Friday, March 28, 2014

राखी सावंत ने निर्दलीय ही मैदान में

बीजेपी गर्ल' बनने की चाहत नहीं पूरी हुई, तो आइटम गर्ल राखी सावंत ने निर्दलीय ही मैदान में उतरने का फैसला कर लिया है। राखी सावंत मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में चुनाव लड़ेंगी। गौरतलब है कि इसी सीट पर समाजवादी पार्टी ने ऐक्टर कमाल खान को टिकट दिया है। ऐसे में इस बार मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट पर काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। राखी सावंत और कमाल खान, दोनों को ही सुर्खियों में बने रहने की महारत हासिल है।
कुछ दिनों पहले ही राखी सावंत ने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद राखी सावंत के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गईं थी। हाल ही में राखी सावंत ने कहा भी था कि अगर बीजेपी उन्हें लोकसभा का टिकट नहीं देगी, तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी में बात नहीं बनी, तो राखी सावंत ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
कांग्रेस नेता गुरुदास कामत यहां से सिटिंग एमपी हैं। कांग्रेस ने इस बार भी कामत को टिकट दिया है। राखी सावंत लोकसभा चुनाव में सफल होने के लिए साधु-संतों के दर पर भी जा रही हैं। इसी क्रम में सोमवार को राखी ने जैन संत पुलक सागर से आशीर्वाद लिया। उस दौरान राखी सावंत ने यह भी संकेत दिए कि जरूरत पड़ी तो वह अपनी नई पार्टी भी बना सकती हैं, जिसका चुनाव चिन्ह हरी मिर्च हो सकता है।

Monday, March 24, 2014

इस पेशे में कई भिखारी ऐसे भी हैं, जो अपनी मर्जी से हैं

पुलिस द्वारा चलाई गई मुहिम में 100 से अधिक भिखारी पकड़े गए थे। उस समय यह मुहिम कई सप्ताह तक चलाई गई थी। इसके चलते समूचे नवी मुंबई शहर से भिखारियों का पलायन हो गया था, फिर दो-तीन महीने बाद धीरे-धीरे भिखारियों के छोटे-छोटे समूह नवी मुंबई में वापस लौटने लगे थे। भिखारी मुक्त नवी मुंबई में दीवाली का जश्न मनाने वाले नागरिकों को इसके कुछ महीने बाद ही शहर के हर बड़े जंक्शन, बाजार, मंदिर, सिग्नल, रेलवे स्टेशनों, पार्किंग जोन्स और होटेलों आदि के बाहर आम नागरिकों का सामना एक बार फिर से भिखारियों के झुंड से शुरू हो गया। 
भिखारियों के झुंड से जब लोग परेशान हो गए, तो शिकायत पुलिस तक पहुंची। पुलिस ने कमर कसी और सीबीडी, वाशी व तुर्भे पुलिस ने अपने क्षेत्र से भिखारियों की धरपकड़ शुरू कर दी। इसके लिए पहले से ही चौकन्ने भिखारियों की टोली पलक झपकते ही गायब हो गई। फिर भी पुलिस की टीम ने दौड़ाकर 6 भिखारियों को धर दबोचा। पकड़े जाने के बाद इन्हें मुंबई स्थित बेगर्स होम भेज दिया गया। फिलहाल भिखारियों के खिलाफ पुलिस की यह कार्रवाई जारी रखने की बात कही जा रही है।
 
भिखारियों के संदर्भ में पूरे नवी मुंबई क्षेत्र का आंकलन करने के बाद पता चला कि दिखने में भिखारियों के झुंड भले ही बिखरे-बिखरे दिखें, पर इनका आपसी नेटवर्क बहुत चुस्त होता है। वाशी सेक्टर-17 में नवरत्न से हाइवे के बीच मिले एक भिखारी ने बिना नाम बताए जानकारी दी कि कई भिखारियों के पास उनके खुद के मोबाइल फोन होते हैं, जो वे जरूरत पड़ने पर ही स्विच ऑन करते हैं और आपसी संदेश देते हैं। इसके अलावा ये लोग उन दुकानों के पीसीओ फोन से शहर के अन्य इलाके में फोन कर देते हैं। या फिर ये सीधे बस या ऑटो आदि से भी शहर के एक कोने से दूसरे कोने में जाकर अपने साथियों को सतर्क कर देते हैं। तुर्भे के मन्नू भिखारी (असली या नकली नाम का पता नहीं) ने बताया कि शहर में आपसी सूचना देने के लिए एक घंटा का समय पर्याप्त होता है।
 
खानदानी भी हैं भिखारी
 रबाले में एक होटेल के बाहर बैठे एक अधेड़ उम्र चंदू नामक भिखारी ने बताया कि इस पेशे में तगड़ी कमाई के चलते वर्तमान भिखारी अपनी अगली पीढ़ी को भी अपने साथ शामिल कर लेते हैं। उसके मुताबिक वह खुद अपने दादा-दादी के साथ मानखुर्द और गोवंडी से लेकर कुर्ला और घाटकोपर तक भीख मांग चुका हैं। यही नहीं, वह अपने मां-बाप (अब दिवंगत) के साथ भी नवी मुंबई में पिछले दो दशक से भीख मांग रहा है। उसके दो बच्चे हैं और वे भी अब इसी पेशे में हैं। हर नई बस्ती के आबाद होते ही भिखारियों का एक समूह उधर 'शिफ्ट' हो जाता है। इस पेशे में कई भिखारी ऐसे भी हैं, जो अपनी मर्जी से इस पेशे में बने हुए हैं। 
किसी
 भी एक भिखारी की औसत दैनिक कमाई निम्नतम 300 रुपये से 500 रुपये या इससे अधिक की होती है।किसी धार्मिक दिन विशेष पर यह कमाई करीब 800-1000 तक भी हो जाती है। सानपाडा स्टेशन परिसर कीएक भिखारिन ने बताया कि देवी - देवता वाले विशेष दिनों में उनके मंदिरों के बाहर तगड़ी भीख मिल जाती है।वाशी में एक व्यापारी रामअवतार जोशी ने बताया कि इन भिखारियों की मासिक कमाई 10 से 15 हजार रुपये या अधिक  होती है। 
बहुत
 मान मनौव्वल के बाद कोपरखैरणे में बिग्गू नामक एक भिखारी ने एनबीटी को बताया कि अधिकांशभिखारी महाराष्ट्र , कर्नाटक , मध्यप्रदेश  अन्य पड़ोसी राज्यों के होते हैं। ये भिखारी अपनी कमाई का 80फीसदी हिस्सा मनीऑर्डर के जरिए अपने गांव भेज देते हैं। कइयों का कहना था कि भिखारी अपनी रकम कोअपने अंदरूनी कपड़ों में छिपाए रखते हैं। एपीएमसी मंडी में भीख मांगने वाले एक अन्य भिखारी के मुताबिककई भिखारी घर - मकान वाले होते हैं  उनके बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ते हैं। इन भिखारियों के अपने बैंकअकाउंट होते हैं। 
नवी
 मुंबई में कई बच्चे भीख मांगते हुए दिख जाते हैं। एनबीटी ने इनसे कई बार पूछने की कोशिश की , उन्हें 50से 100 रुपये तक का लालच दिया , पर उनकी आंखों में मौजूद खौफ को पढ़ने के अलावा कोई जानकारी नहींमिल सकी। रुक कर पूछने की शुरुआत होते ही ये बच्चे सरपट भाग जाते थे। सिद्दीलाल नामक एक अपंग भिखारीने बताया कि बच्चों से भीख मंगवाने वाले नवी मुंबई में कम और मुंबई में बहुत अधिक हैं। हालांकि , इसकी पुष्टिनहीं हो सकी कि जो बच्चे सड़कों पर भीख मांगते हुए दिखते हैं , वे अपह्रत हुए बच्चे हैं , या फिर खानदानीभिखमंगे बच्चे  

Friday, March 21, 2014

चार दोषियों को सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा

मुंबई की शक्ति मिल में पिछले साल जुलाई-अगस्त में गैंगरेप की दो घटनाओं में से टेलिफोन ऑपरेटर केस में चार दोषियों को सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। पुलिस ने गुरुवार को इन दोनों मामलों में पांच आरोपियों को दोषी करार दिया था। फोटो पत्रकार मामले में कोर्ट सजा का ऐलान 24 मार्च को करेगा।
शुक्रवार को टेलिफोन ऑपरेटर मामले के दोषियों की सजा पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील उज्जवल निकम ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की, तो बचाव पक्ष के वकील पांचों के पारिवारिक हालात को देखते हुए सजा में रियायत की अपील करते रहे। सुनवाई के दौरान एक दोषी सलीम अंसारी ने कोर्ट से रहम की गुहार लगाते हुए कहा कि वह अपने परिवार में अकेला कमाऊ व्यक्ति है। उसकी पत्नी, दो छोटे बच्चे और 70 साल की मां और अपाहिज बहन है। एक दूसरा दोषी अशफाक शेख सुनवाई के दौर फूट-फूटकर रोने लगा। उसने जज से रहम की मांग करते हुए कहा कि उसके दो छोटे बच्चे हैं और वे बीमार हैं। लेकिन जज पर उनकी दलील का असर नहीं पड़ा।
गौरतलब है कि दोनों मामलों में दो नाबालिगों समेत सात लोग गिरफ्तार हुए थे। सेशन कोर्ट ने गुरुवार को इनमें से तीन को दोनों गैंगरेप में दोषी ठहराया था। सेशन जज शालिनी जोशी ने महज 20 मिनट में इन्हें दोषी ठहरा दिया था। इस दौरान महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर.आर. पाटील भी कोर्ट रूम में मौजूद थे। नाबालिग आरोपियों पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने मुकदमा चल रहा है। पिछले साल 22 अगस्त को पांच लोगों ने तब एक फोटो-पत्रकार से गैंगरेप किया था, जब वह बंद पड़ी शक्ति मिल के फोटो शूट करने गई थी।

Tuesday, March 18, 2014

प्लैटफॉर्म की अधिकतम उंचाई 920 मिलीमीटर होनी चाहिए।

रेलवे के अधिकारियों ने मुंबई के उपनगरीय इलाकों में हादसों को रोकने के मकसद से प्लैटफॉर्म तथा लोकल ट्रेन के फुटबोर्ड के बीच दूरी का पता लगाने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट बॉम्बे हाई कोर्ट को सौंप दी है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि उपनगरीय इलाकों के प्लैटफॉर्म की अधिकतम उंचाई 900 मिलीमीटर है और ये किसी भी सूरत में यह 920 मिलीमीटर होनी चाहिए। ऐसे में प्लैटफॉर्म से किसी के भी टकराने का खतरा है। चीफ जस्टिस मोहित शाह की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष यह रिपोर्ट पेश की गई।

बेंच ने रेलवे की ओर से सुझाए गए कार्य योजना पर सुनवाई 20 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है। रेलवे की तरफ से वकील सुरेश कुमार ने कार्य योजना के लिए चार सप्ताह का समय मांगा था, परंतु अदालत ने कहा कि अतिरिक्त समय देने के बारे में अगले अवसर पर फैसला किया जाएगा।

Friday, March 14, 2014

विधिमंडल सदस्यों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति लेना अनिवार्य

विधायकों पर एफआईआर दर्ज होती है , कई गिरफ्तार भी होते हैं, पर कभी उन पर मुकदमा क्यों नहीं चलता ? इसका राज अब सामने आया है। पता चला है कि पुलिस विधायकों के खिलाफ मुकदमे की कभी परमिशन ही नहीं लेती। यह सनसनीखेज जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा गई छानबीन में सामने आई है।
गलगली ने एनबीटी से कहा कि महाराष्ट्र विधिमंडल सदस्यों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति लेना अनिवार्य होता है। लेकिन महाराष्ट्र विधिमंडल सचिवालय ने आटीआई के तहत पूछी गई जानकारी में यह बात बताई है कि पिछले दस सालों में विधानसभा अध्यक्ष के पास मुंबई और महाराष्ट्र पुलिस में से किसी की भी तरफ से किसी भी आरोपी विधायक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी देने की परमिशन की कोई भी अप्लीकेशन नहीं दी गई। महाराष्ट्र विधिमंडल सचिवालय के सेक्शन ऑफिसर उमेश शिंदे ने गलगली को उनके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।

Wednesday, March 12, 2014

मुंबई की प्रमुख रियल इस्टेट ग्रुप हीरानंदानी संकट में

मुंबई की प्रमुख रियल इस्टेट ग्रुप हीरानंदानी संकट में आ गया है। सीबीआई छापों के बाद अब उसे आयकर डिपार्टमेंट की रेड झेलनी पड़ी है। यह ग्रुप कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में डिपॉजिट करने में विफल रहा है। आयकर अधिकारियों ने ग्रुप के खातों का निरीक्षण किया और कर्मचारियों के स्टेटमेंट लिए। सीबीआई पहले ही ईपीएफ में अपना हिस्सा और कर्मचारियों की काटी गई राशि को जमा न करने के आरोप में मामला दर्ज कर चुका है। यह मामला ग्रुप के चार कर्मचारियों के विरुद्ध दर्ज किया गया है। सीबीआई के अनुसार, 2004-05 के दौरान बिल्डर ने ईपीएफ अधिकारियों के साथ मिलकर अपने यहां काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या को कम बताया था ताकि कम से कम ईपीएफ डिपॉजिट किया जा सके।
2008 में भी ग्रुप के यहां पीएफ की 168 करोड़ रुपये की चोरी के आरोप में सीबीआई के छापे पड़े थे। ईपीएफ की चोरी के साथ-साथ फ्लैट आदि की मार्केटिंग में कैश-ब्लैक मनी लेने का आरोप भी है। आयकर अधिकारियों ने अनेक दस्तावेज, फाइल, कम्प्यूटर फ्लॉपी आदि जब्त की है। ये दस्तावेज मुंबई, चेन्नै, बेंगलुरु और हैदराबाद में करीब 20 ठिकानों पर मारे गए।
ग्रुप की शुरुआत पवई से हुई और उसके बाद वह मुंबई और देशभर में फैल गया है। हाल ही में ग्रुप के सह-संस्थापक निरंजन हीरानंदानी ने अपनी बेटी प्रिया के विरुद्ध एक मुकदमा दायर करके अपने स्वयं (प्रिया) के बिजनैस में 'हीरानंदानी' का नाम उपयोग में न लाने देने की मांग की थी।

Monday, March 10, 2014

बराबरी की योजनाएं बनती जरूर हैं, लेकिन आज तक उन्हें अमली जामा नहीं पहनाया गया।

महिलाओं को आरक्षण के नाम पर दया नहीं चाहिए, उन्हें विकास के लिए केवल पर्याप्त अवसरों की तलाश है। देश में महिला सशक्तिकरण के नाम पर केवल राजनीति हो रही है। महिलाओं को काम का सही दाम नहीं मिलता, बराबरी की योजनाएं बनती जरूर हैं, लेकिन आज तक उन्हें अमली जामा नहीं पहनाया गया। यह कहना है नामचीन समाजसेवी और आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी मेधा पाटकर का।
मेधा शनिवार दोपहर आजाद मैदान में लगभग 250 स्त्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न मनाने आई थीं। दक्षिण मुंबई सीट से पार्टी की प्रत्याशी मीरा सान्याल ने भी इस मौके पर उनका साथ दिया। सान्याल ने इस दौरान बेटी बचाने के साथ उसे बराबर की शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और भोजन दिए जाने की जरूरत बताई।
आम आदमी पार्टी का यह महिला दल शनिवार दोपहर एक बजे सीएसटी स्टेशन पर एकत्रित हुआ, जहां से इन्होंने आजाद मैदान का रुख किया। सान्याल ने इस गतिविधि को पूर्णतया राजनीति से परे और महिला दिवस का जश्न बताया। पुलिस के भारी बंदोबस्त के बीच दोपहर दो बजे से पाटकर के 'घर बनाओ - घर बचाओ' आंदोलन की महिलाओं ने मोर्चा संभाला।

Friday, March 7, 2014

मुंबई सबर्बन नेटवर्क पर सिग्नल फेल

मुंबई सबर्बन नेटवर्क पर सिग्नल फेल होना आम समस्या है, इस स्थिति में सबसे पहले गैंगमैन को फील्ड पर भेजा जाता है। बुधवार रात भी दिवा स्टेशन के करीब सेंट्रल केबिन के पास सिग्नल फेल हो जाने के चलते गैंगमैनों की एक टीम को मरम्मत कार्य के लिए भेजा गया था, ताकि जल्द ही समस्या सुलझाकर मुंबई की लाइफ लाइन यानी लोकल ट्रेन को फिर से सुचारू रूप से चलाया जा सके। लेकिन गैंगमैन राजाराम संतु और वसंत सांगले को पता नहीं था कि मुंबई जिस लोकल के दम पर दौड़ती है, वही उनके मौत की वजह बन जाएगी। रात साढ़े आठ बजे के करीब काम के दौरान दूसरी दिशा से आ रही तपोवन एक्सप्रेस की चपेट में आकर राजाराम ने वहीं दम तोड़ दिया और वसंत घायल हो गया, जिसकी कल्याण रेलवे अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
खतरे में गैंगमैनों की जान
सेंट्रल रेलवे पर ही करीब दस दिन पहले वाशिंद स्टेशन के करीब एक गैंगमैन की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। पिछले साल नवंबर में कल्याण और ठाकुर्ली स्टेशन के बीच कोयना एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आकर चार गैंगमैनों की मौत हो गई थी, जिसके बाद ट्रैक पर काम कर रहे लोगों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। पिछले चार सालों में (2013 तक) वेस्टर्न और सेंट्रल रेलवे पर लगभग 150 गैंगमैनों की ट्रैक पर काम करने के दौरान दुर्घटना में मौत हो गई। बुधवार रात की घटना के बाद रेल पटरी पर काम करने वाले गैंगमैनों की सुरक्षा पर फिर सवालिया निशान बन गया है।

मजदूर संघ ने जताई नाराजगी
ट्रैक पर काम कर रहे गैंगमैन के साथ हो रहे हादसों के प्रति नाराजगी प्रकट करते हुए सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (सीआरएमएस) के पदाधिकारियों ने गुरुवार को डीआरएम से मुलाकात की और गैंगमैनों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की। सीआरएमएस के महामंत्री प्रवीण वाजपेयी ने प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि इस संदर्भ में जल्द से जल्द अगर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो सभी गैंगमैन सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे।

Wednesday, March 5, 2014

डीएसपी विट्ठल जाधव को ठाणे ऐंटि करप्शन ब्यूरो ने 20 लाख की रिश्वत

सिंधुदुर्ग के सावंतवाडी विभाग के पुलिस के डीएसपी विट्ठल जाधव को ठाणे ऐंटि करप्शन ब्यूरो ने 20 लाख की रिश्वत लेते सोमवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया। जाधव तीन महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं। जाधव ने कल्याण कोर्ट में चल रहे एक मामले को पीछे लेने के लिए शिकायतकर्ता से पैसे की मांग की थी।
ब्यूरो से मिली जानकारी के मुताबिक उल्हासनगर के कैंप नंबर 4 निवासी शिकायतकर्ता अनंत मालवणकर की बहन और भाई के खिलाफ कल्याण कोर्ट में एक मामला चल रहा था। इस मामले में मालवणकर कोई समझौता नहीं करना चाहते थे, लेकिन डीएसपी विट्ठल जाधव ने मालवणकर पर दबाब बनाते हुए कोर्ट के बाहर समझौता करने की बात कही और उसके एवज में 20 लाख की मांग की।
इसी बीच, रुपये मांगे जाने की शिकायत मालवणकर ने ठाणे ऐंटि करप्शन ब्यूरो के सिंधुदुर्ग यूनिट के अधिकारियों से की। इन अधिकारियों ने जाल बिछाकर सोमवार की रात सावंतवाडी स्थित लेक व्यू होटल में रुपये ले कर निकलते वक़्त विठ्ठल जाधव को धर दबोचा। जाधव को 7 मार्च तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश सिंधुदुर्ग कोर्ट ने दिया है। यह कार्यवाई डीएसपी प्रदीप भानुशाली की टीम ने की।

Monday, March 3, 2014

मीरा- भाईंदर कर विभाग ने लेट फीस पर ब्याज की रकम हटाने का निर्णय लिया

अगर आपको हाउस टैक्स का बिल लेट से प्राप्त हुआ हो और आप उसका भुगतान करने गए हैं, तो कैश काउंटर पर बिल में ब्याज के रूप में शामिल लेट फीस को रद्द करने की मांग जरूर कीजिए। आपकी मांग पर लेट फीस बिल की कुल रकम में से घटा दी जाएगी। मीरा- भाईंदर कर विभाग ने लेट फीस पर ब्याज की रकम हटाने का निर्णय लिया है।
बता दें कि बीजेपी नगरसेवक मदन सिंह ने देरी से बिल पाने वालों से ली जा रही लेट फीस पर आक्षेप लिया था। इस समाचार को 22 फरवरी को नवभारत टाइम्स ने प्रमुखता से छापा था। उसके बाद मीरा- भाईंदर मनपा आयुकत की आंख खुली और कर विभाग ने ब्याज ना लेने के लिए पत्र लिख कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, वर्ष में दो बार- जुलाई और जनवरी में प्रॉपर्टी टैक्स का बिल भेजा जाता है। इस वित्तीय वर्ष में जुलाई के बजाए अक्टूबर महिने में बिल निकाले गए। बिल की पड़ताल कर बांटते-बांटते नवंबर महिना बीत गया। उसमें से भी 25 फीसदी कर धारकों को बिल दिसंबर में भेजा गया। इनमें से बहुत से बिलों में त्रुटियां थी। उसे सुधारने में जनवरी महिना चला गया। अब जब, कर धारक बिल भरने जा रहे हैं तो उनसे 0.02 फीसदी ब्याज लिया जा रहा था, जो पूरी तरह गलत था।