Wednesday, February 19, 2014

अंबानी नहीं, लेकिन उनका चंदा मंजूर

अंबानी नहीं, लेकिन उनका चंदा मंजूर! : हालांकि यादव का अंबानी पर हमलावर रुख जारी रहा। उन्होंने अंबानी के केजी बेसिन घोटाले के बोफोर्स से भी बड़ा घोटाला करार दिया। यादव ने कहा कि मुकेश अंबानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना एक महत्वपूर्ण पड़ाव था, जिसने कांग्रेस और बीजेपी को यह स्वीकार करने के लिए विवश कर दिया कि हम अपना चुनावी अजेंडा लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि जनता का यूपीए से मोहभंग हो चुका है, देश को अब कमजोर मोर्चों की जगह मजबूत विकल्पों की आवश्यकता है। आम आदमी पार्टी अब जोश में है, और प्रतिद्वंद्विता के लिए हम तत्पर हैं। 'आप' लोकसभा चुनावों को लेकर कमर कस चुकी है।
यादव ने जहां एक ओर अभी संगठन के राष्ट्रव्यापी न होने की बात स्वीकारी, वहीं यह स्वीकारने में भी गुरेज नहीं किया कि पार्टी देशभर में अधिकतम लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी की दोनों महिला उम्मीदवारों अंजलि दमानिया और मीरा सान्याल की मौजूदगी में पार्टी ने खुद को महिला सशक्तिकरण का पक्षधर बताया।

Wednesday, February 12, 2014

महाराष्ट्र सदन'और शिवाजी पार्क के 'कृष्ण कुंज' के बीच बुधवार को संदेशों का सिलसिला अनवरत जारी

एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे को मनाने का काम मुंबई के ऐक्टिंग पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले को सौंपा गया। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने नगराले की मार्फत दिल्ली से चार बार संदेशे भिजवाए। देर रात मुख्यमंत्री और राज के बीच बातचीत होने की खबर है, मगर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।
दिल्ली के 'महाराष्ट्र सदन'और शिवाजी पार्क के 'कृष्ण कुंज' के बीच बुधवार को संदेशों का सिलसिला अनवरत जारी रहा। दिल्ली में मुख्यमंत्री को यह पूरा विश्वास था कि वे राज को आंदोलन रोकने के लिए मना लेंगे। उन्होंने इसीलिए महाराष्ट्र सदन में शाम 4.30 बजे बुलाई प्रेस कान्फ्रेंस शाम 7.30 बजे तक कि लिए टाल दी। इधर, राज ने अपने निवास पर शाम 6 बजे पत्रकारों को बुलवा रखा था।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पत्रकार उनके ड्राइंग रूम में लगभग घंटे भर उनका इंतजार कर रहे थे और भीतर कार्यवाहक पुलिस कमिश्नर के माध्यम से उनकी सरकार से बातचीत चल रही थी। राज ने पत्रकारों के बताया कि दो-तीन दिन में मामले का हल निकालने जैसा कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता, तब तक उनका आंदोलन रद्द करने का सवाल ही नहीं उठता। यह तर्क उन्होंने जरूर मान लिया कि 12वीं कक्षा की प्रैक्टिकल परीक्षाओं को देखते हुए सभी शहरों को आंदोलन से बाहर रखा जाएगा। राज ने 21 तारीख को चौपाटी से मंत्रालय तक मार्च का आयोजन करने की घोषणा की है। वैसे, इसी तारीख से 12वीं कक्षा की लिखित परीक्षा शुरू हो रही है। उम्मीद यही की जा रही है कि राज का विशालकाय मोर्चा आजाद मैदान में रोक लिया जाएगा। जहां सभा करके वे अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे।
वैसे एमएनएस कार्यकर्ताओं की आक्रामक शैली को देखते हुए बुधवार के हाइवे बंद को शांतिपूर्ण रखना एक तरह की चुनौती से कम नहीं कहा जा सकता। मंगलवार को ही छिटपुट तोड़फोड़ की खबरें आनी शुरू हो गई थीं, लेकिन 'राज साहेब के आदेश' के बाद इस बार कुल मिलाकर आंदोलन शांतिपूर्ण रहने की उम्मीद है। राज ठाकरे ने सुबह ही अपने पार्टी के माहिम कार्यालय में आयोजित बैठक में आंदोलन को 'जहां तक हो सके' शांतिपूर्ण रखने की सलाह दी। उन्होंने किसी भी तरह की हिंसात्मक गतिविधि से बचने की सलाह भी दी, ताकि पुलिस को गिरफ्तारी करके आपराधिक मुकदमे दर्ज करने का मौका न मिलने पाए।

Sunday, February 9, 2014

25 वर्षीय एक युवक की ओवरहेड वायर की चपेट में आने से मौत

डोंबिवली और ठाकुर्ली के बीच लोकल ट्रेन की छत पर यात्रा कर रहे 25 वर्षीय एक युवक की ओवरहेड वायर की चपेट में आने से मौत हो गई। मामले की जांच डोंबिवली जी.आर.पी. कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार की शाम चार से पांच बजे के बीच सी.एस.टी- बदलापुर लोकल जैसे ही ठाकुर्ली स्टेशन के बाद पत्रीपुल के पहले पहुंची, लोकल ट्रेन के एक डिब्बे से एक जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी और धुआं निकलने लगा। ट्रेन के रुकने के बाद यात्री ट्रेन से नीचे कूद कर इधर-उधर देखने लगे। कुछ ही दूरी पर ट्रैक के पास एक युवक बुरी तरह झुलसा हुआ मरा पड़ा था, जहां यात्रियों का ध्यान गया। लोगों के मुताबिक, युवक लोकल ट्रेन की छत पर बैठकर यात्रा कर रहा था और ओवरहेड वायर की चपेट में आने से वह बुरी तरह झुलस कर लोकल ट्रेन से नीचे गिर पड़ा। वहीं जी.आर.पी ने युवक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। यह युवक कहां का है, कहां से आ रहा था, इसका अभी तक पुलिस पता नहीं लगा पाई है। 

Friday, February 7, 2014

जमीन अभी भी शुक्ला के कब्जे में

केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने उन्हें कौड़ियों के भाव मिली 100 करोड़ रुपये की जमीन वापस लौटाने के अपने वादे को अभी तक पूरा नहीं किया है। महाराष्ट्र के राजस्व विभाग के अधिकारियों से जानकारी मिली है कि यह जमीन अभी भी शुक्ला के कब्जे में है और इस पर उनके गार्ड्स तैनात हैं। हमारे सहयोगी अखबार 'मुंबई मिररकी पड़ताल में पता चला है कि राज्य सरकार ने अभी तक इस जमीन को वापस लेने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की है।
गौरतलब है कि 'मुंबई मिरर' ने ही सबसे पहले पिछले साल 29 नवंबर को इस बारे में खबर दी थी, जिसके बाद शुक्ला ने पिछले साल दिसंबर में ही जुहू में उन्हें आवंटित हुई यह जमीन नहीं लेने की घोषणा की था। संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा था कि उन्होंने 4 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को लेटर लिखकर कहा था कि उनकी सोसायटी को आवंटित जमीन वापस ले ली जाए।
यह मामला सामने आने के कुछ दिनों बाद यह भी पता चला कि राजीव शुक्ला की पत्नी की संस्था को दी गई जमीन के कागजात मंत्रालय में उपलब्ध नहीं हैं। एक आरटीआई अर्जी के जवाब में बताया गया कि इस मामले की फाइल पिछले साल मंत्रालय में लगी आग में जलकर खाक हो गई। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि 100 करोड़ रुपये की जमीन कौड़ियों के भाव दिए जाने के मामले पर पर्दा डालने के लिए फाइल जलने का बहाना बनाया गया।

Tuesday, February 4, 2014

भारत रत्न से सम्मानित-सचिन

सचिन को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भारत रत्न से सम्मानित किया। भारत रत्न से सम्मानित होने के बाद सचिन ने अपना भारत रत्न अपनी मां के साथ देश की सभी माताओं को समर्पित किया और कहा कि उन्हें इस देश में पैदा होने पर गर्व है। लेकिन जब पत्रकारों ने उनसे महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के बारे में सवाल पूछा तो यह महान क्रिकेटर उन सवालों को टाल गया। ऐसी उम्मीद थी कि सचिन भारत रत्न के सम्मान के लिए इस महान हॉकी खिलाड़ी की वकालत करेंगे लेकिन इस सवाल पर उनकी चुप्पी ने सबको हैरत में डाल दिया।
गौरतलब है कि काफी समय से ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग की जाती रही है और उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें सचिन से पहले यह सम्मान दिया जाएगा। लेकिन पिछले साल नवंबर में अपने 200वें टेस्ट से संन्यास लेने के बाद भारत सरकार ने अचानक सचिन को भारत रत्न देने की घोषणा कर दी थी। ध्यानचंद से पहले सचिन को भारत रत्न दिए जाने की कई खेल हस्तियों और राजनीतिज्ञों ने आलोचना की थी।

नई दिल्ली भले ही हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग लंबे समय से की जाती रही हो लेकिन महान क्रिकेटर और भारत रत्न सचिन तेंडुलकर इस सवाल पर चुप्पी साध गए और उन्होंने इस महान खिलाड़ी के बारे में कुछ भी न कहना ही ठीक समझा। मंगलवार को भारत रत्न से सम्मानित होने के बाद पत्रकारों द्वारा ध्यानचंद के बारे में पूछे गए सवाल को सचिन तेंडुलकर टाल गए।