Thursday, April 30, 2015

बीजेपी को कांग्रेस और एनसीपी से कोई परहेज नहीं

सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी को कांग्रेस और एनसीपी से कोई परहेज नहीं है। दरअसल ठाणे एवं पालघर जिले में ठाणे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक का चुनाव होने वाला है।
सूत्रों के अनुसार, सहकारिता के क्षेत्र में दमदार पैर जमाने के लिए बीजेपी टीडीसी चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी से सांठ-गांठ करने जा रही है। एनसीपी के कपिल पाटील एवं आर.सी. पाटील सहित कई दिग्गज नेताओं के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद भी सहकारिता के क्षेत्र में अभी भी एनसीपी का दबदबा कायम है।

Tuesday, April 28, 2015

नेपाल वासी वापिस अपने देश लौट सकें, इसके लिए विशेष ट्रेनें चलाने की तैयारी

मुंबई में बसे नेपाल वासी वापिस अपने देश लौट सकें, इसके लिए विशेष ट्रेनें चलाने की तैयारी है। रेल मंत्री सुरेश प्रभू ने ऐक्जिक्यूटिव डायरेक्टर (पैसेंजर मार्केटिंग) बी. प्रशांत कुमार को इस आशय के आदेश दिए हैं। मुंबई बीजेपी के महासचिव अमरजीत मिश्र ने इस संबंध में पहल की है।
मुंबई में बसे हजारों नेपाल के प्रवासी लोगों में से कई ने अपने खो दिए हैं। कुछ को परिजन के इलाज के लिए वापिस जाना है। टूटे घरों को संभालने के लिए और वहां बसे लोगों को ढाढ़स देने के लिए नेपाल जाना चाहते हैं। छुट्टियों की भारी भीड़ की वजह से यह मुमकिन नहीं हो पा रहा है। मुंबई बीजेपी ने इस मसले को हाथ में लेते हुए इस बारे में सीधे रेल मंत्री से संपर्क किया। मिश्र ने एनबीटी को बताया कि रेल मंत्री ने 'सकारात्मक' रवैया अपनाते हुए तत्काल उपाय के आदेश दिए हैं।
रेल मंत्री ने अपने आईएएस सचिव डॉ संजीव कुमारन को खुद इस मुद्दे पर नजर रखने का निर्देश दिया है। रेल बोर्ड से बातचीत के दौरान यह तय हुआ है कि नेपाल वासियों को गोरखपुर तक की ट्रेनों में प्राथमिकता दी जाएगी। इस दिशा की ट्रेनों में उनके लिए विशेष डिब्बे लगाए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर विशेष गाड़ी भी चलाने का निर्णय किया गया है। मुंबई बीजेपी ने इस तत्काल कार्रवाई के लिए रेल मंत्री का अभिनंदन किया है।

इधर, सोमवार को नेपाल के लिए निकली डॉक्टरों की चार टीमे मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। स्वास्थ्य सचिव सुजाता सौनिक ने बताया कि पुणे में डॉक्टरों की दो और टीमों को इस काम के लिए तैयार रहने को कहा गया है। शाम तक की जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र से नेपाल गए 1200 पर्यटकों से संपर्क किया जा चुका है। इनमें शाम तक 194 लोग नेपाल से दिल्ली पहुंच चुके थे।

Monday, April 27, 2015

दुकानों पर ब्रैंडेड दूध गोकुल, महानंदा, अमूल, मदर डेयरी और वारणां नहीं

अगले महीने यानी मई से हो सकता है कि मुंबई के लोग भी अपने आस-पास की दुकानों पर ब्रैंडेड दूध गोकुल, महानंदा, अमूल, मदर डेयरी और वारणां नहीं ले पाएंगे। ठाणे में पहले से ही इन 5 ब्रैंड के दूध की बिक्री बंद है। इन कंपनियों द्वारा रिटेलर्स को मिलने वाले कम मार्जिन से नाराज रिटेलर्स अब ठाणे के बाद मुंबई में भी इनकी बिक्री बंद करने का मन बना रहे हैं।

अखिल महाराष्ट्र दूध विक्रेता संघ द्वारा रविवार को आयोजित मुंबई रिटेलर्स के एक कार्यक्रम में संघ ने कहा कि अगर ब्रैंडेड कंपनियां रिटेलर्स को दिए जाने वाले मार्जिन में बढ़ोतरी नहीं करती हैं तो अगले सप्ताह से मुंबई में भी इनकी बिक्री बंद कर दी जाएगी। ये बिक्री तब तक बंद रहेगी जब तक कंपनियां हमारी समस्या नहीं सुलझाएगी।
संघ के सदस्य अमित भुवड ने कहा कि हम शहर में पूरी तरह दूध की बिक्री नहीं बंद करेंगे। इससे ग्राहकों को काफी परेशानी का समाना करना पड़ेगा। हम अपने ग्राहकों को परेशान नहीं करेंगे। हम उनके लिए दूसरी कंपनी के दूध उपलब्ध कराएंगे, पर जब तक ये पांच बड़ी कंपनियां रिटेलर्स को दिए जाने वाला मार्जिन नहीं बढ़ाती, हम लगातार इनका बहिष्कार करते रहेंगे। भुवड ने कहा कि मार्जिन का मुद्दा बहुत पुराना है, कंपनियां अपना दाम तो बढ़ाती हैं पर हमारा मार्जिन नहीं। हमारा मार्जिन नहीं बढ़ाया गया तो हम इन 5 बड़ी कंपनियों के दूध की बिक्री नहीं करेंगे।

Friday, April 24, 2015

एनसीपी ने नवी मुंबई महानगरपालिका की सत्ता पर कब्जा जमा लिया

गुरुवार को घोषित किए गए चुनाव परिणामों में एनसीपी ने फिर नवी मुंबई महानगरपालिका की सत्ता पर लगभग कब्जा जमा लिया है। एनसीपी को कुल 111 में से 53 सीटें मिलीं हैं। नवी मुंबई में सबसे खराब प्रदर्शन बीजेपी का रहा। बीजेपी ने 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसके केवल 6 उम्मीदवार ही जीत पाए। नवी मुंबई में शिवसेना-बीजेपी का गठबंधन था। शिवसेना ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसके 37 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। पिछले चुनाव की तुलना में शिवसेना को इस बार नवी मुंबई में 20 सीटें ज्यादा मिली हैं।

वहीं अंबरनाथ नगरपालिका पर शिवसेना अपना कब्जा बरकरार रखने में कामयाब रही। अंबरनाथ में शिवसेना-बीजेपी अलग-अलग चुनाव लड़ी थीं। यहां बीजेपी का प्रदर्शन इस बार सुधरा है। पिछले चुनाव में उसका एक उम्मीदवार जीता था, लेकिन इस बार उसके 10 उम्मीदवार जीते हैं। कुलगांव बदलापुर नगरपालिका के चुनाव में भी शिवसेना 47 में से 24 सीटें जीतकर नंबर-1 रही है। बदलापुर में तो कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला। इसी तरह, औरंगाबाद महानगरपालिका में भी शिवसेना सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। उसे 29 सीटें मिली हैं। वहां एमआईएम 25 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है।

Thursday, April 16, 2015

दीवाली से पहले नई बसें खरीदे जाने की संभावना

आर्थिक तंगी झेल रहे बेस्ट प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा को बढ़ावा देने के लिए 200 नई बसें खरीदने का निर्णय लिया है। बेस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीएमसी प्रशासन की ओर से बेस्ट विभाग को 100 करोड़ रुपये की निधि अनुदान के तौर पर मिलने वाली है। बेस्ट विभाग को यह निधि मिलते ही नई बसों को खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके तहत सबसे पहले टेंडर मंगाया जाएगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद दीवाली से पहले नई बसें खरीदे जाने की संभावना है।
अधिकारी ने बताया कि फिलहाल बेस्ट के तहत 4,200 बसें आती हैं। हालांकि इसमें से 300 बसों की स्थिति बदतर हो चुकी है। बेस्ट की ओर से कई बार पुरानी बसों को भंगार में निकालने का प्रयास किया गया है। परंतु पैसों की कमी के कारण नई बसों को खरीदने में विलंब हो रहा था। हालांकि अब बीएमसी से मदद मिलने के बाद 200 नई बसें खरीदी जाएंगी और 300 पुरानी बसों को भंगार में भेजा जाएगा।
अधिकारी के मुताबिक, फिलहाल बेस्ट विभाग पर 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। साथ ही बेस्ट द्वारा समय-समय पर अन्य छोटे-छोटे कामों को पूरा करने के लिए बैंक से कर्जा भी लिया जाता है। इसलिए बेस्ट नई बसों को खरीदने में अब तक असमर्थ थी। हालांकि बीएमसी से बार-बार मदद मांगने के बाद अब बेस्ट को 100 करोड़ की राशि मदद के तौर पर मिल रही है। इसलिए अब नई बसें आसानी से खरीदी जा सकेंगी।
बेस्ट सूत्रों के मुताबिक, ए.सी. बसों के कारण बेस्ट को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, इसलिए बेस्ट ने ए.सी. बसें नहीं खरीदने का निर्णय लिया है। बता दें कि फिलहाल बेस्ट के पास करीब 257 ए.सी. बसें हैं। हालांकि बेस्ट समिति की बैठक में बार-बार ए.सी. बसों को बंद करने का आग्रह किया जाता है, परंतु बैठक में चर्चा होने के बाद इस पर कोई निर्णय नहीं होता है।

Wednesday, April 15, 2015

लोकप्रिय ब्रैंड की हूबूह '‌फर्स्ट कॉपी' के 75,000 जोड़े जब्त

कस्टम ने विदेशों में सनग्लास के लोकप्रिय ब्रैंड जैसे रे बेन, प्रादा, लुईस वुईटन, लेकोस्टे, मार्क जैकब, कार्टियर और चोपार्ड की हूबूह '‌फर्स्ट कॉपी' के 75,000 जोड़े जब्त किए हैं। यह धरपकड़ मुंबई पोर्ट ट्रस्ट पर हुई। ये सनग्लास चीन से लाए गए थे।

इनमें से 73,484 सनग्लास रे बेन के हैं। कस्टम अधिकारियों का कहना है कि जब्त सनग्लासेज की कीमत ओपन मार्केट में 25 करोड़ रुपये हो सकती है। कस्टम कमिश्नर का कहना है कि इन सनग्लास का आयात जीनियर ट्रेडिंग कंपनी ने किया था। उनका कहना है कि ये सनग्लॉस टॉप क्वॉलिटी के हैं और पहली नजर में ये असली ही मालूम पड़ते हैं। तस्करी के इस तरीके को देखकर कस्टम को भारी धक्का लगा है, क्योंकि ये सनग्लासेज 40 फीट नीचे समुद्री जहाज के कंटेनर में छुपाए गए थे। अब कस्टम यह जांच कर रही है कि यह कंपनी अब तक कितनी बार इस तरह के उत्पादों की स्मगलिंग कर चुकी है। गौरतलब है कि मुंबई के अनेक इलाकों जैसे- फैशन स्ट्रीट, डीएन रोड, फोर्ट, हीरा पन्ना, ताडदेव एसी मार्केट, बांद्रा की लिंकिंग रोड, दादर आदि में लोकप्रिय विदेशी ब्रैंड के जाली उत्पाद असली उत्पाद बनाकर बड़ी मात्रा में बेचे जाते हैं।

Monday, April 13, 2015

जनता को टोल से मुक्ति - शरद पवार का विरोध

राज्य की जनता को टोल से मुक्ति देने के बीजेपी- शिवसेना सरकार के फैसले का एनसीपी चीफ शरद पवार ने विरोध किया है। शरद पवार का कहना है कि फडणवीस सरकार का यह फैसला गलत है और केवल लोकप्रियता पाने के उद्देश्य से लिया गया है। शरद पवार ने यह बात रविवार को नाशिक में कही। पवार का कहना है कि दुनिया भर में टोल नाके हैं। यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए निजी क्षेत्र से निवेश कराया जाता है।
निजी क्षेत्र का निवेश मिलने से सड़कों को सुधारने का काम तेजी से हो पाता है, अच्छी सड़कों के लिए लोग खुशी से टोल भरते हैं। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में टोल की शुरुआत बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने की थी। अब मौजूदा बीजेपी सरकार ने सिर्फ लोकप्रियता हासिल करने के लिए टोल बंद करने का फैसला किया है। पवार ने सवाल उटाया कि टोल बंद होने के बाद सरकार सड़कों की मरम्मत के लिए लगने वाला पैसा कहां से लाएगी? इसका असर पहले से ही खराब चल रही राज्य की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा। पवार ने टिप्पणी की लोकप्रियता पाने के लिए सड़कों की दुर्दशा करने और लोगों की जान दांव पर लगाने का फैसला सही नहीं है।

बता दें कि शुक्रवार को ही सरकार ने राज्य के 12 चोल नाकों को पूरी तरह बंद किया है और 53 टोल नाकों पर कार-जीप जैसे छोटे वाहनों से टोल वसूली पर रोक लगा दी है।

Friday, April 10, 2015

दगडी चॉल को रिजर्वेशन का कोई खतरा नहीं

दगडी चॉल को लेकर चर्चा का बाजार भले ही गर्म है लेकिन वहां रिजर्वेशन का कोई खतरा नहीं है। डीपी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए डीपी में दगडी चॉल और उसके आसपास के परिसर में कोई आरक्षण नहीं रखा गया है, जबकि सामाजिक संस्थाओं द्वारा बार-बार दावा किया जा रहा है कि दगडी चॉल पर आरक्षण रखा गया है।
बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन दिनों बीएमसी कमिश्नर सीताराम कुंटे डिवेलपमेंट प्लान के कारण काफी परेशान हैं। नए डिवेलपमेंट प्लान को लेकर प्रतिदिन कमिश्नर कुंटे से मिलने तमाम लोग और अलग-अलग संस्थाओं के लोग आते रहते हैं। मुंबईकरों में फिलहाल डीपी को लेकर चर्चा करने की काफी उत्सुकता दिखाई दे रही है, इसलिए इन दिनों कमिश्नर कुंटे मुंबई से संबंधित अन्य विषयों पर कोई विशेष ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, मुंबई के नए डीपी में पानी के नैसर्गिक स्त्रोत, जैसे- तालाब, समुद्र के आसपास के भूखंडों को नो डिवेलपमेंट जोन (एनडीजेड) के तौर पर जाहिर किया गया है। गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई स्थित डी-वॉर्ड में बाणगंगा के पास 1.29 हेक्टेयर, प्रियदर्शनी पार्क स्थित 11.61 हेक्टेयर और राजभवन स्थित 5.3 हेक्टेयर समेत कुल 17 हेक्टेयर जमीन को एनडीजेड दिखाया गया है।

Thursday, April 9, 2015

स्कॉलरशिप में 4,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप

राज्य में अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछडे वर्ग के स्टूडेंट्स को दी जाने वाली स्कॉलरशिप में 4,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप बुधवार को विपक्ष ने लगाया। इस मुद्दे पर हुई बहस के दौरान सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई और एसीबी से कराने की बात कही। माना जा रहा है कि इस जांच से राज्य में कई शिक्षा माफियाओं से चेहरे से नकाब उठेगा। बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक अनिल बाबर, जयंत पाटील, अजित पवार, राजेश टोपे, विरोधी पक्ष नेता राधाकृष्ण विखेपाटील, अतुल भातखलकर व अन्य सदस्यों ने अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्ग के स्टूडेंट्स को दी जाने वाली स्कॉलरशिप की रकम के बारे में सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप की रकम नहीं मिल रही है।
सामाजिक न्याय राज्य मंत्री दिलीप कांबले ने इसका जवाब देते हुए विधानसभा में कहा कि स्कॉलरशिप की रकम हड़पने वाली शैक्षणिक संस्थाओं की जांच सीबीआई और एसीबी को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी वर्ग के हकदार स्टूडेंट्स को सरकार स्कॉलरशिप से वंचित नहीं रहने देगी और शैक्षणिक सत्र खत्म होने से पहले स्कॉलरशिप के आबंटन का प्रबंध करेगी। राज्य मंत्री ने यह भी साफ किया कि जब तक स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप की रकम नहीं दे दी जाती, तब तक राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को यह निर्देश दिए जाएंगे कि वे स्कॉलरशिप के हकदार स्टूडेंट्स से फीस न लें। हालांकि उनके जवाब से विपक्षी विधायक संतुष्ट नहीं हुए। वे सरकार से यह जानकारी देने की मांग कर रहे थे कि कितने साल से और स्कॉलरशिप की कितनी रकम स्टूडेंट्स को नहीं बांटी गई गई है।
ओबीसी छात्रों के क्रीमिलेयर की सीमा भी सरकार ने बढ़ाने का निर्णय लिया है। राज्य मंत्री कांबले ने कहा कि राज्य सरकार ओबीसी छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप की सुविधा का दायरा यानी क्रीमिलेयर 4.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करेगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका एक प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल के सामने रखेंगे। अभी तक सालाना 4.5 लाख रुपये या इससे ज्यादा की आय वाले ओबीसी परिवारों को क्रीमी लेयर का हिस्सा माना जाता रहा है और उन्हें किसी तरह का फायदा नहीं दिया जाता है।


Tuesday, April 7, 2015

छह घंटे में विधेयक बनाकर उसे दोनों सदनों में पारित करने की बधाई

महाराष्ट्र विधानमंडल के इतिहास में शायद ही इस तरह का घटना हुई होगी। दोपहर 12 बजे राज्य सरकार ने तय किया कि उसे जाति पड़ताल से चुनाव लड़ने वालों को राहत देनी है। आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार जाति सर्टिफिकेट चुनाव जीतने के छह महीने बाद जमा करवा सकेंगे। विधानसभा और विधानपरिषद की दिन भर की 'कार्यक्रम पत्रिका' में इसका कोई जिक्र तक नहीं था। विधायकों को दोपहर तक इसकी भनक तक नहीं लगी थी।
सरकार के स्तर पर फैसला हुआ और अधिकारियों की फौज इसके लिए विधेयक बनाने में जुट गई। विधानसभा और विधानपरिषद, दोनों सदनों का राजनीतिक वातावरण तपा हुआ था। परिषद तो दोपहर से भूमि अधिग्रहण पर सरकारी अधिसूचना को लेकर आठ बार स्थगित हो चुकी थी। यहां सभी पक्षों को मंजूर हो सके, ऐसा विधेयक तैयार करके उसे दोनों सदनों में पारित करवाना था। जाति पड़ताल की शर्त रखे जाने की स्थिति को नजरअंदाज करना मुमकिन नहीं था। हुआ यूं था कि स्थानीय निकाय में आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने वाले सैंकड़ों मामलों में जाति सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए। इसके बाद पिछली कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने हर सर्टिफिकेट की पड़ताल के लिए उच्चस्तरीय समिति बना दी थी। समिति का काम इतनी धीमी गति से चल रहा था कि महाराष्ट्र भर में डेढ़ लाख जाति पड़ताल की अर्जियां पेंडिंग हैं। सभी राजनीतिक दलों को इससे परेशानी हो रही थी। आनन-फानन में नए विधेयक का ड्राफ्ट बना। शुरुआत में तय हुआ कि महानगरपालिकाओं में यह सुविधा लागू की जाए। फिर बाकी नगरपालिकाओं में इसकी सुविधा क्यों न दी जाए, यह सवाल उठा, तो एक बार फिर ड्राफ्ट बदला गया। होते-होते यह तय हुआ कि जिला परिषदों और पंचायतों को यह सुविधा क्यों न दी जाए। शाम होते-होते कई प्रारूप बदले जाने के बाद विधेयक बनकर तैयार हुआ।

विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री गिरीश बापट ने सदन को बताया कि विधानपरिषद में विधेयक पर चर्चा हो रही है। जबकि परिषद में हंगामा कायम रहा और विधानसभा विधेयक पारित करके दिन भर के लिए स्थगित हो गई। तब तक चर्चा नहीं हो पाई। वरिष्ठ मंत्री एकनाथ खडसे ने विधेयक सदन में रखने का काफी प्रयास किया, मगर वे सफल नहीं सके। देर शाम शोरगुल और हंगामे के बीच बिना किसी चर्चा के विधानपरिषद में उपसभापति वसंत डावखरे ने विधेयक पारित होने की घोषणा की। विधेयक के लिए दिन भर जुटे पड़े मंत्री समूह और वरिष्ठ अधिकारियों के मुरझाए चेहरे खिल उठे। छह घंटे में विधेयक बनाकर उसे दोनों सदनों में पारित करने की बधाई एक-दूसरे देते हुए विधानभवन से हंसते-मुस्कुराते घरों को रवाना हुए।-महानगरपालिका, नगरपालिका, जिला परिषद और पंचायतों की आरक्षित सीटों पर चुने जनप्रतिनिधियों को रियायत-चुनाव जीतने के छह महीने बाद जाति पड़ताल सर्टिफिकेट जमा कराने की छूट-यह रियायत 2017 तक के स्थानीय निकाय चुनावों तक लागू रहेगी।
'
यह वास्तव में एक तरह का इतिहास रचा गया है। दोपहर 12 बजे से हम (अधिकारी) इस काम में जुटे हुए थे। विधेयक दोनों सदनों में पारित होने के बाद मन को संतोष हुआ।'

Monday, April 6, 2015

मुंबई में हवा की गुणवत्ता अगले कुछ दिनों में 'बहुत खराब' होगी

पिछले सप्ताह खाड़ी देशों से चले धूल भरे तूफान के चलते दिल्ली और मुंबई में हवा की गुणवत्ता अगले कुछ दिनों में 'बहुत खराब' होगी। खासकर मंगलवार और बुधवार को ऐसी हवा चलेगी, जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होगी।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाले सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकॉस्टिंग ऐंड रिसर्च (साफार) के अनुसार, ऐसा एक बड़े धूल भरे तूफान के कारण होगा, जो पिछले सप्ताह के शुरू में खाड़ी क्षेत्र में बना था और जो अब अरब सागर को पार कर गया है। मुंबई के कोलाबा क्षेत्र स्थित साफार केंद्र से एकत्र आंकड़े के मुताबिक, तूफान ने आज मुंबई में पीएम10 और पीएम2.5 के स्तर को काफी बढ़ा दिया है।
तूफान की दिशा मुंबई, नासिक और उत्तर महाराष्ट्र के हिस्से की ओर है। आशंका है कि इससे पीएम2.5 कणों का स्तर मंगलवार और बुधवार तक बढ़ जाएगा। यानी ऐसे धूलकण जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम होता है, वातावरण में बढ़ जाएंगे और सांस लेते समय आसानी से फेफड़े में चले जाएंगे।
ईएसएसओ-आईआईटीएम पुणे में साफार के डायरेक्टर गुफरान बेग ने कहा कि पीएम2.5 के स्तर में 30 से 40% की बढ़ोतरी होने की आशंका है, जबकि पीएम10 कणों में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। बेग ने कहा कि इसके साथ ही साफार मॉडल के पूर्वानुमान के अनुसार दिल्ली में वायु की गुणवत्ता मंगलवार और बुधवार को खराब से बहुत खराब होगी और पीएम 2.5 का स्‍तर 130-150 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रहने का अनुमान है। हालांकि इससे सर्वाधिक प्रभावित मुंबई ही होगी।

Saturday, April 4, 2015

बीजेपी और शिवसेना में खींचतान

बीएमसी में जल्द ही स्थायी, बेस्ट, शिक्षण और सुधार इन चार महत्वपूर्ण समितियों के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने वाला है। इसके लिए शनिवार को संबंधित चुनाव में हिस्सा लेने वाले सभी उम्मीदवार अपना नामांकन फॉर्म भरेंगे। स्थायी और शिक्षण समिति के अध्यक्ष पद का चुनाव 6 अप्रैल को, तो बेस्ट व सुधार समिति के अध्यक्ष पद का चुनाव 8 अप्रैल को होगा। इसमें स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर अगर बीजेपी और शिवसेना में खींचतान हुई तो उसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है 
शिवसेना के एक नगरसेवक ने बताया कि फिलहाल 6 अप्रैल को होने वाले स्थायी समिति अध्यक्ष पद के चुनाव में वर्तमान अध्यक्ष यशोधर फणसे को एक बार फिर से मौका मिलने की संभावना है। चुनाव में उनकी उम्मीदवारी मजबूत मानी जा रही है क्योंकि फणसे को इस पद पर बने रहने के लिए मातोश्री से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना और बीजेपी में स्थायी समिति के अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी पाने के लिए फिलहाल खींचतान जारी है। अगर शिवसेना की ओर से बीजेपी को ग्रीन सिग्नल मिलता है तो इस बार बीजेपी का नगरसेवक स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर विराजमान हो सकता है। बीएमसी सूत्रों की मानें, तो बीजेपी ने इससे पहले भी कई बार शिवसेना से स्थायी समिति के अध्यक्ष पद की मांग की थी, परंतु हर बार शिवसेना ने इस पद को देने से इनकार कर दिया।
लेकिन इस बार राज्य और केंद्र में बीजेपी की सत्ता है इसलिए बीएमसी के इस मलाईदार पद पर बीजेपी की नजर है। साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि शनिवार को बीजेपी का उम्मीदवार शिवसेना को जानकारी दिए बिना ही स्थायी समिति के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भर सकता है।
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार को शिवसेना और बीजेपी के बीच चल रहे मतभेद का फायदा मिल सकता है, क्योंकि बीजेपी को स्थायी समिति के अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी न मिलने की स्थिति में उनका समर्थन कांग्रेस की झोली में जा सकता है। बीजेपी-शिवसेना की इस आपसी खींचतान के चलते कांग्रेस का उम्मीदवार भी जीत हासिल कर सकता है।
हाल ही में एमएनएस नेता संदीप देशपांडे ने बीएमसी मेयर स्नेहल आंबेकर का स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसके चलते इन दिनों बीएमसी में शिवसेना और एमएनएस के बीच काफी तनाव चल रहा है। इस सब के चलते इस चुनाव में शिवसेना को एमएनएस के नगरसेवकों का समर्थन मिलना मुश्किल ही दिखाई दे रहा है। इस कारण एमएनएस का समर्थन कांग्रेस को मिलने की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस को एनसीपी का समर्थन भी पहले से ही प्राप्त है।
इस कारण इन दिनों बीएमसी के गलियारों में चर्चा गर्म है कि शिवसेना, बीजेपी और एमएनएस की गहमागहमी का फायदा कांग्रेस के उम्मीदवार को मिल सकता है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, बीएमसी स्थायी समिति के अध्यक्ष पद के लिए वकारूनिशा अंसारी, बेस्ट के लिए सुनील मोरे, शिक्षण के लिए बिन्नी डिसूजा और सुधार समिति के अध्यक्ष पद के लिए अजंता यादव शनिवार को अपना नामांकन फॉर्म भर सकते हैं।
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल अध्यक्ष पद पर विराजमान अध्यक्षों को एक बार फिर से मौका मिलने की संभावना जताई जा सकती है। इसके तहत स्थायी समिति में यशोधर फणसे, बेस्ट में अरुण दुधवडकर, शिक्षण में विनोद शेलार और सुधार में उज्ज्वला मोडक को एक बार फिर से मौका मिल सकता है

Thursday, April 2, 2015

स्थानीय लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी

वसई पश्चिम स्थित पापड़ी गांव में एक जूलर द्वारा स्थानीय लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी कर फरार होने का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि जूलर ने लगभग चार करोड़ रुपए की ठगी की है। पुलिस ने 50 से अधिक लोगों की शिकायत पर जूलर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस के अनुसार वसई पश्चिम में पापडी गांव निवासी राकेश भंडारी पापडी नाका पर 10 साल से जूलरी शॉप चलाता था। उसने स्थानीय लोगों को नई-नई स्कीम बताकर उनसे सोने-चांदी और लाखों रुपये ऐंठे और 25 मार्च को फरार हो गया। दो दिन दुकान बंद देख लोगों ने हंगामा मचाया और राकेश के घर पहुंचे। उसकी पत्नी से पूछताछ की तो पता चला कि उसने उसी दिन पति के लापता होने की रिपोर्ट वसई पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। इसके बाद स्थानीय लोग पुलिस स्टेशन पहुंचे और राकेश के खिलाफ 50 से अधिक लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कराया।