Tuesday, March 31, 2015

आरोपियों को जेल भेजने का 'कनविक्शन रेट' बेहद कम

महाराष्ट्र में अपराध सिद्ध करके आरोपियों को जेल भेजने का 'कनविक्शन रेट' बेहद कम है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि वर्ष 2000 में यह केवल 12.6 प्रतिशत था। वर्ष 2014 में यह बढ़कर 26 प्रतिशत हो गया है। इसे और अधिक बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र सरकार 'फॉरेंसिक सबूतों' पर जोर देगी।
देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र विधानपरिषद में कानून व व्यवस्था पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि अहमदनगर के दलित हत्याकांड के सैंपल जांच के लिए दूसरे राज्यों में भेजने पड़े थे। आगे ऐसी स्थिति नहीं आएगी। राज्य में आधुनिकतम उपकरणों वाली दो अतिरिक्त फॉरेंसिक लैब खोलने की योजना है। फिलहाल वाइस सैंपल की जांच में तीन साल लग जाते हैं। यह सुविधा सात दिनों में देने का सरकार का इरादा है। चैन छीनने जैसे गुनाहों में सजा को कठोर बनाया जा रहा है। ऐसे अपराधियों को एक दिन में जमानत मिल जाती थी। इस रोकने के लिए धारा 392 में नया '' सेक्शन जोड़ा गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र में कंप्यूटरों और इंटरनेट का उपयोग बढ़ने से साइबर क्राइम बढ़े हैं। इनसे निपटने कि लिए 1000 कर्मचारियों की विशेष फोर्स तैयार की गई है।

Sunday, March 29, 2015

बैंक के डायरेक्टरों के खिलाफ आपराधिक एफआईआर दर्ज

 मुंबई बैंक घोटाले में दक्षिण मुंबई के माता रमाबाई आंबेडकर पुलिस स्टेशन में बैंक के डायरेक्टरों के खिलाफ आपराधिक एफआईआर दर्ज की गई है। एमएनएस के पूर्व विधायक प्रवीण दरेकर और एमएनएन नेता शिवाजीराव नलावडे मुंबई बैंक के चेयरमैन थे, उनके कार्यकाल में आपराधिक विश्वास भंग, धोखाधड़ी, फर्जी कागजात के इस्तेमाल जैसे आरोपों को लेकर ये एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें दरेकर, नलावडे, प्रकाश शिरवाडकर, राजा नलावडे आदि को आरोपी बनाया गया है।
मुंबई बीजेपी के सचिव विवेकानंद गुप्ता ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। इसी के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 409, 465, 467, 471, 120-बी और 214 के तहत अपराध दर्ज किया है। मुंबई सीएसटी से लगी एम,आर.ए, पुलिस ने 86-2015 के तहत 27 मार्च 2015 को एफआईआर दर्ज की है। वर्ष 2007 में 166 करोड़ रुपये के कैश बॉन्ड 6.6 करोड़ रुपये का नुकसान कराके बेच दिए गए। डिजेस्टर रिकवरी के नाम पर बिना निविदा मंगवाए ठेका दे दिया गया, जिसकी वजह से बैंक को 6.7 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ये सभी बातें बैंक के ऑडिट में साफ होकर सामने आई हैं। नलावडे ने बिना आर्हता के अपने पुत्र की नियुक्ति कर दी, इसकी भी जानकारी शिकायतकर्ता ने पुलिस को दी है।

राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस छोड़कर प्रवीण दरेकर पिछले दिनों बीजेपी में शामिल हो गए थे। लेकिन इसका कोई खास फायदा उन्हें मिलता दिखाई नहीं पड़ा। बीजेपी के मुंबई सचिव विवेकानंद गुप्ता की पहल पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। सरकारी जांच में दो बार घोटाला उजागर हुआ, मगर पैसों की वसूली के नाम पर कार्रवाई टाली जाती रही। दरेकर के एनसीपी के साथ करीबी संबंध बताए जाते हैं। दरेकर को बैंक का चेयरमैन बनाने वाले उनके साथ नलावडे तो मुंबई एनसीपी के पदाधिकारी थे, जो बाद में दरेकर के साथ एमएनएस में शामिल हो गए।

Friday, March 27, 2015

किसी भी मंत्री ने अपनी प्रॉपर्टी का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया

महाराष्ट्र के किसी भी मंत्री ने अपनी प्रॉपर्टी का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया है। एक आरटीआई आवेदन पर सरकार से मिले जवाब से इस बात का खुलासा हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार से राज्य मंत्रिमंडल के मंत्री और राज्यमंत्रियों की प्रॉपर्टी और उनसे जुड़े हुए लोगों की वित्तीय जानकारी मांगी थी। सामान्य प्रशासन विभाग के जन-सूचना अधिकारी और अवर सचिव डी.वी. नाईक ने बताया कि इस मामले में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसलिए यह जानकारी नहीं दी जा सकती है।
मुख्यमंत्री सहित 18 मंत्री और 12 राज्यमंत्री फडणवीस मंत्रिमंडल में शामिल हैं। मुख्यमंत्री को राज्यपाल के पास और अपने मंत्रियों एवं राज्यमंत्रियों का ब्यौरा पेश करना होता है। मंत्रियों के संपत्ति का विवरण सार्वजनिक करने की लड़ाई आरटीआई के माध्यम से लड़ी जा रही है। इसी तरह का ब्यौरा महाराष्ट्र की पिछली कांग्रेस-एनसीपी सरकार से भी मांगा गया था। काफी दबाव बनाने के बाद जिन मंत्रियों ने विवरण पेश दिया था, उनके सिर्फ नाम ही ऑनलाइन गिनाए गए थे। तत्कालीन 'मिस्टर क्लीन' मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मंत्रियों की प्रॉपर्टी की जानकारी को सार्वजनिक करने की मांग खारिज कर दी थी।
पारदर्शक और स्वच्छ कामकाज का दावा कर सत्ता पर बीजेपी के नेतृत्व वाली फडणवीस सरकार से इस बारे में उम्मीद बंधी थी। 14 नवंबर, 2014 और बाद में 9 मार्च 2015 को 2 पत्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे गए थे। इस पर हुई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी आरटीआई में मांगी गई थी। ताजा जानकारी में सरकार ने बताया है कि 27 नवंबर 2014 से मुख्यमंत्री के पास इसकी फाइल पेंडिंग है।

गलगली ने खेद व्यक्त किया है कि केंद्र और बिहार की तर्जपर राज्य के सभी मंत्रियों की प्रॉपर्टी की जानकारी ऑनलाइन की जाए, इतनी सी बात का खुलासा मुख्यमंत्री या उनका कार्यालय 117 दिन तक नहीं कर पाए हैं। इसे सिटीजन चार्टर और सेवा का अधिकार का उल्लंघन बताते हुए मुख्यमंत्री को एक बार फिर लिखा गया है।
गृह राज्यमंत्री रणजीत पाटील की संपत्ति की पड़ताल का मुद्दा महाराष्ट्र विधानसभा में गूंजा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा को बताया कि राज्यमंत्री की संपत्ति की जांच अमरावती के भ्रष्टाचार निरोधी पुलिसअधीक्षक को सौंपी गई है। कांग्रेस नेता जयंत पाटील ने यह मुद्दा उठाया था। इस बारे में छपी खबरों पर उन्होंने सरकार से खुलासे की मांग की। मुख्यमंत्री ने बयान देकर सफाई दी। उन्होंने बताया कि अकोला के आरटीआई कार्यकर्ता प्रह्लादराव काटे ने भ्रष्टाचार निरोधी पुलिस महानिदेशक को इस बारे में पत्र लिखा था।
सीएम ने सदन को बताया कि इस तरह का आवेदन मिलने पर जांच के लिए संबंधित विभागीय अधिकारी को पड़ताल सौंपी जाती है। इसी के अनुरूप पड़ताल का काम अमरावती के पुलिस अधीक्षक को सौंपा गया है। उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। डॉ रणजीत पाटील मुख्यमंत्री के अधीन विधि व न्याय, सामान्य प्रशासन, नगरविकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के भी राज्यमंत्री हैं।

Wednesday, March 25, 2015

नग्न अवस्था में नहाने के कारण चाकू मारकर हत्या

कोलसेवाडी के होम टेकडी इलाके में एक युवक ने अपने ही किराएदार की घर के सामने नग्न अवस्था में नहाने के कारण चाकू मारकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद आरोपी युवक ने अपने आप को पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस के अनुसार, दत्ताराम चौहान (21) के मकान में राजेंद्र उपाध्याय (41) भाड़े से रहता था। रविवार सुबह दत्ताराम ने राजेंद्र को घर के सामने नग्न अवस्था में स्नान करने से मना किया, लेकिन राजेंद्र ने दत्ताराम की बात नहीं मानी। नाराज होकर दत्ताराम वापस घर में गया और वहां रखा धारदार चाकू ले आया। उसने चाकू से राजेंद्र पर कई वार किए, जिससे राजेंद्र की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इसके बाद दत्ताराम ने चाकू को पानी के ड्रम में डाल दिया।

परेशान दत्ताराम पास के सैलून में गया और वहां उसने अपने बाल कटवाए। इस दौरान राजेंद्र की लाश करीब छह घंटे तक बाथरूम में पड़ी रही। इसके बाद दत्त्ताराम ने अपने आपको कोलसेवाडी पुलिस के हवाले कर दिया है। पुलिस ने दत्ताराम को कल्याण कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 27 मार्च तक उसे पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया है।

Monday, March 23, 2015

365 दिन अपनी दुकानें खुली रख सकेंगे

शॉपिंग करने वाले ग्राहकों और दुकानदारों को राज्य सरकार ने नई सौगात दी है। राज्य के दुकानदार अब साल के 365 दिन अपनी दुकानें खुली रख सकेंगे। इससे देर रात ड्यू्टी से घर लौटने वाले लोग अब देर रात तक शॉपिंग कर सकेंगे। सरकार के इस कदम से दुकानदारों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। उन्हें इस बात की खुशी ज्यादा है कि उनसे हप्ता वसूल करने वाले बीएमसी कर्मियों की दुकान बंद हो जाएगी।
कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं देने के कारण राज्य सरकार ने दुकानदारों पर एक दिन दुकान बंद रखने की अनिवार्यता लादी थी, लेकिन सच्चाई यह है कि दुकानदार सप्ताह में दुकान बंद नहीं रखता था। खासकर, सीजन में दुकानें सातों दिन खुली रहती हैं। सप्ताह में एक दिन दुकान नहीं बंद रखने के एवज में बीएमसी कर्मी दुकानदार से 100 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक वसूलता है।
गैरकानूनी रूप से दुकानदार से वसूली गई पूरी की पूरी रकम बीएमसी कर्मी की अपनी तिजोरी में जाती है। सरकार के नए आदेश के बाद रिश्वत की यह रकम बीएमसी कर्मी को नहीं देनी होगी क्योंकि सरकार ने ही एक दिन दुकान बंद करने का नियम खत्म कर दिया है।

Friday, March 20, 2015

विकास की सभी बाधाएं एक महीने में हटा दी जाएंगी

मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन (एमएमआर) में रहने वाले लाखों लोगों को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ी राहत देने की घोषणा की है। बजट सत्र के नौवे दिन उन्होंने विधानसभा में कहा कि एमएमआर के विकास की सभी बाधाएं एक महीने में हटा दी जाएंगी। शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई समिति की रिपोर्ट इस महीने के आखिर तक मिल जाएगी और अप्रैल के अंत तक सरकार इस पर फैसला भी कर लेगी।
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि पूरे एमएमआर के लिए नए सिरे से काम हो रहा है। वहां की खतरनाक बिल्डिंगों और गैर कानूनी रूप से बनाई गई इमारतों की समस्याओं के बारे में विस्तार से अध्ययन करके यह समिति रिपोर्ट देगी। उन्होंने साफ किया कि गैरकानूनी बिल्डिंगों को पहले नियमित करना होगा। उसके बाद ही उसका रीडिवपेलमेंट किया जा सकेगा।
कुछ साल पहले मुंब्रा में एक बिल्डिंग गिर गई थी। उसमें रहने वाले कई लोगों की जानें चली गई थीं। वह बिल्डिंग गैरकानूनी रूप से बनाई गई थी। उस हादसे ने सरकार की आंखें खोली दी थीं। उसके बाद ही तत्कालीन सरकार ने स्थानीय स्तर पर कई विकास नीतियां बनाई थीं।
सीएम ने बताया, 'अब हमारी सरकार पूरे एमएमआर रीजन के लिए एक ही विकास नीति बना रही है। समिति यह भी अध्ययन कर रही है कि खतरनाक व गैरकानूनी बिल्डिंगों का रीडिवेपलमेंट करना है, तो उसके लिए कितनी एफएसआई की जरूरत होगी।'
विधानसभा में शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक व अन्य सदस्यों ने मीरा-भाईंदर में पुरानी खतरनाक बिल्डिंगों के बारे में सवाल पूछा था। उनका साथ कांग्रेस के विधायक नसीम खान, एएमआईएम के विधायक वारिस पठान और अन्य सदस्यों ने दिया।
308
वर्ग किलोमीटर
मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, कल्याण-डोंबीवली, वसई-विरार, मीरा-भाईंदर, भिवंडी-निजामपुर और उल्हासनगर
अलीबाग, अंबरनाथ, कर्जत, खपोली, कुलगांव-बदलापुर, माथेरान, पनवेल, पेन और उडन
2011
की जनगणना के अनुसार शहरी क्षेत्र की आबादी 1.24 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्र की करीब 2.09 करोड़

Thursday, March 19, 2015

बजट पूरी तरह से मोदी के रंग में रंगा हुआ

सरकारें बदलीं और नई योजनाएं भी नए नाम पर शुरू की गईं। इससे पहले कांग्रेस जब भी किसी नई योजना को शुरू करती थी तो उस योजना का नाम गांधी परिवार के किसी सदस्य के नाम पर ही रखती थी- जैसे राजीव गांधी जीवनदायी योजना, संजय गांधी निराधार योजना आदि। अब सत्ता बदल गई तो नई योजनाओं के नाम बीजेपी ने अपने नेताओं के नाम पर रखने शुरू कर दिए। जब वित्त मंत्री ने नई योजनाओं के नाम बीजेपी और आरआरएस नेताओं के नाम पर घोषित करने शुरू किए तो इस पर शिवसेना ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के नाम से कोई भी नई योजना शुरू नहीं की गई।
सरकार राज्य में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को घर मुहैया कराने के लिए योजना शुरू कर रही है, जिसका नाम 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय घरकुल जगह खरीदी अर्थसहाय योजना' रखा गया है। इसी तरह राज्य के प्रत्येक जिले में एक बेहतरीन उद्यान बनाने के लिए 'उत्तमराव पाटील वन उद्यान' योजना शुरू की जा रही है।
किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने का मामला संसद एवं विधानपरिषद में हमेशा से ही उठाया जाता रहा है। सबसे ज्यादा किसान यवतमाल जिले में आत्महत्या करते हैं। उन्हें आत्महत्या करने से रोकने के लिए वित्त मंत्री मुनगंटीवार ने 'मोतीरामजी लहाने कृषि समृद्धि योजना' शुरू की है। वन सुरक्षा, प्रबंधन में आम जनता का सहयोग बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री 'श्यामाप्रसाद मुखर्जी जन-वन विकास योजना' शुरू करने जा रहे हैं। युवकों में स्वरोजगार बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने नई योजना शुरू की है, जिसका नाम 'प्रमोद महाजन कौशल्य विकास योजना' दिया गया है।

वित्त मंत्री मुनगंटीवार का बजट पूरी तरह से मोदी के रंग में रंगा हुआ नजर आता है। केंद्र द्वारा शुरू की गईं कई योजनाओं को राज्य में भी शुरू किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से सांसदों को अपने मतदान क्षेत्र से एक गांव का चयन कर सांसद आदर्श गांव बनाने का आवाहन किया था, ठीक उसी तर्ज पर मुनगंटीवार भी 'आमदार आदर्श गांव योजना' शुरू करने जा रहे हैं। इसके लिए वे अलग से कोई फंड नहीं देंगे, विधायक को अपने विधायक फंड से ही पैसा खर्च करना होगा। मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए वित्त मंत्री ने 810 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री ग्रामीण मार्ग योजना शुरू करने की हरी झंडी दे दी है। इसके लिए बजट में 300 करोड़ रुपये दिए हैं जबकि पुरानी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 790 करोड़ रुपये दिए हैं। केंद्र के मेक इन इंडिया की तर्ज पर मेक इन महाराष्ट्र योजना शुरू की है। इसके तहत उद्योगों को राहत देने के अलावा राज्य के खस्ताहाल पर्यटन स्थलों को सुधारने और नए पर्यटन स्थल विकसित करने की बात कही है। प्राकृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 'निसर्ग पर्यटन विकास मंडल' की स्थापना करने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने जंगल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी पहल की है।

Monday, March 16, 2015

माफी सीधे किसानों को ही नहीं बल्कि उनकी पत्नियों, बेटों, अविवाहित बेटियों, भाइयों या बहनों को भी

प्राइवेट साहूकारों से लिए गए कर्ज लौटाने की नीति पहले की लागू की जा चुकी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानपरिषद में यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि दो से ढाई लाख किसान परिवारों को इसका फायदा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब हमने फैसला लिया है कि यह माफी सीधे किसानों को ही नहीं बल्कि उनकी पत्नियों, बेटों, अविवाहित बेटियों, भाइयों या बहनों को भी मिलेगी। शर्त यह होगी कि परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए। पेंशनधारकों का कर्ज और मुंबई दुकान अधिनियम 1948 के तहत लाइसेंसधारी साहूकारों (व्यापारी) से लिया गया कर्ज माफ नहीं होगा।

आदर्श मिश्रा समिति ने किसानों की आत्महत्या की वजह साहूकारों के कर्ज को बताया था और यह कर्ज माफ करने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2008 और राज्य शासन ने 2009 में किसानों के बैंक से लिए कर्ज को माफ किया था। इस योजना का लाभ साहूकारों से कर्ज लेने वालों को नहीं मिला था। इस पार्श्वभूमि में विदर्भ और मराठवाडा में लाइसेंसधारी साहूकारों से लिया गया कर्ज माफ होगा। कर्ज की यह रकम सरकार भरेगी।
मुख्यमंत्री ने नागपुर के शीतकालीन अधिवेशन में 11 दिसंबर 2014 को साहूकारों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। इसका लाभ विदर्भ और मराठवाड़ा के करीब सवा दो लाख किसानों होगी, जिनका कुल 171 करोड़ रुपए का कर्ज माफ होगा। इस योजना के तहत सिर्फ किसानों का कर्ज ही माफ होगा। उन्होंने कहा कि पायलट परियोजना के तहत सरकार दस हजार सोलर पंप लगाने वाली है। आगे पांच लाख और भी पंप लगाने की योजना है। 
आरआर जेड नीति को खत्म करने का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकतर नदियां नगर पालिकाओं के गंदे पानी की वजह से प्रदूषित हुई हैं। कई लोगों को सरकार के इस निर्णय पर संदेह है और वे सरकार से निर्णय बदलने के लिए कह रहे हैं, जबकि 90 प्रतिशत नदियां मनपा के गंदे पानी और केवल पांच प्रतिशत उद्योग की वजह से प्रदूषित होती हैं।

Friday, March 13, 2015

शिवसेना ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा

भूमि अधिग्रहण को लेकर शिवसेना ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है। किसाना विरोधी भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मतदान विभाजन में पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया।
पार्टी ने साफ किया कि किसानों की सहमति के बिना उनकी जमीन छीनने का पाप वही कदापि नहीं करेगी। मुख्य पत्र सामना के संपादकीय के माध्यम से पार्टी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि पर्याप्त संख्या होने के बाद भी भूमि अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूर कराने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए लिखा है कि राज्य और केंद्र में हम लोग सरकार में है। इसके बाद भी विधेयक का विरोध किया।

Tuesday, March 10, 2015

कानून के तहत गोवंश के वध पर रोक

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के गायों के डीलर्स को कोई राहत देने से मना कर दिया है हाई कोर्ट ने कहा है कि लोग बीफ बैन को धार्मिक मसला न बनाएं। अदालत ने यह भी कहा कि इस मसले को ज्यादा अहमियत न दी जाए। 
कोर्ट ने यह बात भारतीय गोवंश संवर्धन परिषद द्वारा दायर की गई एक याचिका के सिलसिले में कही। बॉम्बे सबअर्बन बीफ डीलर्स वेलफेयर असोसिएशन ने भी इस बारे में याचका दायर की थी।
जस्टिस वी.एम. कानाडे और ए.आर. जोशी ने कहा कि महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) कानून अमल में आ गया है और वह सरकारी गजट में अधिसूचित कर दिया गया है। इसी कानून के तहत गोवंश के वध पर रोक लगाई गई है। बॉम्बे सर्बबन बीफ डीलर्स वेल्फेयर असोसिएशन ने भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद द्वारा दायर इस रोक को लगाने के लिए दायर याचिका के विरुद्ध कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

नए कानून के तहत जो भी गोवंश रखते हुए या बिक्री करते हुए पाया गया तो उसे 5 साल की कैद और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले की आलोचना भी हो रही है। कई वकीलों ने बीफ खाकर सरकार के इस फैसले पर विरोद जताया तो कई सिलेब्स ने सोशल मीडिया पर।
कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को मुसलमानों के खिलाफ बता रही है। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि उनकी सरकार कोई भी फैसला धर्म को आधार बनाकर नहीं लेती है।

Monday, March 9, 2015

मुस्लिम आरक्षण लैप्स हुआ- मुख्यमंत्री

विरोधी पक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए रविवार की शाम आयोजित मुख्यमंत्री की चाय पार्टी का बहिष्कार किया। साथ ही, आज से शुरू हो रहे बजट सत्र में सत्ताधारी दल को तमाम मुद्दों पर घेरने की तैयारी विरोधी दल ने की है। उन्होंने सरकार को चेताया है कि वह राज्य की समस्याओं को जोरशोर से सदन में उठाएंगे।
बजट सत्र में सरकार को घेरने के लिए विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने सभी विरोधी दल के ग्रुप लीडर के साथ बैठक की। विखे पाटील के अनुसार, एनसीपी, शेतकरी कामगार पक्ष, एमआईएम, सीपीएम, समाजवादी पार्टी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और लोक भारतीय के कपिल पाटील ने मिलकर सरकार की चाय पार्टी में नहीं जाने का निर्णय लिया है। चाय पार्टी में नहीं जाने का कारण गिनाते हुए विखे-पाटील ने कहा कि चंद महीनों में ही यह सरकार फेल हो गई है। महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि राज्य के पास पूरे समय के लिए न तो गृह मंत्री है न ही कृषि मंत्री। स्वाइन फ्लू से निपटने में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से नाकाम रहा है, मरीजों के इलाज के लिए दवाएं नहीं है। बाजार में इन दवाओं की कालाबाजारी हो रही है। पाटील ने स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की और स्वास्थ्य विभाग के संचालक व उपसंचालक को निलंबित करने की मांग भी रखी।
विधान परिषद में विरोधी पक्ष नेता धनंजय मुंडे ने सरकार को घेरते हुए कहा कि इस सरकार के राज में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गया है। कॉमरेड पानसरे की हत्या के बाद राज्य के दूसरे विचारक को धमकी भरे पत्र मिल रहे हैं। पूछा जा रहा है कि अब तीसरा कौन? मुंडे ने कहा कि हमारी पार्टी के विधायक जितेंद्र आव्हाड को धमकी भरा पत्र मिला है।
विपक्ष के प्रश्नों का चुनचुन कर जवाब दिया मुख्यमंत्री ने
मुख्यमंत्री ने भी अपनी ओर से तैयारी दर्शाते हुए विरोधी दल के आरोपों का जवाब प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया। वे यह बताने में लगे रहे कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा ही नहीं है। किसानों को मदद नहीं देने के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि 90 लाख किसानों में से 60 लाख किसानों को मदद दी गई है। सीधे किसानों के बैंक में मदद की राशि जमा की गई है। बाकी के किसानों को जल्द ही मदद राशि मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने किसानों की आत्महत्या के लिए कांग्रेस-एनसीपी की पिछली सरकार को ही कोसा। उन्होंने यहां तक कहा कि पिछली सरकार के पाप को हमारी सरकार झेल रही है। मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार पर सवाल उठाया कि समय रहते हुए किसानों को सिंचाई का पानी मुहैया करा दिया जाता तो आज वे आत्महत्या ही नहीं करते। पिछली सरकार तो सिंचाई के पैसे से भ्रष्टाचार करने में लगी थी।
मुस्लिम आरक्षण के बारे में मुख्यमंत्री ने साफ किया कि उनकी सरकार ने अध्यादेश रद नहीं किया है, वह लैप्स हुआ है। धनगर समाज को आरक्षण देने के बारे में ड्राफ्ट तैयार है। इस बारे में कानूनी-सलाह ली जा रही है। वहीं, वक्फ बोर्ड की आंतरिक रिपोर्ट सदन में रखकर पिछली सरकार की पोल खोलने की चेतावनी भी उन्होंने दी। स्वाइन फ्लू के बढ़ते मरीजों के बारे में सीएम ने कहा कि यह देशव्यापी बीमारी बन गई है और महाराष्ट्र के पांच शहरों में ही 90 पर्सेंट मरीज पाए गए हैं, इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयां हैं।

राज्य के कानून व्यवस्था के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉमरेड पानसरे के हत्यारों को पकड़ने के लिए 20 अलग-अलग टीम बनाई गई है, जांच आगे बढ़ रही है। मुंबई डीसीआर के बारे में लगाए जा रहे आरोपों पर बचाव करते हुए कहा कि विपक्ष को पूरी जानकारी नहीं है। नया डीसीआर लागू करने से पहले लंबी प्रक्रिया पूरी करनी है। उससे पहले ही आरोप लगाना गलत होगा। महाराष्ट्र का पानी गुजरात को देने का फैसला पिछली सरकार ने 2010 में गुजरात सरकार से समझौता कर किया था, हमने तो उन्हें दिए जाने वाले पानी में न केवल कटौती की बल्कि गुजरात से पानी वापस लिया है। पिछली जाति के छात्रों को रोकी गई वजीफा की रकम सरकार दे रही है।

Saturday, March 7, 2015

स्वच्छता मिशन को मुकाम तक ले जाने की तैयारी

महाराष्ट्र की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन को अगले मुकाम तक ले जाने की तैयारी में है। अगर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो वहां न सिर्फ तंबाकू चबा कर थूकने बल्कि सार्वजनिक जगहों पर इसे चबाते हुए दिखने पर भी एक दिन के लिए 'सरकारी स्वीपर' बनना पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के कानून और न्याय विभाग के पास उसकी राय के लिए इस प्रस्तान को भेज दिया है।
इस कानून में प्रस्ताव किया गया है कि कोई भी शख्स सार्वजनिक जगह में तंबाकू चबाते या थूकते हुए पकड़ा जाता है तो उसे आठ घंटे के लिए सरकारी कार्यालय या हॉस्पिटल में सफाई का काम करना पड़ेगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ दीपक सावंत ने कहा कि तंबाकू चबाने, थूकने और इसकी बिक्री को लेकर मौजूदा कानून में सुधार की जरूरत है। 

उन्होंने कहा, 'मैंने ज्यादा सख्त कानून का प्रस्ताव किया है। तंबाकू चबाने या थूकने वाले लोग जुर्माना चुकाने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। लग्जरी कार में बैठा शख्स अगर सड़क पर थूकता है तो उसे एक दिन के लिए सरकारी ऑफिस की सफाई के काम में लगाना चाहिए और ड्राइवर अगर ऐसी हरकत करता है तो कम-से-कम एक महीने के लिए उसका लाइसेंस निलंबित कर देने चाहिए। इसके बाद ही ऐसे लोग सबक सीखेंगे।'
सावंत ने पिछले सप्ताह विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग के बाद प्रस्ताव को आगे बढ़ाया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस पर कानून विभाग का नजरिया सकारात्मक होगा।
स्वास्थ्य विभाग नए सिस्टम में स्थानीय निकायों और पुलिस की भी सक्रियता चाहता है। इस मामले स्थानीय निकायों (पंचायत, नगरपालिका) को मॉनीटरिंग एजेंसी के रूप में काम करने वाले संगठनों का दर्जा दिया जाएगा। सावंत ने बताया कि पुलिस दोषियों को पकड़ने के बाद स्थानीय निकायों को सौंप देगी और वे प्रस्तावित कानून के मुताबिक उन्हें सजा देने का काम करेंगे।
सार्वजनिक जगहों पर थूकना टीबी जैसी संक्रामक बीमारियों का बहुत बड़ा कारण है। जन स्वास्थ्य अभियान के सह संयोजक डॉ अभय शुक्ला ने इस प्रस्ताव को सकारात्मक कदम करार दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों को पहले सुलझाना जरूरी है, जैसे सार्वजनिक जगहों पर साफ-सफाई को लेकर जागरूकता और प्रस्तावित कानून को लागू करने के लिए पर्याप्त फंड और स्टाफ की व्यवस्था करना।
मुंबई में बीएमसी पहले से ही स्वच्छता अभियान चला रही है, जिसके तहत थूकने पर 200 रुपये जुर्माना वसूला जाता है। पहले बीएमसी ने सफाई के लिए जोनों स्तर पर प्राइवेट एजेंसी की व्यवस्था की थी लेकिन शिकायतों की वजह से इसे रोक दिया गया।

Friday, March 6, 2015

विराट कोहली को बाकी मैचों के लिए बैन

वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन कर रही भारतीय टीम को बड़ा झटका लगा है। वाइस कैप्टन विराट कोहली को बाकी मैचों के लिए बैन कर दिया गया है। बीसीसीआई ने अधिकारिक बयान जारी करके कहा है कि कोहली ने टीम के नियम तोड़े हैं। वह टीम का साथ छोड़कर ऑस्ट्रेलिया में अपनी फ्रेंड के साथ घूम रहे थे। सूत्रों का कहना है कि बॉलिवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा इस वक्त विराट के साथ ही हैं।
टीम के मैनेजर रवि शास्त्री का कहना है कि आज वेस्ट इंडीज के साथ हो रहे मैच में विराट खेलेंगे, लेकिन आगे के मैचों में हमें उनकी कमी खलेगी। टीम के दूसरे लड़के अनुशासन में रहें, इसलिए विराट के खिलाफ लिया गया ऐक्शन बिल्कुल ठीक है। वर्ल्ड कैप के बाकी के मैचों के लिए सुरेश रैना को वाइस कैप्टन बनाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, विराट पिछले दो दिनों से टीम के साथ नहीं थे। हंगामा तब शुरू हुआ जब कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी ने क्रिस गेल से निपटने की रणनीति बनाने के लिए अहम मीटिंग बुलाई। विराट इस मीटिंग में भी नहीं दिखे। धोनी ने इस बात की शिकायत शास्त्री से की। इस बीच ऑस्ट्रेलिया की मीडिया में वे तस्वीरें भी सामने आ गईं जिसमें विराट और अनुष्का साथ में दिख रहे थे। बीसीसीआई ने फौरन ऐक्शन लेते हुए विराट को आगे के मैचों में खेलने से बैन कर दिया।
इससे पहले इंग्लैंड टूर पर भी अनुष्का विराट के साथ थीं। उस समय विराट कोई बड़ा स्कोर नहीं कर पा रहे थे और इसे लेकर उन्हें काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी थी। हालांकि इसके बाद ही वह फॉर्म में वापस आ गए थे। अटकलें लगाई जा रही हैं कि तीन दिन पहले उन्होंने भारत के एक पत्रकार के साथ भी गलत बर्ताव किया। पत्रकार ने विराट से अनुष्का के बारे में कोई सवाल किया था। विराट ने इस पूरे घटनाक्रम के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।
विराट पर बैन के मामले में धोनी ने कहा कि हम विराट को मिस करेंगे। हालांकि टीम के सभी बैट्समैन अच्छे फॉर्म में हैं। इस मामले में कुछ पूर्व क्रिकेटर विराट के साथ हैं। सुनील गावस्कर ने कहा कि विराट बेशक किसी के साथ भी घूम सकते हैं, लेकिन उन्हें इस बारे में टीम मैनेजमेंट को बताना चाहिए था। उम्मीद है कि कुछ मैचों पर बैन के बाद बीसीसीआई उन्हें दोबारा खेलने की इजाजत दे देगी। (बुरा ना मानो होली है)

Wednesday, March 4, 2015

मुसलमान यदि विशेष सुविधाएं चाहते हैं तो उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए

शिवसेना ने यहां मंगलवार को कहा कि भारत में रहने वाले मुसलमान यदि विशेष सुविधाएं चाहते हैं तो उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में कहा, 'यदि वे (मुसलमान) इस देश से कुछ चाहते हैं, तो पहले भारत को अपनी मातृभूमि स्वीकार करें और वंदे मातरम बोलें।' 'सामना' में यह लेख एक मार्च को ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के नागपुर में दिए गए भाषण की प्रतिक्रिया में आया है, जहां उन्होंने महाराष्ट्र में मराठियों की तरह ही मुसलमानों को भी आरक्षण देने की मांग की थी। 
शिवसेना ने ओवैसी की बात पर रोष जताते हुए और अपना रुख दोहराते हुए कहा कि आरक्षण की नीति सामाजिक मानदंडों पर आधारित होनी चाहिए, न कि धर्म के तर्ज पर। शिवसेना ने कहा, 'गरीब मुसलमानों को आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसलिए नहीं कि वे मुसलमान हैं, बल्कि इसलिए कि वे भारत के नागरिक हैं।' पार्टी ने सभी लोगों से, खासकर हिन्दुओं और मुसलमानों से यह विचारधारा को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि इससे ही वोट बैंक और आरक्षण की राजनीतिक खत्म हो सकती है और देश की प्रगति में मदद मिल सकती है। 
शिवसेना ने कहा, 'ओवैसी कह रहे हैं कि चूंकि मराठी लोगों को आरक्षण मिला है, तो मुसलमानों को भी मिलना चाहिए। यह कट्टर मुसलमानों का वही हिंदू विरोधी जिद्दी रवैया है, जिसकी वजह से भारत का विभाजन हुआ था और उन्होंने पाकिस्तान बनाया था। लेकिन अब और नहीं।' लेख में कहा गया कि मुसलमानों को समान नागरिक संहिता स्वीकार करनी होगी, परिवार नियोजन अपनाना होगा और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 की मांग छोड़नी होगी।
ओवैसी के भाषण को राष्ट्र विरोधी करार देते हुए शिवसेना ने इसकी जांच कराए जाने की मांग की कि कहीं उन्होंने महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए तो इस तरह का बयान नहीं दिया। पार्टी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस पर मुद्दे पर कार्रवाई करने की मांग की।

Monday, March 2, 2015

सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत जानकारी देने से इनकार नहीं किया जा सकता

बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के शहरी विकास विभाग के उप सचिव को एक गुम फाइल के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि किसी नागरिक को सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत जानकारी देने से इनकार नहीं किया जा सकता।
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने यह निर्देश भी दिया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद छह महीने के अंदर जांच पूरी होनी चाहिए और इसकी अगुवाई पुलिस उपायुक्त से कम स्तर के अधिकारी नहीं करेंगे। जज अभय ओक और जज ए. एस. गडकरी ने शुक्रवार को अपने आदेश में अधिकारियों की लापरवाही के लिए राज्य सरकार पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया। इनकी लापरवाही के कारण शहरी विकास विभाग की एक फाइल गुम हो गई, जिससे एक वकील को आरटीआई कानून के तहत सूचना नहीं दी जा सकी।

हाई कोर्ट सांगली के ऐडवोकेट विवेक विष्णुपंत कुलकर्णी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। वह स्वयंसेवी संगठन स्वातंत्र्य वीर सावरकर प्रतिष्ठान के पदाधिकारी भी हैं। यह संगठन दो स्कूल चलाता है, जिनमें 1600 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। 58 वर्षीय याचिकाकर्ता ने पांच सितंबर 2008 को याचिका दाखिल की थी और शहरी विकास विभाग के सूचना अधिकारी से 21 अगस्त 1996 के एक सरकारी संकल्प के संबंध में सूचना मांगी थी।