Tuesday, May 31, 2011

आलीशान समुद्री पुल पर ट्रैफिक घट गई

मुंबई की चाल और चेहरा बदलने वाले सी-लिंक की लंबाई बढ़ाने की बात चल रही है। ऐसे में, ये खबर आई है कि इस आलीशान समुद्री पुल पर ट्रैफिक घट गई है। लोगों ने इसका इस्तेमाल कम कर दिया है। दो साल पहले जब मुख्य शहर के वरली इलाके को आलीशान उपनगर बांद्रा से जोड़ने वाले सी-लिंक को जनता के लिए खोला गया था, तो लगभग पूरी मुंबई इसे देखने को उमड़ पड़ी थी। कारों का ऐसा जमावड़ा लगा था कि इस तक पहुंचने में घंटो लग रहे थे। ये तो होना ही था। नीचे उफान लेते समुद्र। ऊपर नीले आसमान को छूते मीनारों जैसे विशाल पिलर्स। इन्हीं से मोटे तारों से लटका आधुनिक भारत का उत्तम वास्तुशिल्प का नमूना। फिर धीरे-धीरे इसकी नवीनता, इसका आकर्षण घटा और इस पर दौड़ने वाली ट्रैफिक भी। इसकी एक तरफ की यात्रा के लिए 50 रुपये चुकाने वाले कार वालों से राहत की सांस ली। हां, लोगों से टोल वसूलने वालों की परेशानी बढ़ गई है। हर दिन करीब चार लाख रुपये की टोल वसूली उनके लिए काफी नहीं है। इस तरह सी-लिंक के निर्माण में खर्च हुए 1634 करोड़ रुपये की वसूली कैसे होगी? अंदाज था कि अगले 40 सालों में जो टोल वसूली होगी, उसमें ये रकम ब्याज समेत बड़े आराम ने निकल आएगी। इसके बाद टोल वसूल करने वाले ठेकेदार को इसके ऊपर अच्छी कमाई हो जाएगी। सी-लिंक पर अगर ट्रैफिक इसी तरह घटती रही तो वसूली का ये लक्ष्य खतरे में पड़ जाएगा। ऐसा हुआ तो वरली से आगे इस सी-लिंक को मुंबई की मशहूर मरीन ड्राइव तक बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना का क्या होगा? फिलहाल, यही तय नहीं हो पा रहा कि आगे सी-लिंक किस रास्ते होकर राजभवन और मंत्रियों के बंगले वाले 'वीआईपी' मलाबार हिल का रास्ता पार करेगी। अनिर्णय की इसी स्थिति में इसके लिए लगने वाला खर्च हर दिन बढ़ता जा रहा है। याद रहे, सी-लिंक के पिछले हिस्से का रूट बदला गया था तो तीन साल में पूरी होने वाली परियोजना को दस साल लग गए थे। इस बार भी लगभग यही किस्सा दोहराए जाने की आशंका है। सी-लिंक पर टोल की वसूली में आई कमी ने मंत्रालय के सरकारी बाबुओं के कान खड़े कर दिए हैं। बीच में हर से 50 रुपये की बजाए 65 रुपये टोल वसूले का आइडिया इन्हीं में किसी 'उपजाऊ' दिमाग से निकला। ये सोचा ही नहीं कि पैसे बढ़ाए गए, तो कारों की संख्या और घट जाएगी। हो सकता है कि टोल वसूली बढ़ने की बजाए और कम हो जाए। ऐसा हुआ, तो सी-लिंक के दूसरे हिस्से का निर्माण तो रुकेगा ही। इससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण शिवड़ी-न्हावा हॉर्बर-लिंक का निर्माण लटक जाएगा। मुंबई चारों तरफ समुद और खाड़ी से घिरा एक ऐसा द्वीप है, जिसे भारतीय भूभाग से जोड़ने के लिए आज सिर्फ उत्तर और पूवोर्त्तर दिशा में पुल उपलब्ध हैं। हॉबर-लिंक का सपना साकार हुआ, तो मुख्य शहर के पूर्वी छोर से समुद्र के ऊपर होते हुए एक नया रास्ता मुंबई वासियों को मिल जाएगा। बरसों बरस, सिर्फ उत्तर दिशा में बस रहे इस महानगर के विकास को भी इससे एक नई दिशा मिलेगी। इसी के मद्देनजर दूसरे छोर पर नया इंटरनैशनल एयरपोर्ट बनाने की तैयारी है। उस पार के न्हावा पोर्ट ने बिजनेस में दो दशक पहले ही मुंबई पोर्ट को हरा दिया है। ये दोनों सी-लिंकों का आपस में 'लिंक' है। फिर आगे इसी कड़ी में समूची मुंबई के डिवेलपमेंट का 'लिंक' जुड़ता है। इसी क्रम को कड़ी दर कड़ी पकड़ते चले जाइए, बदलते भारत की नई तस्वीर सामने साकार होती नजर आएगी। उम्मीद है, इस मामले में फैसले लेने वाले इस 'लिंक' को पकड़ने से चूकेंगे नहीं।

Friday, May 27, 2011

हेमा मालिनी के घर में तेंदुआ घुस गया

मुंबई के गोरेगांव स्थित बॉलिवुड ऐक्ट्रेस हेमा मालिनी के घर में तेंदुआ घुस गया है। वन विभाग की टीम उसे पकड़ने में जुटी हुई है। हेमा मालिनी इस समय विदेश दौरे पर हैं। जानकारी के मुताबिक गोरेगांव के दिंदोषी में हेमा मालिनी का बंगला है। हेमा मालिनी का यह बंगला नैशनल पार्क इलाके से सटा हुआ है। शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे उनके घर में अचानक तेंदुआ घुस गया। इससे वहां अफरातफरी मच गई। उसे निकालने के लिए करीब 20 से 25 लोग जुटे हुए हैं। तेंदुआ लॉन में जाकर बैठ गया है। हेमा मालिनी इस समय विदेश में हैं। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस मामले को हल्के में लेते हुए कहा कि तेंदुआ इलाके में आता रहता है। उन्होंने तेंदुए को कोई नुकसान न पहुंचाने की अपील की।

Friday, May 20, 2011

चार लोगों को गिरफ्तार किया

गुरुवार को क्राइम ब्रांच की यूनिट 7 ने मोटर साइकल चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अहसान सुलतान शेख (28), शरीफ गफ्फार पटेल (29), अहमद अंसारी (26) और इरफान शेख (22) को गिरफ्तार कर कुल 28 मोटर साइकल बरामद की हैं। पुलिस को जानकारी मिली थी कि मालवणी इलाके में रहने वाले कुछ लोग बाइक चोरी कर उन्हें सस्ते दामों में बेच देते हैं। इस गिरोह में टैंपो ड्राइवर, बेस्ट कंडक्टर और एक गैरेज के कुछ लोग शामिल है। ये लोग क्षतिग्रस्त वाहनों को पेपर के साथ सस्ते दामों में खरीदने के बाद उन्हीं वाहनों के पेपर के आधार पर चोरी की गई मोटर साइकिलों को बेच देते थे। ये लोग चोरी किए गए वाहनों की नंबर प्लेट और चेसिस नंबर को परिवर्तित कर दूसरों को बेचते थे। बहरहाल चारों आरोपी क्राइम ब्रांच के कब्जे में हैं।

Monday, May 16, 2011

बाबा रामदेव की दवाएं लेने वाली मुंबई की एक महिला ने मुकदमा ठोक दिया

बालों को झड़ने से बचाने के लिए बाबा रामदेव की दवाएं लेने वाली मुंबई की एक महिला ने मुकदमा ठोक दिया है। मुंबई मिरर के अनुसार उस आयुवेर्दिक दवा से 2 ही दिन में मुंबई के भयंदर इलाके में रहने वाली महिला की जिंदगी पर बन आई थी। आहार नली में दवाई ठोस रूप में जमती जा रही थी। 39 साल की जश्मी शंकर नरपुला के लिए कुछ भी पीना तक मुश्किल हो गया था। वह कुछ साल से बाल झड़ने की समस्या से परेशान थी। बाबा के एक टीवी कार्यक्रम से उन्हें इस दवा की जानकारी मिली थी। अंतत: शुक्रवार को परेल स्थित केईएम अस्पताल में डॉक्टरों को ऑपरेशन कर उस जाम को क्लीयर करना पड़ा। आमतौर पर जिस ऑपरेशन में 15-20 मिनट का समय लगता है, इस महिला के केस में 3 घंटे का समय लगा। मुकदमा भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया है। वहीं दूसरी ओर बाबा के पतंजलि योगपीठ ने इन आरोपों का खंडन किया है। योगपीठ का कहना है कि उन्हें इस तरह की कोई और शिकायत नहीं मिली है। नरपुला ने बताया कि वह दवाई (पाउडर) मुंबई के ही शांति नगर इलाके में स्थित योग पतंजलि शॉप से खरीदी थी। आयुर्वेदिक कंसलटेंट ने उन्हें 2 प्रकार की दवाई दी और खाली पेट में लेने के कहा। उन्होंने 2 दिन एक एक बार वह दवाई ली। उसके बाद अचानक ऐसी स्थिति हुई कि वह न तो कुछ बोल सकती थीं और न ही कुछ निगल सकती थीं। कोशिश करने पर तेज दर्द होता था। केईएम अस्पताल की ईएनटी (आंख, नाक, गला) हेड नीलम सेठ ने कहा: यह हैरतअंगेज था। वह कुछ खा नहीं सकती थीं, न ही कुछ पी सकती थीं। अंदर काले रंग की कोई चीज जमी हुई थी। काफी ठोस होने के कारण उसे निकालना भी मुश्किल था। मरीज ने मेडिकल हिस्ट्री में बताया था कि उन्होंने बाबा रामदेव के आयुर्वेदिक स्टोर की दवाई ली है। आहार नली से निकाली गई चीज को विश्लेषण के लिए लैब भेजा गया है। इसके बाद ही पता चलेगा कि क्या जाम हुआ था?

Tuesday, May 10, 2011

'रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया' (आरपीआई) के साथ जल्द ही गठजोड़

शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी का 'रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया' (आरपीआई) के साथ जल्द ही गठजोड़ हो सकता है। अपने बांद्रा स्थित आवास 'मातोश्री' में दलित नेता और आरपीआई के पूर्व सांसद रामदास अठावले के साथ हुई मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान ठाकरे ने यह बात कही, हालांकि इसके लिए उन्होंने किसी निश्चित तारीख का उल्लेख नहीं किया।

उन्होंने कहा कि आरपीआई के साथ हमारे (शिवसेना-बीजेपी) गठजोड़ को लेकर किसी तरह की व्यग्रता की जरूरत नहीं है। सारी बातें जल्दी ही सुलझा ली जाएंगी। इस मुलाकात के दौरान बाल ठाकरे के पुत्र व पार्टी के कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे व कुछ अन्य दलित नेता भी मौजूद थे।

इस बैठक को, ठीक नौ महीने बाद होने जा रहे बीएमसी के हाई-प्रोफाइल चुनाव के मद्देनजर बहुत महत्वपूर्ण समझा जा रहा है। राज्य और केंद्र की सरकार को 'अहंकारी' बताते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा कि सरकार के रवैये ने हमें एकसाथ आने और आंदोलन छेड़ने का मौका दिया है।

उन्होंने कहा कि बहुत से मुद्दों पर सरकार का अहंकारी रुख देखने को मिला है, जिसने देश की जनता को आंदोलन के लिए मजबूर किया है। उन्होंने इस क्रम में रत्नागिरि जिले के जैतापुर में प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा परियोजना और उत्तर प्रदेश में किसानों के आंदोलन का उल्लेख किया।

मुंबई में 1993 में हुए सीरियल ब्लास्ट के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम को भारत लाए जाने के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल के जवाब में ठाकरे ने कहा, 'अगर हमारी सरकार बनती है तो मैं कुछ जरूर करूंगा।'

गौरतलब है कि अठावले ने शिवसेना-बीजेपी युति के साथ गठजोड़ का प्रस्ताव लेकर जनवरी में ठाकरे से मुलाकात की थी। अठावले ने पत्रकारों से कहा कि शिवसेना-बीजेपी के साथ गठजोड़ पर सकारात्मक बातचीत जारी है और अक्टूबर तक इसके साकार होने की संभावना है।

Sunday, May 1, 2011

स्कायवॉक मजनुओं का अड्डा

बदलापुर, उल्हासनगर, कल्याण में एम.एम.आर.डी.ए. विभाग में करोड़ों रुपया स्कायवॉक बनाने की योजना में खर्च किया है। जबकि उल्हानगर, बदलापुर में बने स्कायवॉक मजनुओं का अड्डा बनता जा रहा है। जिसके कारण सज्जन परिवार की महिला, पुरुषों का स्कॉयवाक से यात्रा करने में असुविधा होने लगी है। शासन द्वारा करोड़ों रुपया खर्च कर निर्माण किये गये स्कॉय वाकों पर सड़क छाप मजनू डेरा जमाए रहते हैं। जिस पर अंकुश नहीं लगने से स्कॉयवॉक की यात्रा करने वाले लोग यहां से रास्ता बदलने लगे हैं। कभी-कभी तो अंधेरे का फायदा उठाकर युगलप्रेमी अश्लील हरकतें करते हैं। बता दे कि रेलवे व स्थानिक पुलिस थाने के सुरक्षा कर्मी भी स्कायवाकों पर घटने वाली इन हरकतों को नजर अंदाज कर देते हैं। जिसका खामीयाजा शरीफ यात्रियों को उठाना पड़ रहा है। अब आम लोग प्रशासन से जानकारी मांगने लगे हैं, कि शासन ने करोड़ों रुपया जनता का खर्च कर स्कायवाक किस उपयोग के लिए बनाया है। और लंबी दूरी तक बने स्कायवाकों पर सुरक्षा व्यवस्था का इन्तजाम क्यों नहीं किया गया है।

कई शहरी यात्रियों ने बताया कि कभी-कभी स्कायवाक पर खड़े होने वाले लकडे शरीफ परिवार की महिलाओं, लड़कियों को यात्रा करने में अड़चने पैदा कर देते हैं। बता दें कि उल्हासनगर व बदलापुर में पुर्व, पश्चिम क्षेत्र से जोड़ने के लिए बनाये गये स्कायवाक निर्माण किया है।