Thursday, June 27, 2013

उत्तराखंड में धर्मशाला निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपये

मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर ने उत्तराखंड में धर्मशाला निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपये दान देने का निश्चय किया है। मंदिर समिति ने तत्काल सहायता के तौर पर 25 लाख रुपये दिए हैं।

समिति के सीईओ सतीश माली के अनुसार, महाराष्ट्र व उत्तरांचल सरकारों और केंद्र के निर्देशों के अनुसार पांच करोड़ रुपये की रकम अभी रिजर्व रखी जाएगी। चूंकि सिद्धिविनायक मंदिर समिति राज्य शासन के तहत काम करती है, इसलिए दान का प्रस्ताव मान्यता के लिए महाराष्ट्र सरकार को भेज दिया गया है।

1981 में सरकार ने विधानसभा में अधिनियम बनाकर सिद्धिविनायक मंदिर समिति का कामकाज अपने हाथ में ले लिया था। तब से लाइब्रेरी, मेडिकल सहायता जैसी कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस साल सूखे से जूझने के लिए मंदिर समिति ने महाराष्ट्र सरकार को 25 करोड़ रुपये की रकम दी है। इससे पहले जुलाई 2005 की बाढ़ के समय एक करोड़ रुपये दिए। 26/11 के आतंकी हमलों के पीड़ितों को भी मंदिर समिति ने मदद दी थी।

Wednesday, June 19, 2013

मुसलमानों के लिए शिक्षा औरनौकरियों में रिजर्वेशन

भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक , महाराष्ट्र सरकार की 'मोहम्मद उर रहमान कमिटी ' मुसलमानों के लिए शिक्षा औरनौकरियों में रिजर्वेशन की सिफारिश देने की तैयारी में है।कमिटी अगले सप्ताह मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की मौजूदगीमें यह रिपोर्ट अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आरिफनसीम खान को सौंपेगी। इन सिफारिशों को माना गया तोमहाराष्ट्र भी मुसलमानों को रिजर्वेशन का फायदा देने वालेकेरल , कर्नाटक जैसे गिने चुने राज्यों में शामिल हो जाएगा। 
महाराष्ट्र सरकार ने दिवंगत मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के कार्यकाल में 2008-09 में ' मोहम्मद उर रहमानसमिति ' बनाई थी। जम्मू - कश्मीर फाइनेंस कमिशन के चेयरमैन और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइसचांसलर रहे डॉ . रहमान को कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया था। कमिटी को महाराष्ट्र में मुसलमानों के आर्थिक ,सामाजिक , शैक्षिक और रिहायश के हालात का जायजा लेने , उनके पिछड़ेपन की वजह पता लगाने औरसरकारी नौकरियों  शिक्षा संस्थानों में उनकी भागीदारी बढ़ाने के तरीके सुझाने का जिम्मा दिया गया था। 

Monday, June 17, 2013

पुलिस स्टेशन घुटने भर पानी में डूब गया

 पिछले तीन  चार दिनों से रुक  रुककरलगातार हो रही बरसात के चलते हर साल की तरह इस सालभी तुर्भे पुलिस स्टेशन घुटने भर पानी में डूब गया है। इसकेचलते यहां काम करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को तो भारीतकलीफ का सामना करना पड़ ही रहा है , वहीं रिपोर्टलिखाने आए आम नागरिकों को भी पानी से गुजरना पड़ता है।पुलिसकर्मी अपने रिकॉर्ड , फर्नीचर और अन्य सामान कोपानी से बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। 
तुर्भे पुलिस स्टेशन सायन  पनवेल हाइवे और एमआईडीसीसर्विस रोड के पूर्वी किनारे पर स्थित है। इसकी पूर्वी दक्षिणी दिशा में करीब 200 से 300 मीटर की दूरी परतुर्भे लेक है। पहले इस क्षेत्र का बरसाती पानी बहकर इसी लेक में चला जाता था , पर पिछले कुछ सालों मेंपुलिस स्टेशन की पूर्वी , दक्षिणी  उत्तरी दिशा में स्थित कंपनियों  अन्य संस्थानों द्वारा अपने क्षेत्र मेंचहारदीवारी बना देने से पानी के बहाव की दिशा बदल गई है। वैसे भी पुलिस स्टेशन परिसर सामान्य सेनिचली सतह पर स्थित है। इसके चलते जब अधिक बरसात होती है , पूरे पुलिस स्टेशन में घुटने भर तक पानी भर जाता है। 

Friday, June 14, 2013

लेटर्स से जुड़ी खास बात यह थी कि उसमें न तो सूरज को कोई संबोधन था और न ही उसमें जिया का कोई सिग्नेचर था

जिया खान सूइसाइड केस में सूरज पंचोली को जब गिरफ्तार किया गया, तो उस गिरफ्तारी का आधार पुलिस ने छह पेज के उन लेटर्स को बनाया था, जो जिया की मौत के तीन दिन बाद जिया की मां रबिया ने पुलिस को दिया था। पर लेटर्स से जुड़ी खास बात यह थी कि उसमें न तो सूरज को कोई संबोधन था और न ही उसमें जिया का कोई सिग्नेचर था। यह बात खुद पुलिस ने भी सार्वजनिक रूप से कही थी और सूरज की रिमांड के दौरान मंगलवार को यह बात कोर्ट में भी उठी थी।

सूरज को सोमवार को गिरफ्तार करने के बाद जुहू पुलिस ने जब उनके घर का सर्च ऑपरेशन किया था, तो वहां से जिया के सूरज को लिखे पांच लव लेटर्स भी जब्त किए थे। पर क्या इन लव लेटर्स में जिया के सिग्नेचर थे? यह बात बुधवार को एनबीटी संवाददाता ने जोन-9 के डीसीपी चेरिंग दोरजे से उनके केबिन में कई बार पूछी, लेकिन हर बार दोरजे इस सवाल को यह कहकर टालते रहे कि इसका जवाब बाद में देंगे।

चूंकि जिया के लव लेटर्स सूरज के घर मिले हैं, इसलिए पुलिस पर शक करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि इन पांच लव लेटर्स में जिया के सिग्नेचर हैं या नहीं, इसे बताने में पुलिस को इतना संकोच क्यों हो रहा है?

Thursday, June 6, 2013

हमारे बीचराजनीति की कोई चर्चा नहीं हुई

विरोधी दलों का महाराष्ट्र लोकतांत्रिक गठबंधन गठितकरने का संकल्प व्यक्त करने वाले बीजेपी के नए अध्यक्ष देवेंद्रफडणवीस ने बुधवार को एमएनएस चीफ राज ठाकरे से घंटेभर गुफ्तगू की। इसके बाद फडणवीस ने कहा , ' हमारे बीचराजनीति की कोई चर्चा नहीं हुई , यह उनकी सदिच्छा भेंटथी। ' शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा एमएनएस सेगठजोड़ करने के विषय पर बीजेपी की जमकर खिंचाई किएजाने के बाद फडणवीस ने राज से यह मुलाकात की। 

फिलहाल , एमएनएस के भविष्य के बारे में राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा हो रही है। दो सप्ताह पहले एकसर्वे में एमएनएस को लोकसभा की सिर्फ एक सीट मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। नाशिक में एमएनएसमें असंतोष व्याप्त है। स्वयं राज ठाकरे अनेक बार यह ऐलान कर चुके हैं कि वे किसी से गठबंधन नहीं चाहते हैं। 
इस पृष्ठभूमि में फडणवीस की उनसे मुलाकात ने ग्रैंड अलायंस की संभावना को हवा दी है। हालांकि , अब भीबीजेपी में एक बड़ा वर्ग एमएनएस से गठजोड़ के खिलाफ है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद फडणवीस ने कहाथा कि कांग्रेस - एनसीपी आघाड़ी को पराजित करने के लिए वे विरोधी दलों का गठबंधन करने की कोशिशकरेंगे।