Wednesday, June 29, 2011

सोने-चांदी का व्यवसाय करने वाले जूलर्स को पुलिस सुरक्षा देने का आश्वासन

महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आर. पाटील ने सोने-चांदी का व्यवसाय करने वाले जूलर्स को पुलिस सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है। मंत्रालय में उनसे मिलने पहुंचे 'सराफ मर्चेंट्स असोसिएशन' को गृह मंत्री ने बताया कि पुलिस सुरक्षा पाने के लिए संबंधित व्यापारी को सरकारी फीस भरनी होगी। उन्होंने कलेक्टरों और जिला पुलिस अधीक्षकों के पास प्रलंबित जूलर्स के रिवॉल्वर लाइसेंस मामलों की समीक्षा कराने के भी निर्देश दिए। गृह मंत्री ने जूलर्स को सी.सी. टीवी लगाने की सलाह दी। साथ ही हर जिले में जूलरों की समस्याओं के निवारण के लिए समिति गठित करने की भी घोषणा की।

Monday, June 20, 2011

जल जमाव के लिए एमएमआरडीए जिम्मेदार

बीएमसी कहती है कि मॉनसून में होनेवाले जल जमाव के लिए एमएमआरडीए जिम्मेदार है। एमएमआरडीए के मोनो रेल और स्कायवॉक प्रॉजेक्ट जिम्मेदार हैं। सड़कों पर इन्हीं का काम चल रहा है जिसकी वजह से जल जमाव होता है। बीएमसी का कहना है कि उसने अपने हिस्से की 98.99 पर्सेंट नाला सफाई पूरी कर ली है, लेकिन विपक्ष ने बीएमसी की इस रिपोर्ट को बकवाक बताते हुए स्वीकार करने से इंकार कर दिया है। एमएमआरडीए के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री हैं और बीएमसी में शिवसेना-बीजेपी की सत्ता है। दो सप्ताह पहले स्थायी समिति की बैठक में विपक्ष ने आरोप लगाया था कि नाला सफाई का काम सही ढंग से नहीं कराया गया है जिससे शहर में पानी भर रहा है। नाला सफाई के बारे में बीजेपी ने भी श्वेत पत्रिका जारी करने की मांग की थी। प्रशासन ने श्वेत पत्रिका जारी करने की बजाय 17 पेज की रिपोर्ट पेश की है जिसमें उन्होंने सभी सदस्यों के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दो साल में नाला सफाई पर 152.80 करोड़ रुपये खर्च किया जाना है। इस साल के लिए 76.40 करोड़ रुपये का प्रावधान है। नाला सफाई के बारे में बीएमसी का प्लान है कि मॉनसून से पहले 70 प्रतिशत नाला सफाई, बारिश के दरमियान 20 प्रतिशत और बारिश के बाद 10 प्रतिशत नाला सफाई की जाती है। बीएमसी प्रशासन की माने तो मॉनसून से पहले नाला सफाई के 70 फीसदी काम में से 98.99 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। प्रशासन ने चुपके से रिपोर्ट पेश की। इससे सदस्यों को पढ़ने का अवसर ही नहीं मिला। विरोधी पक्ष नेता राजहंस सिंह ने रिपोर्ट को कोरी बकवास बताते हुए इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। उनका आरोप है कि यह पूरी रिपोर्ट ही गलत है। उनका कहना है कि प्रशासन ने महानगर में पानी भरने के लिए एमएमआरडीए को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि हिंदमाता, कुर्ला, एलबीएस मार्ग, भाडुंप, बोरिवली, विलेपार्ले व अन्य क्षेत्रों में कौन सा एमएमआरडीए का काम चल रहा है जहां घुटने भर पानी जमा हो रहा है। विपक्ष अगली बैठक में इसी मुद्दे पर प्रशासन से जवाब तलब करने वाला है।

Thursday, June 16, 2011

मुस्लिम जातियों को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ दिलाने की पेशकश

महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विकास मंत्री मोहम्मद आरिफ नसीम खान ने मेहतर , कसाब , बक्कर , जतकर , गारुडी - मदारी , कलाकार , नाईकन , मुक्री , बहना जैसी मुस्लिम जातियों को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ दिलाने की पेशकश की है। मंत्रालय में मंगलवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में मंत्री खान ने अधिकारियों को इसके लिए सिलसिलेवार कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिए। वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक में आदेश जारी किया गया कि सामाजिक न्याय विभाग इन जातियों को लेकर डॉ . बाबासाहेब आंबेडकर संशोधन संस्था के माध्यम से रिपोर्ट मंगवाए , ताकि उसे मंजूरी के लिए राज्य के मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जा सके। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार इसे अमल के लिए केन्द्र सरकार के पास भेज सकेगी। श्री खान ने जानकारी दी कि राज्य की ओबीसी सूची में शामिल मुसलमान समाज की 115 जातियों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है मगर अनुसूचित जाति के मुसलमान अभी तक आरक्षण के लाभ से वंचित हैं। उन्होंने मुस्लिम ओबीसी वर्ग को जाति प्रमाण पत्र मिलने में हो रही दिक्कतें दूर करने के भी निर्देश दिए। अधिकारियों को जातियों की बारीकियां समझाने के लिए बाकायदा वर्कशॉप आयोजित की जाएगी। इस तरह का पहला वर्कशॉप कोकण विभाग के राजस्व , सामाजिक न्याय और अल्पसंख्यक विकास विभाग के अधिकारी और मुस्लिम ओबीसी संघटना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा। मंगलवार की बैठक में अल्पसंख्यक विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती टी . एफ . थेक्केकरा , सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव पी . एस . मीना , सामाजिक न्याय विभाग के सह सचिव ज . न . राठोड , राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य हाजी शौकत भाई तांबोली , अनुसूचित जाति जमाती आयोग के सदस्य सचिव रमेश शिंदे , राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सचिव एस . ई . ए . हाशमी आदि ने भाग लिया।

Wednesday, June 8, 2011

बाबा रामदेव को राजनीति में शामिल होने का पूरा अधिकार

शिवसेना ने कहा है कि भारत का नागरिक होने के नाते बाबा रामदेव को राजनीति में शामिल होने का पूरा अधिकार है। हालांकि उसने यह भी कहा है कि रामदेव स्वयं भी इस पूरे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि उन्हें अन्ना हजारे के सफल अनशन के कुछ ही सप्ताह बाद दूसरा अनशन शुरू करने की जरूरत नहीं थी। पार्टी की यह टिप्पणी शिवसेना के मुखपत्र सामना में आई है। माना जा रहा है कि यह कांग्रेस नेताओं की रविवार को आई इस टिप्पणी का जवाब है कि रामदेव को योग तक ही सीमित रहना चाहिए। संपादकीय में कहा गया है कि अगर एक विदेशी सोनिया गांधी कांग्रेस नेताओं की 'राजनीतिक गॉडमदर' बन सकती हैं, तो रामदेव, इस देश के नागरिक होने के नाते राजनीति में शामिल क्यों नहीं हो सकते। इसमें सरकार के इस तर्क की भी आलोचना की गई है कि रामदेव के पास रामलीला मैदान में अनशन की अनुमति नहीं थी। अखबार ने कहा है कि अगर ऐसा था, तो सरकार के वरिष्ठ मंत्री बाबा को अनशन नहीं करने के लिए मनाने क्यों गए थे।

Friday, June 3, 2011

झमाझम बारिश ने समूचे महानगर को भिगो दिया।

गुरुवार की शाम मुंबई महानगर और आसपास के इलाकों के लिए काफी सुहानी रही। कई क्षेत्रों में झमाझम बारिश ने समूचे महानगर को भिगो दिया। मौसम विभाग ने जहां इसे प्री-मॉनसून करार दिया, वहीं पब्लिक ने पहली बारिश के खूब मजे लूटे। कुछ जगहों पर रोजमर्रा के यात्रियों को परेशानी भी उठानी पड़ी और मध्य रेल के वाशिंद और अंबिवली रेलवे स्टेशनों के बीच बिजली खंडित होने से करीब एक घंटे तक इस लाइन पर दोनों तरफ ट्रेनों का आवागमन बाधित रहा। मौसम विभाग ने गुरुवार की बारिश को प्री-मॉनसून करार दिया। डिप्टी डाइरेक्टर जनरल ऑ़फ मेट्रोलॉजी आर. वी. शर्मा ने बताया कि इस बारिश ने बेहतर मॉनसून के संकेत दिए हैं, माथेरान हिल्स और आसपास की पहाड़ी से उठे बादलों ने नवी मुंबई, ठाणे शहर, डोंबिवली, कल्याण, वाशिंद, दहाणु आदि इलाकों को भिगोया, तो यहां उठे प्री-मॉनसूनी बादलों ने दक्षिण एवं मध्य मुंबई व उपनगरीय इलाकों में खूब बौछारें दीं। अगले 24 घंटों को लेकर मौसम विभाग का अनुमान है कि शहर व उपनगरों सहित, नवी मुंबई, ठाणे, कल्याण आदि के कुछ हिस्सों में बादलों की मौजूदगी रहेगी और कुछ इलाके छिटपुट वर्षा से गीले हो सकते हैं। अधिकतम तापमान 36 डि.से. और न्यूनतम तापमान 28 डि.से. के इर्द गिर्द रहने की उम्मीद है। फिलहाल इस बारिश ने पब्लिक को उमसभरी गर्मी से निजात दिलाई। मुंबई या उपनगरों ही नहीं, बल्कि नवी मुंबई, ठाणे शहर, कलवा, मुम्ब्रा, कल्याण, डोंबिवली, भिवंडी, उल्हासनगर, कुलगांव बदलापुर, अंबरनाथ इन इलाकों में करीब घंटे भर छमाछम बरसात हुई। वर्षा के कई जगहों पर बच्चों के अलावा बूढ़े और नौजवान महिला पुरुषों ने भीगकर बारिश का आनंद लिया। वर्षा के चलते शाम को मुंबई से ठाणे और कल्याण की तरफ आने वाले रेल यात्रियों को भारी भीड़ झेलनी पड़ी। करीब सवा छह बजे अंबिवली और वाशिंद रेलवे स्टेशनों के बीच की बिजली खंडित हो गई, जिसके चलते रेलवे प्लेटफॉर्मों पर लोगो की भीड़ जमा हो गई। करीब एक घंटे बाद बिजली आपूर्ति शुरू हुई, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।

Thursday, June 2, 2011

अपनों के बीच लव और हेट का रिश्ता चलना कोई नई बात नहीं

अपनों के बीच लव और हेट का रिश्ता चलना कोई नई बात नहीं है। शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे और अलग पार्टी बनाकर उनसे दूर होने वाले भतीजे एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे पर भी यह बात लागू होती है। तभी तो वे रह रहकर बालासाहेब की तारीफ करते हैं या उनके बचाव में खड़े हो जाते हैं। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की आलोचना की , तो भतीजे राज ठाकरे उनके बचाव में उतर आए। बुधवार को राज ठाकरे ने कहा कि अजीत पवार ने बालासाहब ठाकरे पर निशाना साधते हुए जो कहा है , वह पवार द्वारा सहकारी बैंक घोटाला और बलवा के साथ उनके संबंधों जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए किया है। एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा था कि ठाकरे ने समाज के लिए ज्यादा योगदान नहीं दिया। दादर रेलवे स्टेशन को ' चैत्य भूमि ' नाम देने का विरोध करने वाले राज ठाकरे के बयानों को अजीत पवार की ओर से खारिज किए जाने के बारे में पूछने पर राज ने कहा कि मुझे जो जनसमर्थन मिल रहा है , वे उससे परेशान हैं , इसलिए वे इस तरह का खेल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अजीत पवार को बालासाहेब की उम्र को ध्यान में रखते हुए उनकी आलोचना नहीं करनी चाहिए। राज ने आरपीआई नेता रामदास अठावले के इस सुझाव को खारिज कर दिया कि उन्हें मनसे के झंडे से नीला रंग हटा देना चाहिए , क्योंकि यह रंग दलित आंदोलन का प्रतिनिधित्व करता है। इसके पहले राज ने दादर स्टेशन का नाम ' चैत्य भूमि ' किए जाने का विरोध किया था। दलित वहां हर साल सम्मेलन करते हैं। राज ने अठावले का सुझाव खारिज करते हुए कहा कि अठावले शिवसेना प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं , क्योंकि उन्हें बांद्रा में शिवसेना प्रमुख के घर के पास चार मंजिला घर मिला है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि अठावले का व्यवसाय क्या है और किस आधार पर उन्हें यह संपत्ति मिली।