलवे स्टेशन गई और सामने से आ रही प्रगति एक्सप्रेस के सामने छलांग लगा दी। घटना के चलते शेवंता के घर वालों को गहरा मानसिक आघात पहुंचा है।

Thursday, March 4, 2010

'हिंदुस्तान सबका है।'आशा भोंसले

जानी मानी गायिका आशा भोंसले ने मुम्बई और महाराष्ट्र में इन दिनों हावी संकीर्ण क्षेत्रीय भावनाओं से अपने आप को दूर रखते हुए कहा है कि 'हिंदुस्तान सबका है।'आशा भोंसले ने पिछले दिनों एक मराठी टीवी चैनल द्वारा पुणे में आयोजित एक सांस्कृतिक संध्या के दौरान इस सवाल के जवाब में यह बात कही कि बाहर से आने वाले लोगों की वजह से मुम्बई बदसूरत होती जा रही है। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे भी उपस्थित थे। आशा जी ने कहा 'लोग मुम्बई आते हैं, क्योंकि हिंदुस्तान सबका है। जो यहां कड़ी मेहनत करते हैं, समृद्ध हो जाते हैं। मैंने भी सफलता हासिल करने के लिए अपने क्षेत्र में लगन के साथ कठिन परिश्रम किया। मैंने विभिन्न भाषाओं में गाने गाए लेकिन मुझे फक्र है कि मैं मराठी हूं।'सुरों की मलिका की इस टिप्पणी पर शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने खुद को अलग रखा। उन्होंने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे का नाम लिए बिना कहा, 'जो समारोह में मौजूद थे उन्हें प्रतिक्रिया व्यक्त करनी चाहिए।' समारोह में शामिल अन्य अतिथियों में राज भी थे। इससे पूर्व शिवसेना 'मुंबई सबके लिए' टिप्पणी पर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर तथा उद्योगपति मुकेश अंबानी की आलोचना कर चुकी है।

'हिंदुस्तान सबका है।'आशा भोंसले

जानी मानी गायिका आशा भोंसले ने मुम्बई और महाराष्ट्र में इन दिनों हावी संकीर्ण क्षेत्रीय भावनाओं से अपने आप को दूर रखते हुए कहा है कि 'हिंदुस्तान सबका है।'आशा भोंसले ने पिछले दिनों एक मराठी टीवी चैनल द्वारा पुणे में आयोजित एक सांस्कृतिक संध्या के दौरान इस सवाल के जवाब में यह बात कही कि बाहर से आने वाले लोगों की वजह से मुम्बई बदसूरत होती जा रही है। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे भी उपस्थित थे। आशा जी ने कहा 'लोग मुम्बई आते हैं, क्योंकि हिंदुस्तान सबका है। जो यहां कड़ी मेहनत करते हैं, समृद्ध हो जाते हैं। मैंने भी सफलता हासिल करने के लिए अपने क्षेत्र में लगन के साथ कठिन परिश्रम किया। मैंने विभिन्न भाषाओं में गाने गाए लेकिन मुझे फक्र है कि मैं मराठी हूं।'सुरों की मलिका की इस टिप्पणी पर शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने खुद को अलग रखा। उन्होंने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे का नाम लिए बिना कहा, 'जो समारोह में मौजूद थे उन्हें प्रतिक्रिया व्यक्त करनी चाहिए।' समारोह में शामिल अन्य अतिथियों में राज भी थे। इससे पूर्व शिवसेना 'मुंबई सबके लिए' टिप्पणी पर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर तथा उद्योगपति मुकेश अंबानी की आलोचना कर चुकी है।