Wednesday, July 31, 2013

मालवाहक वाहन का परमिट शुल्क 200 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये

राज्य के परिवहन विभाग ने वाहनों के रजिस्ट्रेशन, परमिट, बैंच इत्यादि में अचानक ही कई गुना की बढ़ोतरी कर दी है। सरकार ने यह शुल्क 13 साल बाद बढ़ाया है। हालांकि इसके विरोध के बाद परिवहन राज्य मंत्री सचिन अहिर ने सीएम से बात कर इसमें कुछ हद तक कमी करने की बात कही है।

नई दरों के मुताबिक मालवाहक वाहन का परमिट शुल्क 200 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये, निजी वाहनों के शुल्क 200 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये, नैशनल परमिट शुल्क 300 रुपये से 700 रुपये, मीटर की जांच हेतु 2,000 रुपये, लाइसेंस नवीकरण 200 रुपये से 500 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा मालवाहक वाहनों पर विज्ञापन लगाने का शुल्क 200 रुपये से बढ़ाकर सीधे 2000 रुपये जबकि मोटर के विज्ञापन शुल्क 100 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है। रिक्शा के विज्ञापन लगाने का शुल्क 60 रुपये से सीधे 500 रुपये कर दिया गया है। परिवहन राज्य मंत्री सचिन अहिर ने बताया कि 13 साल से इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। देश के दूसरे राज्यों के शुल्क का अध्ययन करने के बाद शुल्क में बढ़ोतरी की गई है।

Monday, July 29, 2013

गेहूं और चावल भी सड़ने की कगार पर

एक तरफ बाजारों में खाद्यान्नों की आसमानछूती कीमतें हैं , वहीं दूसरी तरफ भूख  कुपोषण से मरतीगरीब जनता के बीच देश के सरकारी गोदामों में अनाजों कासड़ना लगातार जारी है। अनाजों को किस तरह से सरकारीगोदामों में सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है , इसका ताजाउदाहरण तुर्भे स्थित सीवीसी के गोदाम में देखने को मिला है। 
पिछले
 चार वर्ष से यहां रखी अरहर की 650 मीट्रिक टन दालअब खाने लायक नहीं बची है। इसे सड़ने से पहले गोदामप्रबंधन ने बहुत प्रयास किया लेकिन सरकारी मशीनरी की धीमी चाल के चलते इसे सड़ने से बचाने के लिए कोईभी जिम्मेदार विभाग आगे नहीं आया। दाल के बाद अब गेहूं और चावल भी सड़ने की कगार पर हैं। 
तुर्भे
 रेलवे स्टेशन से सटे परिसर में सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन ( सीवीसी ) के 16 बड़े गोदाम हैं। इनमें से एकमें करीब चार साल पहले भारत सरकार के स्वामित्व वाली एमएमटीसी कंपनी ने 650 मीट्रिक टन अरहर कीदाल 13000 बोरों में भरकर कुछ महीने के लिए रखी थी। इस दाल का खुले बाजार में भाव 80 रुपये प्रति किलोबताया गया है। 
गोदाम
 प्रशासन के अनुसार कंपनी ने कहा था कि टेंडर प्रक्रिया होते ही दाल नीलम कर दी जाएगी , लेकिनकंपनी चार साल बाद भी इसे नीलाम नहीं कर सकी। सूत्रों के अनुसार सीवीसी प्रशासन ने कंपनी को कई बारपत्र लिखे  दाल सड़ने की बात कही , लेकिन कंपनी ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। 
दाल
 की तरह यहां रखे गेहूं , चावल जैसे अन्य खाद्यान्न के अलावा राष्ट्रीय जनगणना दस्तावेज सड़ने की कगारपर हैं। गौरतलब है कि पिछले करीब दो महीने से मुंबई में हो रही तेज बारिश के चलते यहां के सभी गोदामों केचारों तरफ घुटनों तक पानी भर चुका है। गोदाम प्रशासन की पंपिंग के जरिये पानी बाहर करने की कोशिशेंनाकाम हैं।

Thursday, July 25, 2013

निर्दलीय विधायक अनिल गोटे ने अपने अनुभवों से महाराष्ट्र विधानसभा को स्तब्ध कर दिया

 हजारों करोड़ रुपए के तेलगी स्टैंप घोटाले के सिलसिले में लंबा समय जेल में बिताकर लौटे निर्दलीय विधायक अनिल गोटे ने बुधवार को अपने अनुभवों से महाराष्ट्र विधानसभा को स्तब्ध कर दिया। गोटे से सदन में गृहमंत्री आर.आर. पाटील को चुनौती देकर सनसनी फैला दी। जलगांव के इस विधायक ने कहा कि अगर पाटील उन्हें पांच लाख रुपए दें, तो जेल में सेंध लगाकर दिखा सकते हैं।

जेलों के भीतर कैदियों के पास मोबाइल पहुंचने के मामले में पुणे की बीजेपी विधायक माधुरी मिसाल के प्रश्न पर चर्चा चल रही थी। गृहमंत्री जेलों में जैमर और सीसीटीवी लगाने की घोषणा कर रहे थे। अपनी साफगोई और बेबाकी के लिए मशहूर रहे गोटे ने वर्षों बाद चर्चा में हस्तक्षेप किया और पूरा मामला ही उलट दिया। विधायक ने चार साल जेल में बिताने के अनुभव का दाखिला दिया। गोटे ने कहा कि जेलों में क्या होता है, मुझे सब पता है।
क्योंकि मैं चार साल पुणे की येरवडा जेल में रह चुका हूं। उन्होंने कहा कि कुख्यात गुंडों की टोली जेलर व पुलिस वालों को वेतन देती है। जेलर को हर माह 25 हजार रुपये बतौर हफ्ता दिए जाते हैं। दूसरों को भी उनके पद के हिसाब से पैसे दिए जाते हैं। जबकि कार्रवाई केवल सिपाहियों के खिलाफ होती है। इस लिए पुलिस व जेल कर्मचारियों के वेतन का अंतर कम किया जाना चाहिए। इससे पहले, पाटील ने मूल प्रश्न के उत्तर में जेलों में मोबाइल फोन होने की खबर का साफ तौर पर खंडन दिया था। उन्होंने कहा था कि जेल में प्रवेश करने वाले हर कर्मचारी, हर कैदी की कड़ाई से झड़ती ली जाती है। उन्होंने अभिनेता संजय दत्त का नाम लिए बिना बताया कि जिस एक कैदी का डिब्बा हाईकोर्ट के आदेश पर जेल के भीतर जाता है, उसकी भी कड़ाई से जांच की जाती है।

Monday, July 22, 2013

मुंबई पर एक बार फिर आतंकी हमले का खतरा

मुंबई पर एक बार फिर आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है। आतंकी हमले के खतरे के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने 7 पन्नों की अडवाइजरी जारी की है।
पुलिस की ओर से जारी अडवाइजरी में पुलिसवालों को कई दिशा-निर्देश दिए गए हैं। हमले की आशंका को देखते हुए अडवाइजरी में सभी थानों से अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।

पुलिस के तमाम बड़े अफसरों को सड़क पर उतरकर पेट्रोलिंग की हिदायत दी गई है। इसके अलावा विदेशी ऑफिसों की भी सुरक्षा के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

खतरे को भांपते हुए पुलिस से रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर सभी लोगों की जांच की हिदायत दी गई है। इसके अलावा पुलिस को मॉल, हॉस्पिटल और बाजारों की भी सुरक्षा से जुड़े दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

Wednesday, July 17, 2013

जहां शराब और शबाब का संगम लिए एक केबाद एक डांस हॉल होते थे

 अंधेरी वेस्ट के इर्ला में दीपा बार एक मशहूरडेस्टिनेशन था। शाम होते ही वहां तमाम लग्जरी कारें रुकतींऔर देर रात एक बजे बाद ही हटती। अंदर का नजारा चौंकानेवाला होता , जहां शराब और शबाब का संगम लिए एक केबाद एक डांस हॉल होते थे। हरेक हॉल का विशिष्ट स्तर था ,जिसमें वीआईपी के लिए अलग हॉल होते थे। एक - एक बारगर्ल्स की रोजाना कमाई हजारों रुपये होती थी। उनका रहन -सहन किसी बड़े उद्योगपति या सीईओ से कम नहीं होता था।उनके फ्लैट चार बंग्ला , यारी रोड और लोखंडवाला में होतेथे। ये हाई प्रफाइल बारबालाएं बस से नहीं , बल्कि टैक्सी या ऑटो से चलती और उनके बच्चे कॉन्वेंट में पढ़ते थे। 

राज्य सरकार ने जब पूरे महाराष्ट्र में डांस बार पर रोक लगाई , तो सबसे ज्यादा प्रभावित डांस गर्ल्स हुईं। टोपाज, नाइट लाइफ , बूडो , हुस्न , शकीरा , डमडम , दीपा आदि बार के बंद होने से हजारों बारबालाएं प्रभावित हुई।अंधेरी में रहने वाली शीला अपने मूलगांव आगरा चली गई। लेकिन 20 साल की रजनी दुबई चली गई , जिसकेसेठ ने दुबई में नया होटेल खोला था। अधिकांश लड़कियां यूपी , पश्चिम बंगाल और नेपाल की थी। बताते हैं किकई बार गर्ल्स की आय तो महीने में कई लाख रुपये होती थी। इनमें से कई लड़कियांे के बॉयफ्रेंड होते थे औरवही उन्हें रात में एस्कोर्ट करते थे। खूबसूरत बार डांसरों की ज्यादा डिमांड थी , जिन्हें बार की ओर से फ्लैट ,कार , मेडिकल भत्ता आदि सुविधाएं दी जाती थीं। 

Wednesday, July 10, 2013

शहर में मोनो और मेट्रो ट्रेन शुरू करने से पहले कई तरह के एहतियात

शहर में मोनो और मेट्रो ट्रेन शुरू करने से पहले कई तरह के एहतियात बरतें जा रहे हैं, ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो। इन दोनों प्रॉजेक्ट को अंजाम देने वाली एमएमआरडीए ने स्टेशन एरिया ट्रैफिक इम्प्रूवमेंट स्कीम (सैटिस) के तहत स्टेशन की 50 मीटर की परिधि में कार पार्किंग की व्यवस्था नहीं होगी। साथ ही बस स्टैंड्स को भी स्टेशन से 50 मीटर दूर शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि मोटरसाइकल और साइकिल स्टैंड जरूर बनाए जाएंगे। 

एमएमआरडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रिक्शा और टैक्सी पिक-अप पॉइंट भी 50 मीटर दूर बनाए जा रहे हैं। ये सारे निर्णय ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि यदि प्रवेश द्वार से 50 मीटर के कोई गाड़ी पार्क की जाती है तो उसे बाहर धकेल दिया जाएगा, और कार मालिक से जुर्माना भी वसूला जाएगा।
 

मोनो रेल स्टेशनों के बाहर फेंसिग युक्त एक मीटर चौड़ा रास्ता पैदल यात्रियों के लिए आरक्षित रहेगा, इसी तरह मेट्रो स्टेशन के बाहर 1.5 मीटर चौड़ा पैदल मार्ग बनाया जाएगा, ताकि यात्रियों को आने-जाने में असुविधा न हो। प्रकल्प से जुड़े लोगों का मानना है कि सुरक्षा के लिहाज से प्रवेश और निकास द्वार पर निगरानी रखना बहुत जरूरी है, जिसे ध्यान में रखते हुए सैटिस पर विशेष जोर दिया जा रहा है, ताकि स्टेशनों के बाहर अनावश्यक भीड़ (अवैध हाकर वगैरह) न जमा हो सके।

Tuesday, July 9, 2013

जीती रकम को ज्यादातर प्रॉपर्टी में निवेश



प्रॉपटी के दाम इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि अब सट्टेबाज भी इसमें खूब निवेश कर रहे हैं। मुंबई क्राइम ब्रांच ने तीन दिन पहले शोभन मेहता नामक जिस बुकी को गिरफ्तार किया है, उसने पूछताछ में बताया कि उसने सट्टे से जीती रकम को ज्यादातर प्रॉपर्टी में निवेश किया है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, मालाड का एक बड़ा बिल्डर है। शोभन ने अपनी रकम उसके यहां निवेश की हुई है। शोभन अर्जुन नाम से बुक चलता था। शोभन ने पूछताछ में बताया कि उसके ज्यादातर पंटर या तो डायमंड से जुड़े बिजनेसमैन हैं या रियल स्टेट बिजनेस से जुड़े लोग।

शोभन मेहता का नाम तब सामने आया था, जब सीनियर इंस्पेक्टर नंद कुमार गोपाले ने 14 मई को कालबादेवी में सेठ अग्यारी लेन पर स्थित एक फ्लैट में छापा मारा था। क्राइम ब्रांच ने तब रमेश व्यास सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। छानबीन में पता चला कि रमेश व्यास ने इंडिया के जिन तीस बुकीज की लाइन पाकिस्तान के बुकीज को कनेक्ट करके दी थीं, उन्हीं लाइनों वाले कई बुकीज से शोभन की भी लाइनें कनेक्टेड थीं। शोभन जिन लोगों के संपर्क में था, उनमें एक था राकेश गंगवाल उर्फ राकेश जयपुर भी।

इंस्पेक्टर दिलीप फुलपगारे, नितिन पाटील की टीम ने राकेश जयपुर को सोमवार को अरेस्ट किया। क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार, रमेश व्यास ने राकेश जयपुर को कुल पांच पाकिस्तानी बुकीज की लाइनें दी हुई थीं। इनमें बबलू, मास्टर सलमान, यूबीएल जावेद तीन नाम हैं, जबकि दो पाकिस्तान बुकीज की लाइन नंबरों में लिखी हुई थीं- 100 और 26 । खास बात यह है कि राकेश जयपुर की एक लाइन संजय जयपुर के नाम रजिस्टर्ड थी। यह संजय जयपुर राकेश जयपुर का नौकर है। जबकि एक संजय जयपुर उस पवन जयपुर का भाई है, जो दारा सिंह के बेटे विंदू से भी जुड़ा रहा और पाकिस्तान अंपायर असद रऊफ से।

Tuesday, July 2, 2013

बॉम्बे हाईकोर्ट ने उस लेटर को जिया कासूइसाइड नोट मानने से इनकार

जिया खान मामले में छह पेज के जिस लेटर कोआधार बनाकर जुहू पुलिस ने पिछले महीने सूरज पंचोली कोगिरफ्तार किया था , बॉम्बे हाईकोर्ट ने उस लेटर को जिया कासूइसाइड नोट मानने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने सोमवारको सूरज को जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया। सूरज को50 हजार के निजी मुचलके पर बेल मिली। 
बॉम्बे
 हाईकोर्ट की जज साधना जाधव ने साफ - साफ शब्दों मेंकहा कि जिया खान द्वारा ' आवेग ' में आकर की गई आत्महत्या के लिए सूरज को अकेले दोषी नहीं ठहराया जासकता। जिया खान ने 3 जून को जुहू स्थित सागर संगीत बिल्डिंग के अपने घर में खुदकुशी कर ली थी , पुलिस नेएक हफ्ते बाद 10 जून को सूरज को तब गिरफ्तार कर लिया था , जब जिया की मां रबिया ने जिया के कमरे मेंमिले छह पेज के एक लेटर को पुलिस को सौंपा था , जिसमें  तो जिया के दस्तखत थे और  ही कोई तारीखलिखी हुई थी। 
जज
 ने पूछा , ' जो लिखित प्रति जिया के घर से बरामद की गई है वह सूरज के लिए लिखी गई है या वह उसकीडायरी का कुछ अंश मात्र है ? क्या इसे सूइसाइड नोट माना भी जा सकता है ? जब उस पर कोई तारीख ही नहींहै तो क्या इसे उस दिन से जोड़कर देखा जा सकता है , जिस दिन उसने आत्महत्या की ?' 
अदालत
 ने यह भी कहा कि जिया द्वारा लिखा गया लेटर कभी भी सूरज तक पहुंचा ही नहीं। इसलिए यह नहींकहा जा सकता कि लेटर में जाहिर की गई भावनाएं कभी सूरज तक पहुंची भी थीं। जज ने यह भी कहा कि सूरजका ऐसा उद्देश्य कभी नहीं रहा कि जिया आत्महत्या कर ले। न्यायाधीश जाधव ने कहा कि इस बात को इग्नोर नहींकिया जा सकता कि जिया में आत्महत्या की प्रवृत्ति थी। पहले भी वह आत्महत्या की कोशिश कर चुकी थी औरसूरज ने ही जब उसकी देखभाल की थी। 
न्यायाधीश
 ने यह भी कहा कि जिया की मां को तो इस घटना का पता भी नहीं था। अदालत ने कहा , ' ऐसालगता है कि घटना वाले दिन जिया और सूरज के बीच कुछ गलतफहमी हो गई थी , जिसके चलते जिया बेहदरोष में  गई। ' सूरज की जमानत मंजूर करते हुए अदालत ने कहा कि 22 वर्षीय यह लड़का 21 दिन जेल मेंकाट चुका है। उसे और ज्यादा जेल में रखने की जरूरत नहीं है।