Friday, May 30, 2014

नारायण राणे अपने बेटे के हार को पचा नहीं पा रहे

एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने बुधवार को कहा कि उद्योग मंत्री नारायण राणे अपने बेटे के हार को पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के कारणों पर दोनों ही दल समीक्षा बैठक कर रहे हैं इसलिए इस तरह के आरोप लगाना उचित नहीं होगा।
उद्योग मंत्री राणे के बेटे निलेश सिंधुदुर्ग-रत्नागिरी से सांसद थे। इस लोकसभा चुनाव निलेश बुरी तरह हार गए। अपने बेटे के हार पर राणे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के उम्मीदारों को हराने के लिए एनसीपी ने षड्यंत्र रचा था। राणे के आरोपों के जवाब में मलिक का कहना है कि आरोप-प्रत्यारोपों के बजाय जनता का विश्वास जीतने पर काम करना चाहिए।

Tuesday, May 27, 2014

मोदी के शपथ ग्रहण समारोह की साक्षी बनने बॉलिवुड की तमाम हस्तियां

दुनिया के सबसे बड़े जनतंत्र के प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह की साक्षी बनने बॉलिवुड की तमाम हस्तियां भी पहुंचीं। मोदी के निमंत्रण पर उनके दरबार की शोभा बढ़ाने पहुंची इन हस्तियों ने उत्सुकता के साथ खुशी भी जताई। भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के इस समारोह में दुनियाभर की अहम राजनीतिक हस्तियां मौजूद थीं, जिसमें फिल्म उद्योग के चमचमाते सितारों ने अपनी मौजूदगी से ग्लैमर में इजाफा कर दिया। मोदी के दरबार में बॉलिवुड स्टार की मौजूदगी का लेखा-जोखा खंगाला रेखा खान ने।
सिनेमा और रंगमंच का उन्हें बचपन से ही गहरा आकर्षण था, वे अपना स्कूल बंक करके फिल्में देखने जाया करते थे। एक समय वडनगर के बस स्टेशन पर अपने पिता की चाय की दुकान पर नरेंद्र मोदी ज्यादा समय इसलिए बैठा करते थे कि कुछ एक्स्ट्रा आमदनी हो और वे अपनी पसंदीदा फिल्में देख सकें, मगर उस वक्त उन्होंने कहां सोचा था कि जिन फिल्मी सितारों को देखने के लिए वे तरसते हैं, एक दिन उनकी ताजपोशी के वक्त वे सुपर स्टार्स उन्हें बधाइयां देने पहुंचेंगे।
मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सांसद हेमा मालिनी, परेश रावल, शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद खन्ना, किरण खेर और स्मृति ईरानी जैसे कलाकारों की मौजूदगी और खुशी देखते बन रही थी। इसके अलावा मोदी के बुलावे पर जो फिल्मी हस्तियां दिल्ली नहीं पहुंच सकीं, उन्होंने ट्विटर, फेसबुक जैसी नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर उन्हें मुबारकबाद दी। ऐश्वर्या राय ने कान फिल्म फेस्टिवल में मोदी की खूब प्रसंशा की। लता मंगेशकर ने नरेंद्र मोदी को विशेष तौर पर पत्र लिखकर बधाई दी। मोदी ने लता दीदी के इस पत्र को ट्विटर पर साझा भी किया है।

Friday, May 23, 2014

याकूब को अब कब फांसी

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने बुधवार को जब 1993 के मुंबई बम धमाकों के अभियुक्त याकूब अब्दुल रजाक मेमन की दया याचिका को खारिज कर दिया, तो तबसे यह सवाल उठ रहा है कि याकूब को अब कब फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा?
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जवाब में एनबीटी से कहा कि यदि अजमल कसाब के केस का उदाहरण लें, तो याकूब की फांसी में कम से कम दो हफ्ते और लगेंगे।
इस अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा याकूब की दया याचिका जो खारिज की गई है, उसे जुड़ा पत्र संभवत: गुरुवार को मंत्रालय में आ गया होगा या आने वाला होगा।

मंत्रालय से यह पत्र बाद में अडिशनल डीजी (जेल) मीरा बोरवणकर को भेजा जाएगा। अडिशनल डीजी (जेल) के जरिए यह पत्र उस नागपुर जेल के जेलर को भेजा जाएगा, जहां याकूब बंद है। जेलर याकूब को बताएगा कि तुम्हारी दया याचिका की अर्जी राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है।
राष्ट्रपति के इस लेटर को बाद में उस ट्रायल कोर्ट में भेजा जाएगा, जिसने 2007 में याकूब को फांसी की सजा सुनाई थी। यदि उस कोर्ट के जज रिटायर हो गए होंगे, तो फिर किसी और सेशन जज से डेथ वॉरंट निकलवाएगा जाएगा। डेथ वॉरंट निकलने के बाद ही फांसी की सजा की डेट फिक्स की जाएगी, लेकिन यह तारीख कोर्ट नहीं, राज्य सरकार तय करेगी। कोर्ट के डेथ वॉरंट की कापी एक बार फिर नागपुर जेल भेजी जाएगी और वह याकूब को दी जाएगी।
कोर्ट से डेथ वॉरंट निकलने के बाद एक मीटिंग बुलाई जाएगी। इस मीटिंग में होम मिनिस्टर आर आर पाटील के अलावा होम सेक्रेटरी, डीजी, अडिशनल डीजी (जेल) और नागपुर के पुलिस कमिश्नर हर हालत में शामिल होंगे। नागपुर के कमिश्नर को इसलिए रखा जाएगा, क्योंकि महाराष्ट्र में फांसी सिर्फ दो ही जेलों में ही दी जाती है-पुणे की यरवडा जेल और दूसरी नागपुर जेल। चूंकि याकूब नागपुर जेल में ही है, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि उसे फांसी नागपुर में ही दी जाएगी। कसाब को यरवडा जेल में फांसी दी गई थी।
मुंबई के पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया चूंकि 1993 के बम धमाकों के केस के जांच अधिकारी थे और चूंकि याकूब की फांसी को लेकर मुंबई में भी प्रतिक्रिया हो सकती है, इसलिए याकूब को फांसी देने से पहले मारिया की भी राय निश्चित ली जाएगी। मारिया इन दिनों अमेरिका गए हुए हैं, वह 28 मई को वापस मुंबई आ रहे हैं, इसलिए इतना तय है कि याकूब को फांसी 28 मई से पहले बिल्कुल भी नहीं दी जाएगी। जब अजमल कसाब की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज की थी, तो कसाब को उसके ठीक 14 दिन बाद फांसी पर लटका दिया गया था।

Monday, May 19, 2014

इंटरनैशनल टर्मिनल पर मच्छरों का आतंक जारी

नासा से लाए गए बग फाइटर से लेकर बीएमसी द्वारा चलाए गए सफाई अभियान के बावजूद मुंबई एयरपोर्ट के इंटरनैशनल टर्मिनल पर मच्छरों का आतंक जारी हैं। नालों की सफाई, सजावटी पौधों की कटाई से लेकर टर्मिनल से गलियारों में लगे हुए झरनों को भी बंद किया गया। बीएमसी के साथ मिल कर मीठी नदी की सफाई के भी प्रयास किए गए, लेकिन समस्या जस की तस है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने गर्मी बढ़ने के साथ टर्मिनल पर पनप रहे मच्छरों के खत्म हो जाने का अनुमान लगाया था, वह भी विफल साबित हुआ। टर्मिनल टू पर ट्रैफिक शाम सात बजे के बाद बढ़ना शुरू होता है और देर रात तक फ्लाइट्स का सिलसिला जारी रहता है। ऐसे में, रात के साथ बढ़ती मच्छरों की भिनभिनाहट से यात्री परेशान हैं।
शहर के इस नए अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल ने तीन महीने पहले काम करना शुरू किया, पहले दिन से ही तमाम खूबियों के वावजूद यहां यात्री, मच्छरों से जूझते, खुजाते ही नजर आए, जिसके बाद मुंबई एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इन मच्छरों को खदेड़ने के लिए कड़े प्रयास शुरू किए।

> इस कड़ी में नासा के वैज्ञानिकों द्वारा डिजाइन किए गए 10 उपकरण पूरे टर्मिनल टू परिसर में लगाए गए। इन उपकरणों की कीमत 70 हजार रुपये तक है। इस उपकरण द्वारा हर रात 15 हजार मच्छर मारने का दावा भी किया गया।
> प्रांगण में प्रवेश के लिए बने हर दरवाजे पर मच्छर मारने के लिए बिजली की जालियां लगाई गईं।
> बीएमसी को परिस्थिति और मच्छर पनपने के कारणों का ऑडिट करने के लिए कहा गया।
> टर्मिनल पर खूबसूरती के लिए लगाए गए कुछ झरने बंद किए गए।
> दवाओं के छिड़काव के लिए अलग से कर्मचारियों की नियुक्ति।
> मच्छर पकड़ने वाले रैकेट लगाए गए।
> मच्छरों के लार्वा को मारने के लिए गप्पी मछलियां राजस्थान से मंगवाई गईं।

Thursday, May 15, 2014

जो टॉइलेट हैं, उसमें भी पानी नहीं

मुंबई जैसे इंटरनैशनल शहर में अत्याधुनिक मेट्रो ट्रेन के मुसाफिरों को मेट्रो स्टेशनों पर न पीने का नसीब है और न ही टॉइलेट्स। लगभग 80 सीढ़ी चढ़कर ऊपर पहुंचने के बाद मोनो स्टेशन पर लगा वॉटर कूलर पानी न पीने की हिदायत वाला पेपर चिपकाए मुंह चिढ़ा रहा है। इन स्टेशन्स पर सामान्य यात्रियों के लिए टॉइलेट ना होने से भी काफी परेशानी हो रही है। मोनो के रेकॉर्ड के मुताबिक रोजाना 2000 से 3000 लोग मोनो रेल से सफर करते हैं। अलावा इसके मोनो रेल स्टेशनों पर काम करने वाले 500 सुरक्षारक्षक भी रोज बिना इन आवश्यक नागरिक सुविधाओं के ड्यूटी कर रहे हैं।
चेंबूर स्टेशन पर तैनात एक अधिकारी ने बताया कि बीएमसी की तरफ से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है जिसकी वजह से पीने का पानी तो छोड़िए टॉइलेट्स में भी पानी नहीं आ रहा। इस हालत में मोनो रेल की कर्मचारियों को भी बिना पानी के टॉइलेट्स यूज करना पड़ रहा है।
इस मामले में बीएमसी की तरफ से चीफ हायड्रोलिक्स इंजिनियर रमेश बांबले ने बताया कि मोनो रेल मैनेजमेंट की तरफ से उन्हें इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। जहिर दो सरकारी एजेंसियों के आपसी तालमेल का अभाव लोगों के लिए परेशानी बनकर उभरा है।
मोनो रेल के 7 स्टेशन पर काफी संख्या में स्टाफ मौजूद हैं। इनमें महाराष्ट्र सुरक्षा बल, स्कॉमी और अन्य प्राइवेट सुरक्षाकर्मी को मिलाकर हर स्टेशन पर लगभग 100 का स्टाफ हैं। इनमें से बड़ी संख्या में सिक्युरिटी के लोग शामिल हैं। गर्मी के मौसम में बिना पानी के काम कर रहे इन स्टाफ को काफी दिक्कतें हो रही हैं, जबकि मोनो रेल में यात्रा करने वाले यात्रियों को बेसिक सुविधाओं से भी महरूम होना पड़ रहा है। एमएमआरडीए ने मोनो रेल की टाइमिंग बढ़ाकर सुबह 6 से रात 8 बजे तक कर दी है। ऐसे में यात्रियों को लुभाने की कोशिश में लगी एमएमआरडीए लोगों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं दे रही है।
मोनो रेल पर मौजूद टॉइलेट केवल गर्भवती महिलाओं के साथ डायबिटिक पेशेंट के लिए हैं। यदि आम लोगों को जरूरत पड़े तो ना जाने वो कहां जाएं, यह तो एमएमआरडीए ही बता सकती है। एक अधिकारी के अनुसार, हमारे लिए भी जो टॉइलेट हैं, उसमें भी पानी नहीं है।
देश की पहली मोनो रेल पहले से ही घाटे में चल रही है। फिलहाल इसका पहला फेज ही चालू किया गया है। मोनो स्टेशन तक पहुंचने में लोगों को कनेक्टिविटी की काफी दिक्कत होती है। अभी फिलहाल जिस रूट पर मोनो चल रही है, उस पर ज्यादा तर तो लोग घूमने के लिए ही यात्रा कर रहे हैं।
वॉटर कूलर बंद पड़ा है।
यात्री -अरे भाई, पानी पीना है। यहां तो पानी नहीं है। बच्चे परेशान हैं।
कर्मचारी -तो हम क्या करें। पानी साथ लेकर आना चाहिए। जाकर बाहर से पी लो।
यात्री -बच्चे परेशान हैं। टॉइलेट की सुविधा भी नहीं है।
कर्मचारी -इसके लिए हम कुछ नहीं कर सकते। सारे स्टेशन पर पानी नहीं है। जाकर चेंबूर में देख लो, होगा तो मिल जाएगा।
यात्री -भाई साहब, पानी नहीं है। काफी दिक्कत हो रही है।
कर्मचारी -अरे यार, आपको कहां से मिलेगा, हमें तो मिल ही नहीं रहा है। बीएमसी पानी नहीं दे रही है। हम लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है। टॉइलेट तक में पानी नहीं है।
हमें अभी तक पानी ना मिलने की कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि ऐसी कोई शिकायत आएगी, तो हम उस पर कार्रवाई करेंगे।
हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। यदि ऐसा कुछ है तो उसे हल किया जाएगा।
पानी क्यों नहीं आ रहा है, यह हम देख रहे हैं। टॉइलेट तो नहीं है। हां, इमर्जेंसी में लोग स्टाफ टॉइलेट्स का उपयोग कर सकते हैं।

Monday, May 12, 2014

केदारनाथ यात्रा पर दो दिन की अस्थायी रोक

खराब मौसम की वजह से केदारनाथ यात्रा पर दो दिन की अस्थायी रोक लगा दी गई है। जिला प्रशासन का कहना है कि मौसम को देखते हुए यात्रा रोकी गई है और मौसम विभाग की सलाह के बाद फिर से शुरू कर दी जाएगी। इससे पहले रूद्रप्रयाग के जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर केदारनाथ और लिनचौनी से श्रद्धालुओं को गौरीकुंड पहुंचा दिया है। गौरतलब है कि मंदिर के कपाट चार मई को ही खुले थे। 
रूद्रप्रयाग के डिस्ट्रिक्ट इन्फर्मेशन ऑफिसर ने एनबीटी को बताया कि केदारनाथ समेत पैदल मार्ग से सभी तीर्थयात्रियों को वापस गौरीकुंड-सोनप्रयाग लाया जा चुका है। खास बात है कि केदारनाथ मार्ग में सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच पैदल रास्ता अब भी खतरनाक बना हुआ है। कई जगहों पर भूस्खलन होने से भारी मात्रा में पत्थर और मिट्टी सड़क पर आ गई है। केदारनाथ में रविवार को पंडित जसराज का कार्यक्रम भी होना था, जो बारिश की वजह से स्थगित करना पड़ा। इसके अलावा केदारनाथ में रविवार को डीजीसीए के अधिकारी दौरा भी करने वाले थे। 
इससे पहले केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी भीमाशंकर लिंग ने भी यात्रा के लिए किए गए इंतजामों को नाकाफी बताया। उन्होंने श्रद्धालुओं को अपनी यात्रा कम से कम एक हफ्ते टालने की सलाह दी। लिंग ने कहा कि मंदिर की तरफ आने वाले रास्तों की हालत खराब है, जिसकी वजह से यात्रा खतरनाक हो सकती है। मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते को पूरा होने में अभी सात-आठ दिन और लगेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सफाई दी कि यात्रा को सिर्फ रविवार तक के लिए स्थगित किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सोमवार से यात्रा फिर से शुरू हो सकती है। वहीं बदरीनाथ में भूस्खलन के कारण सड़क की सफाई कर रहे एक मजदूर की मौत हो गई। बदरीनाथ के पास रविवार तड़के एक वाहन के पलट जाने से गढ़वाल मंडल विकास निगम के एक कर्मचारी समेत चार लोग घायल हो गए। ये 10 तीर्थयात्री बदरीनाथ से वापस लौट रहे थे। गंभीर रूप से घायल तीन तीर्थयात्रियों को इलाज के लिए श्रीनगर बेस हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। 

ठाणे जिले के नेताओं के मतगणना केंद्र पर जाने पर रोक लग गई है

लोकसभा चुनाव के बाद 16 मई को होने वाली मतगणना के लिए सरकारी मशीनरी एकदम तैयार है। चुनाव आयोग ने मतगणना केंद्र पर राज्य के मंत्री, सांसद, विधायक, महापौर, जिला परिषद अध्यक्ष आदि की उपस्थिति पर पाबंदी लगा दी है। इससे ठाणे जिले के नेताओं के मतगणना केंद्र पर जाने पर रोक लग गई है।
चुनाव आयोग के अनुसार मतगणना के दौरान और मतगणना स्थल पर सुरक्षा-व्यवस्था में किसी प्रकार का कोई अवरोध उत्पन्न न हो, इसलिए उक्त कदम उठाया गया है। इसके लिए बाकायदा सूचना पत्र तैयार किया गया है, जिसके केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद, विधायक जैसे उन तमाम लोगों को मतगणना केंद्र में जाने की इजाजत नहीं दी गई है, जिन्हें सुरक्षा मिली हुई है। चुनाव आयोग के मुताबिक सुरक्षा व्यवस्था के साथ जब कोई मंत्री या विधायक, सांसद मतगणना स्थल पर पहुंचेगा, तो वहां की सुरक्षा-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।

Thursday, May 8, 2014

अफ्रीकी देशों के नागरिकों को नवी मुंबई में किराए पर घर न देने की अपील की

वाशी के स्थानीय नगरसेवक प्रभाकर गोमा भोईर ने सभी फ्लैट मालिकों, मकान व चॉल मालिकों से अवैध रूप से रह रहे अफ्रीकी देशों के नागरिकों को नवी मुंबई में किराए पर घर न देने की अपील की है। उनका कहना है कि बीते कुछ सालों से नवी मुंबई परिसर में अवैध रूप से रह रहे अफ्रीका के विभिन्न देशों के नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
ध्यान रहे कि अभी पिछले महीने 7 अप्रैल को वाशी में ही पुलिस ने छह अफ्रीकन को खुले में मारपीट करने व अवैध रूप से होटेल व बार चलाने के आरोप में अरेस्ट कर लिया था। इसके अलावा अवैध लॉटरी, तगड़े वेतन का लालच देकर विदेशों में जॉब दिलाने के नाम पर ठगी करने जैसे ठगी व धोखाधड़ी के कई और मामले हो चुके हैं, जिनमें कई अफ्रीकन को अरेस्ट किया जा चुका है।
इस संदर्भ में प्रभाकर भोइर का कहना है कि एक नगरसेवक होने के नाते उनका कर्त्तव्य है कि अवैध प्रवासी अफ्रीकन को किराएदार बनाने से रोकने के लिए वे नागरिकों को सावधान करें। ये अफ्रीकन समूह में रहते हैं और किराए की रकम आपस में बांट लेते हैं। इससे इन अफ्रीकन का खर्च भी कम होता है और मकान या घर मालिकों को औसत से अधिक मासिक किराया भी मिल जाता है।

Monday, May 5, 2014

गुजरातियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले ने नया मोड़

शिव सेना के मुखपत्र सामना में छपे एक संपादकीय में गुजरातियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। शिव सेना के प्रेजिडेंट उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने उस संपादकीय का समर्थन किया है, जिसमें गुजरातियों की आलोचना करते हुए लिखा गया था कि वे महाराष्ट्र के साथ खड़े नहीं हुए। 
पिछले दिनों सामना के मुखपत्र में एक संपादकीय छपा था, जिसमें मुंबई के गुजरातियों पर कॉमेंट किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस संपादकीय में कहा गया था कि गुजरातियों ने मुंबई का वेश्या की तरह शोषण किया है। इस मामले पर बवाल बढ़ने के बाद उद्धव ठाकरे ने बयान जारी किया था कि लेख का मतलब यह नहीं था और इसे तो गुजराती और मराठी लोगों के बीच एकता लाने के लिए लिखा गया था।
 
कहा जा रहा था कि उद्धव इस लेख को लेकर सामना के एग्जेक्यूटिव एडिटर संजय राउस से नाराज भी हैं। मगर अब उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे राउत के बचाव में उतर आए है। रविवार को सामना के एक संपादकीय में बताया गया कि आदित्य ठाकरे ने ट्विटर पर उस संपादकीय का समर्थन किया है। सामना के संपादकीय में लिखा है, 'आदित्य ठाकरे ने सामना के संपादकीय का खुलकर समर्थन किया है।'
 
संपादकीय के मुताबिक आदित्य ने कहा, 'सामना के उस संपादकीय का मकसद मुंबई के गुजरातियों को अपमानित करना नहीं था, बल्कि ट्रांसलेशन में किसी तरह की चूक हो गई थी। इसका इरादा किसी पर हमला करना नहीं था। इसका मतलब यह था कि गुजराती और मराठी लोगों की तरक्की इसी में है कि वे मिलकर महाराष्ट्र के विकास में योगदान दें।'
 
आदित्य ने यह भी कहा कि मुंबई में रह रही गुजराती कम्यूनिटी को इस बात का अहसास होना चाहिए कि यह शहर उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि है और इस बात का स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया में कुछ लोग सामना के संपादकीय का गलत ट्रांसलेशन कर रहे हैं।

Friday, May 2, 2014

महाराष्ट्र ने गुरुवार को अपना 54वां स्थापना दिवस धूमधाम

महाराष्ट्र ने गुरुवार को अपना 54वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। महाराष्ट्र दिवस की परेड का मुख्य आयोजन दादार के शिवाजी पार्क में हुआ जहां राज्यपाल के. शंकरनारायणन ने आकर्षक परेड की सलामी ली। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि महाराष्ट्र के लोग उद्योगी और मेहनती है और यही यहां के लोगों की सच्ची ताकत है। इन्हीं लोगों के कारण ही महाराष्ट्र प्रगति पथ पर अग्रसर है। राज्यपाल ने कहा कि महाराष्ट्र समाज सुधारकों की भूमि रही है। इन्हीं की वजह से महाराष्ट्र की एक अलग पहचान है।
महाराष्ट्र विधान भवन में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विधानसभा अध्यक्ष दिलीप वलसे पाटील ने झंडा फहराया। इस अवसर पर विधानपरिषद के उपसभापति वसंत डावखरे सहित अन्य लोग थे। इससे पहले मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण सहित कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों, प्रशासनिक अधिकारियों और मुंबई के मेयर सुनील प्रभु ने हुत्तामा चौक पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के शहीदों को याद किया।
इस अवसर पर राजभवन में वसंत राव नाइक प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में राज्यपाल ने बेगम परविन सुलताना, पंडित विजय घाटे, नयना आपटे और राष्ट्रीय शोर्य पुरस्कार पदक पाने वाले बच्चों को सम्मानित किया।