Tuesday, July 12, 2011

नौकरी गंवाने वाले कपड़ा मिल कामगारों को जल्द से जल्द आवास मिलने चाहिए।

शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि 1980 में हुई हड़तालों के बाद नौकरी गंवाने वाले कपड़ा मिल कामगारों को जल्द से जल्द आवास मिलने चाहिए। उन्होंने ये बातें मिल कामगार संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कहीं। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि उसके पास इन कामगारों के लिए तो आवास नहीं हैं , मगर शहर में अवैध रूप से दाखिल होने वाले बांग्लादेशी नागरिकों तथा अन्य लोगों के लिए हैं। उद्धव ने कहा कि वे इन लोगों की मांग को विधानसभा व लोकसभा में भी उठाएंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के मुंबई में रह रहे अपने राज्य के लोगों के लिए स्थायी आवास की मांग को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

Tuesday, July 5, 2011

डायरेक्टर-प्रड्यूसर रामगोपाल वर्मा ने कहा है कि वह अपनी अगली फिल्म में मारिया को बतौर हिरोइन मौका देना चाहते हैं।

शिवसेना और एमएनएस ने चेतावनी दी है कि नीरज ग्रोवर हत्या मामले की दोषी मारिया सुसैराज को मौका देने वाले फिल्म निर्माताओं और टेलिविजन चैनलों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। गौरतलब है कि डायरेक्टर-प्रड्यूसर रामगोपाल वर्मा ने कहा है कि वह अपनी अगली फिल्म में मारिया को बतौर हिरोइन मौका देना चाहते हैं। इसके साथ ही मारिया के बिग बॉस के अगले सीजन में हिस्सा लेने का लेकर भी चर्चाएं थीं। लेकिन इस रिऐलिटी शो का प्रसारण करने वाले कलर्स चैनल ने इन अटकलों को कल खारिज कर दिया है। रामगोपाल वर्मा के ऑफर पर शिवसेना समर्थक भारतीय चित्रपट सेना के अध्यक्ष अभिजीत पनसे ने कहा, 'वर्मा एक बड़े डायरेक्टर हैं। लेकिन उनकी फिल्में नहीं चल रही हैं इसलिए वह प्रचार के ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं।' पनसे ने चेतावनी दी कि यदि किसी भी फिल्म प्रड्यूसर ने मारिया को अपनी फिल्म में लिया तो उसे शिवसेना स्टाइल के विरोध का सामना करना पड़ेगा। रिऐलिटी शो में मारिया को मौका देने पर उन्होंने कहा, 'टेलिविजन शो में आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को मौका देने का चलन चल पड़ा है, जैसे बिग बॉस-4 में बंटी चोर को मौका दिया गया था।' महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना सिने वर्कर्स असोसिएशन ने भी मारिया को बिग बॉस में मौका देने का विरोध किया। असोसिएशन के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने कहा, 'मारिया कीआपराधिक पृष्ठभूमि है। इसलिए हम उसे फिल्मों में नहीं देखना चाहते।'

Monday, July 4, 2011

महंगाई ने खाना-पीना और जीना सब मुश्किल कर दिया

महंगाई ने खाना-पीना और जीना सब मुश्किल कर दिया है। ऊपर से मॉनसून का इफेक्ट किचन के बजट को डांवाडोल किए दे रहा है। मॉनसून में सब्जियों की आवक घटने से किचन में सब्जियों की कमी तो महसूस की ही जा रही है, लेकिन जो सब्जी आ भी रही है उसके लिए ज्यादा दाम चुकाने पड़ रहे हैं। कौन सी सब्जियों के दाम बढ़े हैं, किस-किस सब्जी के दाम घटे हैं और किस के दाम स्थिर हैं इसी पर पेश है वाशी की थोक सब्जी मंडी से हमारी रिपोर्ट:- बरसात का मौसम आ जाने से जहां कुछ सब्जियों के भाव काफी कम कम हो गए हैं, तो कई सब्जियों के भाव आसमान छूने लगे हैं। वाशी थोक मंडी में इस दिनों रोज करीब 400 से 500 गाडि़यों में सब्जियों की आवक हो रही है। वाशी थोक मंडी के व्यापारी ज्ञानेश्वर ढेंबरे के अनुसार जिन सब्जियों पर बरसात की मार पड़ी है, उनके दाम लगभग 40 से 50 फीसदी बढ़ गए हैं और जिन सब्जियों की आवक बढ़ गई है, उनके दाम 20 से 30 फीसदी तक कम हो गए हैं। थोक व्यापारियों का कहना है कि कम मात्रा में आ रही सब्जियों के दाम अभी और ऊपर उठेंगे। वाशी थोक मंडी से ठाणे शहर के कई उपनगरों में सब्जी लाकर बेचने वाले खुदरा व्यापारी लालजी राजाराम गुप्ता ने बताया कि डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से खुदरा व्यापारियों को भारी नुकसान होता है। ऊपर से सेल्स-मैन की कमी और उनका भी लगातार बढ़ता खर्च बजट बिगाड़ देता है। नहीं बिक सकीं सब्जियों को फेंकने से भी खुदरा कारोबारियों को घाटा उठाना पड़ता है। यदि सरकार जगह-जगह कोल्ड स्टोरेज स्थापित कर दे, तो नुकसान को कम किया जा सकता है। बारिश की मार से जिन सब्जियों की आवक थोक मंडी में घट गई है, उनमें ककड़ी, लौकी, टमाटर, धनिया, फूल गोभी, पालकी, मेथी, प्याज, सूरन, भिंडी, शिमला मिर्च और हरी मटर जैसी सब्जियां शामिल हैं। थोक व्यापारियों के अनुसार जल्द ही यदि इन सब्जियों की आवक नहीं बढ़ी, तो कीमतों में फिर से 20 से 40 फीसदी तक की वृद्धि हो जाएगी। इस समय जिन सब्जियों की पर्याप्त मात्रा में आवक हो रही है , उनमें गाजर , बैंगन , शेंगा ( सहिजन ), कोंहड़ा ( भोपला ) लाल , परवर कलकत्ता , घेवडा हरा और गवार शामिल हैं। व्यापारियों के अनुसार यदि मांग और आपूर्ति में संतुलन इसी तरह बना रहा , तो इनके दाम भी या तो स्थिर रहेंगे , या फिर घट जाएंगे। तोंडली ( कुनुरु ), पापड़ी , बींस , अदरक , करेला , चवली , कच्ची मूंगफली , तरोई , नेनुआ ( गलका ) आदि सब्जियां शामिल हैं। फिलहाल , इन सब्जियों के भाव थोक मंडी में स्थिर रहने की स्थिति दिख रही है।