Monday, December 31, 2012

नव वर्ष 2013 की शुभकामनायें

2012 को अलविदा --  तथा नव वर्ष 2013  की शुभकामनायें । इसी उम्मीद के साथ कि नव वर्ष महिला उत्पीड़न मुक्त हो । 

Thursday, December 20, 2012

पूर्व न्यायाधीश डी . आर . धानुकाने गैर सरकारी संगठनों और एनजीओ से अपील

बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश डी . आर . धानुकाने गैर  सरकारी संगठनों और एनजीओ से अपील की है कि वेसमाज के कमजोर और सामान्य वर्ग को कोर्ट  कचहरियों सेन्याय दिलाने में सहायता करें। धानुका लायंस क्लब ऑफलोखंडवाला द्वारा आयोजित ' आम जनता को न्याय ' विषयपर बोल रहे थे। लायंस गोविल के मुताबिक गोरेगांव में फ्रीलीगल ऐड ऐंड एडवाइस सेंटर को अब और मजबूत बनायाजाएगा। 

यहां
 हर संडे को कानूनी विषयों पर जानकारी दी जाती है।विद्यासागत एम . कानाडे ने बताया कि नागरिकों के सामने हर दिन नई चुनौतियां हैं जिनमें इंटरनेट संबंधीमामले भी हैं। नागरिकों को एक बेहतर जीवन जीने के लिए इन कानूनों की जानकारी होनी चाहिए

Sunday, December 16, 2012

मिनरल वॉटर की बोतल में मच्छर एवं अन्य कीटाणु


मिनरल वॉटर की बोतल में मच्छर एवं अन्य कीटाणु पाए जाने के मामले को फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट ने काफी गंभीरता से लिया है। डिपार्टमेंट ने पारोल गांव में पानी को बोतल बंद करने वाली कंपनी पर छापा मारकर भारी मात्रा में बोतलें, फिल्टर मशीन व अन्य सामान जब्त कर लिया है और एक्यूप्लस पानी का सैंपल जांच के लिए लैब में भेज दिया है। यह कार्रवाई आर. डी. पवार, आर. ए. समुद्रे एवं पी. एम. देशमुख की टीम ने की है। 

बता दें कि भिवंडी, वज्रेश्वरी, पड़घा एवं वाडा आदि इलाकों में बड़ी संख्या में मिनरल वॉटर बनाने वाली कंपनियां हैं जो शुद्ध पानी के नाम पर तमाम मानकों को दरकिनार करके काम कर रही हैं। शुद्धता के नाम पर बीमारी बेचने वाली इन कंपनियों की पोल कई बार खुल चुकी है। भिवंडी से सटे नैशनल हाइवे पर भारी संख्या में होटेल एवं ढाबे हैं जहां मिनरल वॉटर की मांग अधिक रहती है मिनरल वॉटर की मांग को देखते हुए कंपनियां जैसे-तैसे पानी भरकर बेच रही हैं। बताया जाता है कि भिवंडी में कई कंपनियां ऐसी भी हैं जो वराला तालाब से पानी भरकर उसे फिल्टर करके लोगों को पिला रही हैं।

Wednesday, December 5, 2012

'चैत्यभूमि' डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के स्मारक के नाम


 डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस से एक दिन पहले इंदु मिल की जमीन उनके स्मारक के नाम करने की रणनीति का वही असर हुआ, जिसकी सरकार को उम्मीद थी। 'चैत्यभूमि' से लगा शिवाजी पार्क इलाका उत्सव से गूंज उठा। आंबेडकरी अनुयायियों ने पटाखे फोड़े, मिठाइयां बांटीं और ढोल-ताशों की धुन पर समूह नाचने लगे। गुरुवार को 'महापरिनिर्वाण दिवस' के लिए हर साल की तरह लाखों का जनसैलाब यहां उमड़ेगा, तो हाल क्या होगा, इसके कयास लगाए जा रहे हैं। लगभग हर राजनीतिक दल ने 'चैत्यभूमि' से लगी इंदु मिल की जमीन बाबासाहेब के स्मारक को देने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया। पूरा देश में जहां संसद में एफडीआई की बहस और उस पर होने वाले मतदान को लेकर उत्सुकता बनी हुई थी, आंबेडकर अनुयायियों में स्मारक की घोषणा को लेकर कुतूहल बना हुआ था। घोषणा के तत्काल बाद मिल के भीतर जबरन घुसने की मंशा व्यक्त कर चुके दलित नेता रामदास आठवले समर्थकों के साथ इंदु मिल पहुंच गए। वहां टेलिविजन कैमरों से घिरे उनके समर्थकों ने जश्न मनाया। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री निवास 'वर्षा' पहुंचकर वहां पृथ्वीराज चव्हाण को पुष्पगुच्छ पेश करके उनका अभिनंदन किया। 

वहीं, आठवले के कट्टर प्रतिद्वंद्वी आनंदराज आंबेडकर भी इंदु मिल पहुंचे। उनके समर्थकों ने मिठाइयां बांटीं और उन्हें कंधे पर उठाकर नाचे। पिछले साल 6 दिसंबर को आनंदराज अपने समर्थकों के साथ मिल के भीतर घुस गए थे। कई दिन भीतर रहने के बाद सरकार के अनुरोध पर उन्होंने आंबेडकर और भगवान बुद्ध की प्रतिमाएं बंद पड़ी मिल के भीतर स्थापित करने के बाद कब्जा छोड़ दिया था। वे डॉ आंबेडकर के पौत्र हैं और अपने भाई पूर्व सांसद प्रकाश आंबेडकर की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए वर्ष भर से सक्रिय हुए हैं।
 

वैसे, महापरिनिर्वाण दिन लाखों की भीड़ के बावजूद हर वर्ष बेहद शालीन और अनुशासित सलीके से मनाया जाता है। डॉ आंबेडकर को भगवान का दर्जा देने वाले उनके अनुयायी एक कमरे के 'चैत्यभूमि' स्मारक के सामने मोमबत्तियां जलाते हैं। इनमें अधिकांश वंचित और गरीब वर्ग साधनविहीन वर्ग के लोग होते हैं। इनके लिए मुंबई के कई दर्जन संस्थाएं खाने से लेकर पानी की मुफ्त व्यवस्था करती हैं। औरतों और बच्चों के साथ हजारों परिवार शिवाजी पार्क मैदान और समुद्र के किनारे पर रात बिताते हैं। देशभर के दादर की और आनेवाली ट्रेनों में ठसाठस भरी आंबेडकर अनुयायियों की भीड़ रेलवे की नियमित व्यवस्था को हर बार ध्वस्त कर देती है। इनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राजनेता श्रेय लूटने के लिए किस तरह कोशिश करते हैं और जनसामान्यों का समूह इस पर कैसा प्रतिसाद देता है, यह गुरुवार को साफ होगा!
 

Monday, November 26, 2012

कन्हैयालाल गिडवानी का मंगलवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पीटल में हार्ट अटैक से निधन


 आदर्श हाउसिंग सोसायटी के मुख्य आरोपियों में से एक कन्हैयालाल गिडवानी का मंगलवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पीटल में हार्ट अटैक से निधन हो गया। कांग्रेस के पूर्व एमएलसी रह चुके गिडवानी आदर्श सोसायटी के प्रमोटर भी थे। गिडवानी को चार दिन के अंदर आए दूसरे हार्ट अटैक के बाद ब्रीच कैंडी में एडमिट कराया गया था।

विवादों में फंसे आदर्श हाउसिंग सोसायटी में आरोपी कन्हैयालाल गिडवानी और उनके पारिवारिक सदस्यों के नाम प्लैट हैं। कन्हैयालाल गिडवानी पर आरोप था कि उन्होंने आदर्श हाउसिंग सोसायटी केस की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए फाइनेंशियल कंसल्टेंट जेके जगैसी को 1.25 करोड़ रुपए दिए। पूछताछ में सामने आया कि जगैसी ने आग्रह करके यह घूस हासिल की थी।
 

आदर्श सोसायटी घोटाला मामले में दक्षिणी मुंबई के कोलाबा में 31 स्टोरी बिल्डिंग का निर्माण सामने आया जो कि कथित तौर पर अवैध तरीके से बनाई गई।

Tuesday, November 20, 2012

अजमल आमिर कसाब के शव को यरवदा जेल में दफना दिया गया


 आतंकी अजमल आमिर कसाब के शव को यरवदा जेल में दफना दिया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि कसाब के शव को पाकिस्तान को न सौंपकर जेल के अंदर ही दफन कर दिया गया। इससे पहले कयास लग रहे थे कि कसाब के शरीर को या तो पाकिस्तान के हवाले किया जाएगा, या ओसामा-बिन-लादेन की ही तरह पर समंदर में दफन किया जाएगा।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने जानकारी दी कि कसाब को यरवदा जेल के अंदर ही दफनाया गया है। इस बात के लिए खास इंतजाम किए गए हैं कि कसाब की कब्र की कोई पहचान न हो। मुंबई हमले के दौरान मार गिराए गए कसाब के साथियों के शवों को भी गुमनाम जगह पर दफन किया गया था। उस वक्त समस्या यह थी कि पाकिस्तान ने शव लिए नहीं और भारत में मुस्लिम धर्म गुरुओं ने अपील की थी आतंकियों को यहां न दफनाया जाए। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सुबह बताया था कि पाकिस्तान को इस बारे में एक लेटर भी भेजा गया था, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया।

कुछ लोग मांग कर रहे थे कि कसाब के शरीर को भारत में दफनाने के बजाए समंदर में दफन कर दिया जाए। आशंका थी कि अगर कसाब को भारत में दफन किया जाता है, तो कट्टरपंथी और राष्ट्र विरोधी लोग उसे हीरो बना सकते हैं। इसी तरह की आशंका के डर से अमेरिका ने 9/11 के गुनहगार ओसामा बिना लादेन को मार गिराने के बाद उसकी डेड बॉडी को समंदर में दफन कर दिया था। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कसाब के शरीर को जेल में दफनाने का फैसला किया, ताकि वहां कोई पहुंच न सके।

Sunday, November 18, 2012

राज चाचा की चिता के बगल में काफी देर तक सुबकते रहे


 शिवाजी पार्क में रविवार देर शाम जब उद्धव ठाकरे ने बाल ठाकरे की चिता को मुखाग्नि दी, तो पास ही खड़े उनके चचेरे भाई और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे बेहद भावुक हो गए। हमेशा बेहद सख्त नजर आने वाले राज चाचा की चिता के बगल में काफी देर तक सुबकते रहे। राज रोते हुए घुटने के बल बैठ गए और उन्होंने बाल ठाकरे की जलती चिता को हाथ जोड़कर प्रणाम किया। बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार के वक्त पूरा शिवाजी पार्क खचाखच भरा था। हर किसी की आंखें नम थीं। पुलिस के मुताबिक शिवाजी पार्क में करीब 20 लाख लोग बाल ठाकरे के अंतिम दर्शन के लिए मौजूद थे।

अंतिम दर्शन के लिए लौटेः इससे पहले शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की शवयात्रा को बीच में छोड़कर घर गए एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे अंतिम संस्कार से ठीक पहले शिवाजी पार्क पहुंचे। शाम करीब साढ़े चार बजे वह एमएनएस के नेताओं के साथ शिवाजी पार्क में पहुंचे। वहां वह उद्धव ठाकरे के साथ बातचीत करते देखे गए। राज ठाकरे के शवयात्रा से जाने पर कयास लगाए जा रहे थे कि भले ही बाला साहेब राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को एक साथ मिलना चाहते थे, लेकिन दोनों के बीच की दूरी कम नहीं हुई है। जिस वक्त उद्धव बिलखते हुए दिखाई दे रहे थे, तब उन्हें सहारा देने के लिए राज ठाकरे आसपास मौजूद नहीं थे।

शवयात्रा बीच में छोड़ीः अंतिम यात्रा के दौरान जहां उद्धव और परिवार के करीबी लोग बाला साहेब के पार्थिव शरीर के साथ ट्रक पर सवार थे, वहीं राज ठाकरे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के समर्थकों के साथ पैदल चल रहे थे।बाद में अपने समर्थकों के साथ राज ठाकरे ने अलग रास्ता पकड़ लिया। वह उस रास्ते से नहीं गए, जहां से अंतिम यात्रा गुजर रही थी। कुछ देर बाद वह शव यात्रा को बीच में छोड़कर घर की ओर रवाना हो गए।

पूरा होगा बाल ठाकरे का सपना?: राज के अचानक शव यात्रा से लौटने से कयास लगाए जाने लगे कि राज और उद्धव को एक करने का बाल ठाकरे का सपना क्या पूरा होगा। कई मौकों पर बाल ठाकरे के भाषणों से इस तरह के संकेत मिले थे कि वह राज ठाकरे के अलग होकर नई पार्टी बनाने के फैसले से दुखी थे। वह चाहते थे किदोनों भाई एक साथ आ जाएं। उन्होंने दोनों को साथ मिलकर काम करने की सलाह भी दी थी। बताया जा रहा है कि उन्होंने राज और उद्धव से कहा था कि एक हो जाओ, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। राज ठाकरे ने भले ही अलग पार्टी बना ली हो, लेकिन वह बाला साहेब के नक्शे कदम पर ही चले। पार्टी के नाम से लेकर पार्टी के काम करने का तरीका और मुद्दे भी एक जैसे ही थे। बाल ठाकरे की तरह राज ने भी 'मराठी माणुस' की राजनीति की। काफी हद तक राज ठाकरे ने शिवसेना के वोट बैंक में भी सेंध लगाई। लोग राज ठाकरे में बाला साहेब की छवि देखते हैं।

भले ही राज ने बाला साहेब से नाराज होकर अलग पार्टी बनाई हो, लेकिन उनके दिल में अपने चाचा और भाई के प्रति प्यार और सम्मान कम नहीं हुआ था। पिछले दिनों जब उद्धव हॉस्पिटल में ऐडमिट हुए थे, तब भी राज ठाकरे खुद उन्हें अपनी कार से घर लाए थे। हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ को दिए इंटरव्यू में राज ठाकरे कहा था, 'परिवार का मामला अलग है और राजनीति का अलग। मैं हर मोड़ पर अपने परिवार के साथ हूं।' साथ ही भविष्य में एक साथ आने के सवाल को लेकर भी उन्होंने कहा था कि भविष्य की बात भविष्य में देखेंगे।

बाला साहेब के जाने के बाद उनके और राज ठाकरे के समर्थकों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या राज ठाकरे की शिवसेना में वापसी होगी और क्या राज और उद्धव दोनों साथ मिलकर काम करेंगे? लेकिन जानकारों का मानना है बाला साहेब के रहते हुए ही राज और उद्धव एक हो सकते थे, लेकिन अब यह 'प्रैक्टिकली' संभव नहीं दिखता।

Thursday, November 15, 2012

अमिताभ बच्चन पुत्र अभिषेक के साथ खुद मातोश्री


शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के स्वास्थ्य का ताजा हाल जाने को बेताब बॉलिवुड के सितारों ने गुरुवार सुबह से ही मातोश्री पहुंचना शुरू कर दिया, जो दिन भर जारी रहा। सलमान खान पिता सलीम खान और भाइयों अरबाज तथा सोहैल खान के साथ आए, तो मनोज कुमार पत्नी शशि गोस्वामी के साथ। इनका ठाकरे परिवार से पुराना नाता रहा है। पहले जब ये लोग उनसे मिलने आते थे, तो उनके चेहरे खिले होते थे, लेकिन आज सबके माथे पर चिंता की लकीरें थीं। 

मातोश्री जाकर बालासाहेब के स्वास्थ्य की जानकारी लेने पहुंची फिल्मी हस्तियों में मधुर भंडारकर, अशोक पंडित, सतीश शाह और कैलाश खेर के अलावा कपूर खानदान से रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राजीव कपूर शामिल थे। संजय दत्त भी पत्नी मान्यता के साथ आए और बालासाहेब के परिवार के साथ काफी देर तक रहे। गौरतलब है कि मुंबई विस्फोट कांड में जेल गए संजू बाबा को जमानत पर रिहा कराने में शिवसेनाप्रमुख ने अहम भूमिका निभाई थी। संजय दत्त जेल से बाहर आने पर सिद्धिविनायक मंदिर के बाद सीधे मातोश्री पहुंचे थे और बालासाहेब के पैर छूकर उनका आभार व्यक्त किया था। बालासाहेब को पिता समान मानने वाले और दीवाली पर हर साल व्यक्तिगत रूप से बधाई देने वाले अमिताभ बच्चन इस बार ऐसा नहीं कर पाए और बीमार बालासाहेब का हालचाल जाने के इरादे से बुधवार की शाम पुत्र अभिषेक के साथ खुद मातोश्री जा पहुंचे।


Sunday, November 11, 2012

तीसरे जिले की मांग पूरी करना सरकार के लिए असंभव हो सकता है और मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में जा सकता है।


देश के सबसे बड़े जिले ठाणे के विभाजन की 27 साल पुरानी मांग ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ी है। कोकण के विभागीय कमिश्नर विजय नाहटा ने नए जिले का मुख्यालय पालघर को बनाने पर सहमति जताई है। कमिश्नर ने विभागीय अधिकारियों तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के स्थानीय नेताओं के साथ बैठक के बाद पालघर को नया मुख्यालय बनाने की सहमति से जुड़ी रिपोर्ट राज्य सरकार के पास भेजी है। इस रिपोर्ट के बाद जिला विभाजन को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। कई लोगों ने जिले को 3 भागों में बांटने की मांग की है, जिससे विभाजन की सरकारी हलचल पर एक बार फिर ब्रेक लगने की आशंका जताई जा रही है। ठाणे का विभाजन कर दूसरा जिला बनाने पर करीब 500 करोड़ रुपये का खर्च है, जिसका बोझ राज्य सरकार पर पडे़गा। ऐसे में, तीसरे जिले की मांग पूरी करना सरकार के लिए असंभव हो सकता है और मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में जा सकता है। 
करीब सवा करोड़ आबादी वाला ठाणे जिला 9558 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जिसमें शहरी, ग्रामीण, आदिवासी, सागरीय क्षेत्र शामिल हैं। इनमें ग्रामीणों, आदिवासियों की अलग समस्या है, तो मछुआरों का अपना अलग प्रश्न है, शहरी भागों के लोगों की अपनी अलग समस्या है। फिलहाल ठाणे जिले में ठाणे, डोंबिवली-कल्याण, उल्हासनगर, भिवंडी, वसई, पालघर, डहाणु, तलासरी, जव्हार, मोखाडा, वाडा, शहापुर, मुरबाड आदि 13 तालुकाएं शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार को भेजी रिपोर्ट में कोंकण विभागीय कमिश्नर ने नए बनाए जाने वाले जिले पालघर में जव्हार, वाडा, मोखाडा, तलासरी, विक्रम गढ़, वसई, पालघर को शामिल करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में ठाणे जिले में ठाणे, डोंबिवली-कल्याण, मीरा-भाईंदर, भिवंडी, अंबरनाथ, शहापुर को रखने की बात कही गई है। 
ठाणे विभाजन की पहली बार चर्चा तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने 1985 में शहापुर की जनसभा में की थी। 1993 में ठाणे के आदिवासी परिसर में कुपोषण के चलते कई मौतें हुईं थी, जिसके बाद जिला विभाजन की मांग ने जोर पकड़ा। इसके बाद विभाजन की मांग को लेकर कई बार आंदोलन और मोर्चे हुए। बीते कुछ सालों में कई बार नेताओं द्वारा विभिन्न अवसरों पर जिला को शीघ्र विभाजित करने की घोषणा की गई। विगत 15 अगस्त को जिले का विभाजन किए जाने की प्रबल संभावना बनी थी, लेकिन मुंबई स्थित मंत्रालय में लगी भीषण आग और मुख्यालय को लेकर हुए विवाद के चलते अंतिम समय में विभाजन टल गया था। 
पहले जिले को दो भागों में बाटने की मांग की गई थी, जिसके तहत एक भाग में सभी मनपा तथा नपा क्षेत्र और दूसरे भाग में आदिवासी तथा ग्रामीण परिसर को रखा जाना था। बाद में शहरी, सागरीय तथा पहाड़ी भागों को लेकर जिले को तीन भागों में बाटने की मांग उठी। पालघर के अलावा आदिवासी परिसर जव्हार को भी मुख्यालय बनाने की चर्चा चली। जानकारों के मुताबिक जव्हार के आदिवासी परिसर होने तथा रेलवे नेटवर्क से सीधे नहीं जुड़े होने से चर्चा आगे नहीं बढ़ी। कुछ राजनेताओं ने कल्याण को मुख्यालय बनाकर उसमें आदिवासी परिसर समाहित करने की चर्चा छेड़ दी है। 

Tuesday, November 6, 2012

'महिलाओं को दरगाह के गर्भगृह में जाने की इजाजत नहींमिलेगी।


 मुंबई की मशहूर दरगाह हाजी अली पर महिलाओं काप्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है जिसके बाद इस निर्णय कीकड़ी आलोचना हो रही है  सूफी संत की दरगाह का निर्माण15 वीं सदी में हुआ था  बहरहाल दरगाह के प्रबंधन ने आजकहा कि महिलाओं को दरगाह के बड़े एवं खुले परिसर में जानेकी आजादी होगी लेकिन वे गर्भगृह में नहीं जा सकेंगी  प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन को आते हैं। 

हाजी अली दरगाह ट्रस्ट के ट्रस्टी रिजवान मर्चेंट ने कहा , 'महिलाओं को दरगाह के गर्भगृह में जाने की इजाजत नहींमिलेगी। ' मर्चेंट ने निर्णय का बचाव करते हुए कहा , ' इस्लामी शरिया कानून के मुताबिक अगर इस्लामीविद्वानों ने फतवा जारी किया है और मांग की है कि महिलाओं को दरगाह के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएतो हमने केवल इसमें सुधार किया है। ' 

मर्चेंट ने दावा किया कि महिला श्रद्धालुओं के लिए इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है  उन्होंने कहा , ' वे प्रार्थनाकर सकती हैं , नमाज पढ़ सकती हैं और शॉल एवं चादर चढ़ा सकती हैं। हम अपनी बहनों से सिर्फ इतना हीआग्रह करते हैं कि वे दरगाह के अंदर नहीं घुसे। ' हाजी अली दरगाह के ट्रस्टी और माहिम मखदूम शाह बाबादरगाह के प्रबंध ट्रस्टी सुहैल खांडवानी ने कहा , ' शरिया कानून दावा करता है कि कोई भी महिला कब्र , कादौरा नहीं कर सकती। ' खांडवानी ने कहा , ' हम दरगाहशरीफ में महिलाओं को जाने की अनुमति देते हैं लेकिनअस्तना ( जिस जगह पर संत को दफनाया जाता है ) में नहीं  ' यह मकबरा पीर हाजीअली शाह बुखारी की कब्र है ।उन्होंने कहा , ' अधिकतर महिलाएं करीब 80 फीसदी इस निर्णय से सहमत हैं  ' 

Wednesday, October 31, 2012

बच्चों की धुनाई करने वालों में ज्यादातर मां ही होती हैं


क्या घर में रहने वाली मांएं कामकाजी माओं के मुकाबले बच्चों को ज्यादा पीटती हैं? हाल ही में हुए सर्वे की मानें तो यही सच है। सर्वे में शामिल लोगों में से 65 फीसदी पैरंट्स ने माना कि वे बच्चों को पीटने से गुरेज नहीं करते। अकेले मुंबई में 10 में से 7 पैरंट्स अपने बच्चों को मारते-पीटते हैं। हैरानी की बात यह है कि 77 फीसदी मामलों में बच्चों की धुनाई करने वालों में ज्यादातर मां ही होती हैं।

यह सर्वे मुंबई के एक एजुकेशन ग्रुप पोदार इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन ने मुंबई, पुणे, सूरत, अहमदाबाद, चेन्नै और बेंगलुरु समेत 10 शहरों में किया। पोदार जंबो किड्स के डायरेक्टर स्वाति पोपट वत्स ने बताया, 'हैरतअंगेज यह है कि ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में बच्चों पर अधिक हाथ उठाया जाता है। सर्वे में हमें यह भी पता चला कि घर पर रहने वाली महिलाएं, जो कि नौकरीपेशा नहीं हैं, बच्चों को शारीरिक दंड कामकाजी महिलाओं के मुकाबले ज्यादा देती हैं। '

हाउसवाइफ इस मामले में ज्यादा सख्त होती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वे ज्यादा वक्त बच्चों के साथ बिताती हैं। जबकि, कामकाजी महिलाएं परिवार और जॉब के बीच सामंजस्य बनाने की कोशिशों में ही लगी रहती हैं।

Sunday, October 21, 2012

रियल इस्टेट इंडस्ट्री में अहम रोल अदा करने वाले इन्वेस्टर आज पूरी प्रॉपर्टी मार्केट को अपनी मुट्ठी में जकड़े हुए हैं


महाराष्ट्र सरकार हाउजिंग इंडस्ट्री में छाई गंदगी को साफ करने व बिल्डरों पर लगाम कसने का भले ही कितना भी दावा कर ले, पर सचाई यह है कि यह सुधार लाने में कोसों पिछड़ा है। रियल इस्टेट इंडस्ट्री में अहम रोल अदा करने वाले इन्वेस्टर आज पूरी प्रॉपर्टी मार्केट को अपनी मुट्ठी में जकड़े हुए हैं। बिल्डरों के प्रॉजेक्ट के प्री-लॉन्च का रेट तय करने से लेकर बिल्डिंग के आखिरी फ्लैट के सेल होने तक का रेट इन्हीं इन्वेस्टरों की मर्जी से तय हो रहा है। चूंकि रियल इस्टेट इंडस्ट्री में पूरा खेल ब्लैक मनी का होता है सो यही इन्वेस्टर्स बिल्डरों की फंडिंग का मुख्य सोर्स रहे हैं। 

अत: कई दफा बिल्डरों को भी इनकी मर्जी के आगे झुकना पड़ता है। एक ब्रोकर ने एनबीटी को बताया, 'कई बिल्डर अपने अनबिके फ्लैटों को सेल करने के लिए दाम में कमी करना चाहते हैं, परंतु उसी प्रॉजेक्ट में 'बल्क-बुकिंग' करा चुके इन्वेस्टर्स के दबाव के चलते बिल्डर रेट कम नहीं कर पा रहे हैं। ब्रोकर के अनुसार, रियल इस्टेट मार्केट में साल 2003 के बाद जब से बूम आया है, तब से बिल्डर अपने प्रॉजेक्ट के सारे फैसले इन्हीं इन्वेस्टरों की मर्जी से लेते आ रहे हैं। नतीजा यह हुआ है कि आज शहर में लाखों लोग इसलिए घर नहीं खरीद पा रहे हैं कि उनके पास फ्लैटों को खरीदने की कूवत नहीं है, और इन्वेस्टरों के पास एक दर्जन से लेकर 20-25 फ्लैट वैसे ही खाली पड़े हुए हैं। 

रियल इस्टेट की नब्ज को जानने वाले जानकार कहते हैं कि आज सभी म्हाडा, एसआरए, सिडको या दूसरी सरकारी एजेंसियों से खरीदे गए फ्लैटों को दोबारा बेचने के लिए एक टाइम फिक्स(लॉक-इन पीरियड) है। अमूमन यहां खरीदे गए फ्लैटों को पांच साल तक बेचने की पाबंदी है, ताकि यहां घर सिर्फ जरूरतमंदों को ही मिले और इन्वेस्टर दूर रहें जबकि प्राइवेट बिल्डरों के प्रॉजेक्ट में दर्जनों फ्लैट खरीदकर इन्वेस्टर पूरी मार्केट को अपनी मुट्ठी में दबोचे हुए हैं। अनुमान लगाया गया है कि आज मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई में 25 करोड़ स्क्वेयर फुट के रेजिडेंशल और कमर्शल फ्लैट अनबिके पड़े हैं। इसमें एक चौथाई से ज्यादा फ्लैट इन्वेस्टरों के हैं। 

Friday, October 12, 2012

नए ऊर्जा मंत्री राजेश टोपे को विभाग संभाले 15दिन नहीं हुए कि उन्हें राजनीतिक शॉक लगने शुरू हो गए हैं


महाराष्ट्र के नए ऊर्जा मंत्री राजेश टोपे को विभाग संभाले 15दिन नहीं हुए कि उन्हें राजनीतिक शॉक लगने शुरू हो गए हैं।1995 के बाद से जिसने भी ऊर्जा विभाग संभाला है , उसकीराजनीतिक सक्रियता पर प्रश्न चिह्न लग गया है। 

इससे पहले , ऊर्जा विभाग के मंत्री रहे नेताओं की ऐसेराजनीतिक ' शॉक ' लगे हैं कि वे इससे पूरी तरह उबर नहींपाए हैं। ऊर्जा विभाग के पिछले प्रभारी उपमुख्यमंत्री अजितपवार की अनपेक्षित विदाई के बाद यह डिपार्टमेंट ही ' शापित' होने की चर्चा निकल पड़ी है। 

Monday, October 8, 2012

रात छापा मारकर 340 लड़कियों को पक


मुंबई पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकिट का भंडाफोड़ किया है। शहर के पॉश ग्रांट रोड के सिंप्लेक्स बिल्डिंग से पुलिस ने गुरुवार रात छापा मारकर 340 लड़कियों को पकड़ा। रात करीब साढ़े 8 बजे पुलिस की अचानक बढ़ी हरकत से इलाके में हलचल मच गई। जैसे ही पुलिस सिंप्लेक्स बिल्डिंग के अंदर दाखिल हुई अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने यहां से 134 और लोगों को भी गिरफ्तार किया है।

दरअसल, ग्रांट रोड के रिहाइशी इलाके में देह व्यापार का अड्डा चल रहा था और ग्राहकों को इस अड्डे के बारे में जानकारी थी। पुलिस के मुताबिक, यहां पर सैकड़ों की तादाद में लड़कियों को जिस्मफरोशी के लिए रखा गया था। पुलिस ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से उनकी नजर इस बिल्डिंग में हो रही हरकतों पर थी। उन्होंने कहा कि पुलिस सही मौके की ताक में थी। गुरुवार को जैसे ही उन्हें खबर मिली कि देह व्यापार का धंधा चल रहा है तो उन्होंने छापा मारा। 340 लड़कियों के साथ 134 पुरुषों को भी पुलिस ने पकड़ा है।

पुलिस के का कहना है कि कस्टडी में ली गई ज्यादातर लड़कियां बांग्ला भाषा बोलने वाली हैं। इसके आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि इनमें ज्यादातर लड़कियां बांग्लादेशी हैं। पुलिस का यह भी कहना है कि हो सकता है कि इन लड़कियों को बांग्लादेश से जिस्मफरोशी का धंधा कराने के लिए यहां लाया गया हो। पुलिस भले ही इस सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ कर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन इस इलाके के लोगों में पुलिस के खिलाफ काफी रोष है। लोगों का कहना है कि यहां से कुछ ही दूरी पर पुलिस चौकी है और यह धंधा इतने दिनों से चल रहा था और पुलिस को इसके बारे में अब तक कैसे पता नहीं चला। लोगों का यह भी कहना है कि आखिर पुलिस ने इस मामले में पहले कोई कदम क्यों नहीं उठाया।

Monday, September 24, 2012

छापा कार्रवाई के दौरान पुलिस ने होटेल से दो महिला सेक्स वर्कर सहित दो ग्राहकों को अरेस्ट कि

सांताक्रुज स्थित एक फाइव स्टार होटेल में सेक्स रैकेट चलाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ मुंबई पुलिस की समाजसेवा शाखा ने किया। छापा कार्रवाई के दौरान पुलिस ने होटेल से दो महिला सेक्स वर्कर सहित दो ग्राहकों को अरेस्ट किया है। गिरफ्तार महिला सेक्स वर्कर मॉडलिंग से जुड़ी हैं, जिनमें एक रशियन भी शामिल है। हालांकि, खबर लिखे जाने तक सांताक्रुज पुलिस ने इस भंडाफोड़ के बारे में कुछ अधिक बताने से कतरा रही थी। सूत्रों की मानें, तो फाइव स्टार होटेल का मामला होने से स्थानीय पुलिस मामले को दबाने में जुटी है। 

एनबीटी ने जब खबर की पुष्टि के लिए सांताक्रुज पुलिस स्टेशन फोन किया तो ड्यूटी पर मौजूद अधिकारी ने मामले की जानकारी होने से साफ तौर पर मना कर दिया। इसके अलावा सीनियर ऑफिसर अरुण जाधव भी फोन कॉल्स उठाने और मैसेज का जवाब देने से गुरेज करते रहे। ऐसे में, सवाल उठता है कि कहीं इसके पीछे स्थानीय पुलिस की मिलीभगत तो नहीं है। 

सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी में सांताक्रुज एरिया का ही एक नामी होटेल का नाम आ रहा है, जहां पिछले कई माह से जिस्मफरोशी का कारोबार चल रहा था। लेकिन, समाजसेवा शाखा के पूर्व एसीपी वसंत ढोबले के कार्यकाल के दौरान इस होटेल में जिस्मफरोशी कम हो गई थी। जैसे ही ढोबले का तबादला वकोला डिविजन में हुआ, तो होटेल में एक बार फिर से देह व्यापार का धंधा शुरू हो गया, जिसे स्थानीय सांताक्रुज पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। 

Wednesday, September 12, 2012

असीम त्रिवेदी बुधवार को रिहा कर दिए गए


कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी के देशद्रोह के आरोप में अरेस्ट होने की घटना पर बीजेपी लीडर लालकृष्ण आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर पर सवाल किया है कि क्या मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था इमरजेंसी से भी खराब है? हालांकि, आडवाणी की इस तुलना पर एनडीए सहयोगी जेडी(यू) के प्रेजिडेंट शरद यादव ने कहा कि यह बढ़ा-चढ़ाकर दिया गया बयान है। उधर, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने असीम का समर्थन किया है।
कैप्शन: आपत्तिजनक कार्टून बनाने के आरोपी असीम त्रिवेदी बुधवार को रिहा कर दिए गए

Monday, September 10, 2012

राज ठाकरे को अपनी इमेज की चिंता सताने लगी


एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे को अपनी इमेज की चिंता सताने लगी है। पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर बने 'सुरक्षेत्र' सीरियल के मामले में 'सेटेलमेंट' करने के आरोप लगाए गए, इसे लेकर वे काफी खफा हैं। ठाणे के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने अपनी इस नाराजी को मंच से स्वर दिया। 

राज ने कहा कि 'सुरक्षेत्र' का विरोध करने के बाद इसे वापिस लेने पर 'सेटेलमेंट' की खबरें छपीं। इसलिए मैंने सिंगापुर के 'मिफ्टा' नाट्य व चित्रपट पुरस्कार समारोह में जाने का न्योता ठुकरा दिया था। 'म्हैसकर फाउंडेशन' इस कार्यक्रम के प्रायोजक थे और मैंने टोल विरोध आंदोलन चला रखा था। इसलिए मैंने साफ कर दिया है कार्यक्रम में उपस्थित रहना मेरे लिए संभव नहीं होगा। 

राज ने पाकिस्तानी कलाकारों के सीरियल को अनुमति देने के बारे में विस्तार से सफाई दी। उन्होंने बताया कि देश में पाकिस्तान के समर्थन से आतंकवादी कार्रवाइयां हो रही हैं, ऐसे में चुपचाप बैठे रहकर पाकिस्तानी कलाकारों को बुलाने का मैं विरोध करता हूं। लेकिन 'सहारा वन' के निदेशक बोनी कपूर और 'कलर्स' के पदाधिकारी मुझे मिलने आए और बताया कि 'सुरक्षेत्र' के लिए उन्होंने भारी खर्च कर रखा है। हम पर कितना कर्ज हो गया है, यह बताते हुए बोनी कपूर लगभग रोने की हालत में पहुंच गए थे। इस कार्यक्रम के आयोजन पर आखिर भारत के ही पैसे खर्च हुए हैं, ये सोचकर मैंने कार्यक्रम को अनुमति दे दी।' 

Friday, September 7, 2012

कांग्रेसी नेता सुबोध कांत सहाय और विजय दर्डा के बाद दो और नेताओं का नाता 2005-2009 के बीच कोयला ब्लॉक आवंटन पाने वालीं कंपनियों से जुड़ ग

 कांग्रेसी नेता सुबोध कांत सहाय और विजय दर्डा के बाद दो और नेताओं का नाता 2005-2009 के बीच कोयला ब्लॉक आवंटन पाने वालीं कंपनियों से जुड़ गया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता प्रेम चंद गुप्ता के बेटों ने उस समय कोयला ब्लॉक के लिए आवेदन किया था जब वह केंद्र सरकार में कंपनी मामलों के मंत्री थे। गुप्ता का बेटा स्टील के कारोबार में बिल्कुल नया था, इसके बावजूद उन्हें ब्लॉक मिल गया।

सूचना एवं प्रसरण राज्यमंत्री एस. जगतरक्षकन ने तो अलॉटमेंट से पांच दिन पहले जेआर पावर नामक कंपनी बनाई और सरकारी कंपनी पुड्डुचेरी इंड्स्ट्रियल प्रमोशन डिवलपमेंट ऐंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (पीआईपीडीआईसी) के साथ एमओयू साइन करके 17 जनवरी 2007 को कोल ब्लॉक के लिए दावेदारी ठोक दी। 25 जुलाई को कंपनी को उड़ीसा के नैनी में कोल ब्लॉक मिल गया और एक महीने के भीतर ही जेआर पावर ने अपनी हिस्सेदारी हैदराबाद की कंपनी केएसके एनर्जी वेंचर्स को बेच दी, जिससे इस कंपनी को ब्लॉक से कोयला निकालने का अधिकार मिल गया।

Thursday, August 23, 2012

डा सत्यपाल मुंबई के नए पुलिस कामिश्नर



बधाई
मुझे फक्र है कि आज डा सत्यपाल मुंबई के नए पुलिस कामिश्नर हो गए है । मेरी तरफ से  बधाई
तथा बड़ोत वासियो के लिए  खुशखबरी कि जनता वैदिक कालेज का होनहार आज मुंबई के नए पुलिस कामिश्नर है ।
क्या अरुप पटनायक को मुंबई पुलिस की कुर्सी से 11 अगस्त को आजाद मैदान में हुई हिंसा की वजह से हटाया गया? पर्दे के बाहर की कहानी भले ही यह हो, पर हकीकत में उन दिन पटनायक ने जिस तरह जोन-वन के डीसीपी डॉक्टर रवींद्र शिसवे को सबके सामने बेइज्जत किया, वह बात उनके लिए महंगी साबित हुई? शिसवे को बेइज्जत किए जाने का टेप बाद में यूट्यूब पर खूब चला। एक आईपीएस अधिकारी के अनुसार, यू ट्यूब पर शिसवे से जुड़े इस टेप को जब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को दिखाया गया, तो दोनों ही नेता बहुत नाराज दिखे थे। आर. आर. पाटील ने उसी दिन से पटनायक को हटाने का मन बना लिया था, जबकि मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को पटनायक के भविष्य का फैसला करने में गुरुवार तक का वक्त लगा

Thursday, July 19, 2012

सुपर स्टार राजेश खन्ना की अंतिम यात्रा शुरू

बॉलिवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे जब अंतिम सांस ली तो उनके आखिरी शब्द थे,'टाइम अप हो गया- पैक अप!