Wednesday, December 22, 2010

प्रधानमंत्री मनमहोन सिंह काफी चिंतित

प्याज के साथ खाने-पीने की चीजों की बढ़ती कीमतों ने यूपीए सरकार के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी की भी नींद खराब कर दी है। बढ़ती महंगाई पर पहली बार कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कुछ बोला है। उन्होंने कहा है कि मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जल्द ही महंगाई पर काबू पा लेंगे। अपने तमिलनाडु दौरे पर कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के दौरान यह बात कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कही। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई को लेकर प्रधानमंत्री मनमहोन सिंह काफी चिंतित हैं और मुझे विश्वास है कि वह जल्द ही इस समस्या का हल ढूंढ निकालेंगे। राहुल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से जनता के बीच जाकर काम करने के लिए कहा। इस पर कार्यकर्ताओं ने कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण जनता उनसे तमाम सवाल कर रही है, उसका वे क्या जवाब दें। इस पर राहुल ने कहा कि आप चिंता न करें, प्रधानमंत्री जी महंगाई कंट्रोल करने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं। जल्द ही महंगाई कम हो जाएगी। बस आप पंचायत स्तर पर जाकर काम करें और पार्टी को मजबूत बनाएं।

जब तक हम खुद अपनी उपलब्धियों पर गर्व करना नहीं सीखेंगे तब तक दूसरे हमारा सम्मान नहीं करेंगे

क्रिकेट की दुनिया में रेकॉर्डों के शहंशाह मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर की तुलना ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रेडमैन से किये जाने से नाराज हिंदी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा है कि जब तक हम खुद अपनी उपलब्धियों पर गर्व करना नहीं सीखेंगे तब तक दूसरे हमारा सम्मान नहीं करेंगे। बिग बी ने अपने ब्लॉग में दोनों खिलाड़ियों की तुलना करने वालों पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने लिखा, 'अक्सर बहस की जाती है कि सचिन महान हैं या डॉन ब्रेडमैन ? यह तय है कि सचिन महानतम हैं। यह बहस करके कि सचिन वास्तव में महान हैं या नहीं आप उनकी उपलब्धि को कम कर रहे हैं।' हिंदी फिल्मों के शहंशाह ने पूछा, 'कौन महान है या नहीं इसकी सहमति बनाने वाला मीडिया कौन होता है? हम जानते हैं कि वे (सचिन) महान हैं और यहीं पर मामला समाप्त हो जाता है। मैं सबसे अनुरोध करता हूं कि इस भारत के महान सपूत की तुलना लगातार दूसरों से करके उनके कद को कम न करें। दूसरों को उनसे तुलना करने दें।' बिग बी को पश्चिमी देशों की महानता पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन साथ ही उनका यह भी मानना है कि हम महानतम हैं । कम से कम इसका सबसे अच्छा उदाहरण सचिन तेंडुलकर ने पेश किया है । उन्होंने पूछा, 'क्या यह उपलब्धि ब्रिटेन या अमेरिका से आई है? वे लोग अपने खिलाड़ी की उपलब्धि पर खुश होते हैं और उसकी प्रशंसा करते हैं । वे लोग अपने नायकों की तुलना दूसरों से नहीं करते।' अमिताभ ने हर घटना पर फिल्म स्टार्स की प्रतिक्रिया लेने के मीडिया के रवैए पर भी यह कहकर आपत्ति जताई कि हम फिल्म उद्योग से जुड़े लोग क्या इतनी कुव्वत रखते हैं कि किसी भी विषय पर राय दे सकें। अपनी उपलब्धियों की तुलना पश्चिमी देशों से किए जाने के बारे में अमिताभ ने लिखा कि माना कि वे हमेशा ज्यादा विकसित हैं, भौतिक रूप से समृद्ध हैं, तकनीकी रूप से ज्यादा कुशल हैं और सुरक्षित हैं। लेकिन इतना सब होने से ही क्या यह मान लिया जाए कि वह हमसे बेहतर हैं?' अमिताभ ने कहा, 'विदेशी आक्रमणकारियों के हमले और शासन के कारण हम विनम, और आज्ञाकारी हो गये ... किसी उपलब्धि पर इठलाना हमने सीखा ही नहीं। ... खुद को दूसरों से कमतर आंकने लगे, लेकिन इस बात में दो राय नहीं कि कुछ मामलों में हम बेहतरीन भी हैं। दूसरों की निर्भरता से बाहर निकलने के बाद के बहुत कम समय में हमने कड़ी प्रतिस्पर्धा से भरी इस दुनिया में खुद को साबित किया है।' अमिताभ ने कहा कहा ' वस्तुत : हमें अपनी व्यवस्था पर विश्वास करना सीखना होगा। अपनी उपलब्धियों पर इतराना सीखना होगा। दूसरों को बड़े कद का मानना बुरी बात नहीं है , लेकिन उसके सामने खुद का कद कम करना अच्छा नहीं कहा जा सकता। ' अमिताभ ने लोगों को सलाह दी , ' जब हम अपने हीरो की तुलना दूसरों से किये बिना उनकी तारीफ करेंगे तो अन्य लोग भी हमारी भावनाओं को सम्मान देंगे। इसलिए यह बहस बंद करो कि सचिन महान हैं या नहीं । वे हैं और इसे पूरे विश्व को सम्मान देने की आवश्यकता है । '

Tuesday, December 21, 2010

झोपड़ावासी बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज

मुंबई। 1995 के बाद से झोपड़ावासी बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हैं। उनके पास प्यासे मरने, खरीद कर पानी पीने या फिर 2-4 किलोमीटर दूर से पानी लाने का विकल्प होता है। इसलिए इन झोपड़पट्टियों में राशन की दुकान पर वह ठंडा पानी भी मिलता है जिसे पूरी तरह से साफ भी नहीं कहा जा सकता। दुकानदार यह पानी टैंकर से मंगा कर टंकी में जमा करके रखते हैं या अवैध कनेक्शनों से जमा करके बेचने के लिए रखते हैं। इसके अलावा वैध कनेक्शन वाले लोग अपने काम लायक पानी बचाकर शेष पानी दुकानदारों को बेच देते हैं। इन इलाकों में एक लिटर का पाउच ठंड के दिनों में 50 पैसे में और गर्मी के मौसम में 1 रुपये में मिलता है। साथ ही 30 लिटर का कैन (फुग्गा) 5 से 10 रुपये के बीच मिलता है। जबकि मनपा इस पानी की आपूर्ति 2.75 रुपये प्रति हजार लिटर की दर से आपूर्ति करती है। देवनार के रफीक नगर, मोहिते पाटील नगर और मानखुर्द के इंदिरा नगर, घाटकोपर के नेताजी नगर तथा मालाड के अम्बुजवाडी इलाके में रहने वाले लोग पानी खरीदने या प्यासे मरने के लिए बाध्य हैं। मनपा अधिकारी, राजनेता और अफसरशाह नियम का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेते हैं। यह जानकार आश्चर्य जरूर होगा कि इस तरह के अवैध झोपड़ों में बसते हैं करीब 12 लाख लोग। समाज सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों का मत है कि पानी के लिए वैध-अवैध और रहने का प्रमाण कोई नियम नहीं होना चाहिए। या तो लोगों को अवैध रूप से बसने ही मत दो नहीं तो जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाओ। लोगों का तर्क है कि मनपा के पास बेचने के लिए भरपूर पानी है तो वह इन लोगों को 8 लाख लिटर पानी आसानी से दे सकती है। बहुतों का कहना है कि इस नियम की आड़ में दुकानदार परेशानहाल लोगों से लाखों रुपये कमा रहे हैं और वे कभी नहीं चाहेंगे कि मनपा इन इलाकों में जल आपूर्ति शुरू करे।

Monday, December 13, 2010

इन दोनों नाम की औरतों और लड़कियों का गली-मोहल्लों में निकलना मुश्किल हो गया

'दबंग' फिल्म के 'मुन्नी बदनाम हुई' गाने में मुन्नी और आने वाली फिल्म 'तीस मार खान' में 'शीला की जवानी' गाने में शीला नाम का उल्लेख आने से इन दोनों नाम की औरतों और लड़कियों का गली-मोहल्लों में निकलना मुश्किल हो गया है। ठाणे शहर निवासी गोस्वामी परिवार ने ठाणे न्यायालय में याचिका दायर कर दोनों ही फिल्म के 'मुन्नी' और 'शिला' नाम वाले गानों पर बंदी लगाने की मांग की है। इसके अलावा शीला और मुन्नी नामक दोनों सगी बहनों ने अपना नाम बदलने के लिए आवेदन दिया है। ठाणे शहर के कोपरी परिसर में रहने वाली दो सगी बहनों का आरोप है कि जब से ये दो फिल्मों के आइटम गाने आए हैं, उनके पूरे परिवार की परेशानी बढ़ गई है। दोनों विवाहित बहनों का कहना है की उनके बच्चों को भी स्कूल में अन्य बच्चे चिढ़ाने लगे हैं। परिवार वालों का तो कहना है की अब वे दोनों बहनों का नाम ही बदल देंगे। इन दोनों बहनों मुन्नी और शिला का कहना है की 'दबंग' व 'तीस मार खान' फिल्म के प्रड्यूसरों के अलावा दोनों गानों को कई बार दिखाकर शिला और मुन्नी नाम की छवि को खराब करने में टी.वी. के न्यूज व मनोरंजन चैनल का बड़ा हाथ है। मुन्नी के पति निर्मल गोस्वामी कई दिनों से मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं। उनका कहना है कि दोनों गानों के चलते उनका समाज मे निकलना भारी हो गया है। निर्मल गोस्वामी ने बताया है की वकील की सलाह लेने के बाद उन्होंने दोनों गानों पर बंदी लगाने संबंधी याचिका ठाणे कोर्ट में दायर करने की पहल कर दी है और साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी मुन्नी और साली शिला का नाम बदलने का आवेदन कर दिया है। इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी फिल्मों में आम लोगों के फोन नंबर का इस्तेमाल होने से कई लोगों को परेशान होना पड़ा है।