Tuesday, May 28, 2013

शाहिद कपूर की मां नीलिमा अजीम मुश्किल में फंस गई



बॉलिवुड ऐक्टर शाहिद कपूर की मां नीलिमा अजीम मुश्किल में फंस गई हैं। फिल्म प्रड्यूसर राजेश व्यास ने शाहिद की मां नीलिमा पर धोखाधड़ी, विश्वासघात और धमकी देने का केस दर्ज करवाया है।

राजेश के वकील नीरज गुप्ता ने एनबीटी को बताया कि वे पहले यह शिकायत लेकर अंबोली पुलिस स्टेशन गए थे , लेकिन उनकी शिकायत पुलिस ने दर्ज नहीं की। इस पर वे कोर्ट गए और अंधेरी कोर्ट में आईपीसी की धारा 420, 406 और 506 के तहत मामला दर्ज कराया। इस मामले में अगली सुनवाई 12 जून को होगी।

गुप्ता के अनुसार, 'राजेश ने नीलिमा के साथ एक अग्रीमेंट साइन किया था, जिसके तहत नीलिमा को एक फिल्म का निर्देशन करना था। इसके एवज में उन्होंने राजेश से 63 लाख रुपये मांगे। अडवांस के तौर पर राजेश ने उन्हें 2009 में 16 लाख रुपये दे दिए। नीलिमा इस फिल्म में लीड रोल के लिए प्रियंका चोपड़ा और इमरान हाशमी को कास्ट करने वाली थीं, लेकिन वे उन्हें साइन नहीं करवा पाईं।

Thursday, May 23, 2013

श्रीनिवासन चेन्नै सुपरकिंग के ओनर भी हैं


मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा अरेस्ट फिल्म अभिनेता विंदू दारा सिंह बीसीसीआई चीफ एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन से पांच साल से संपर्क में था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। श्रीनिवासन चेन्नै सुपरकिंग के ओनर भी हैं। क्राइम ब्रांच चीफ हिमांशु राय ने इस बारे में अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि क्या विंदू के इस खुलासे के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच गुरुनाथ को समन भेजेगी। वैसे, विंदू ने क्राइम ब्रांच अधिकारियों से कहा कि गुरुनाथ का क्रिकेट बेटिंग या स्पॉट फिक्सिंग से कोई लेना-देना नहीं है।
विंदू का दावा है कि फिक्सिंग तो छोडि़ए, गुरुनाथ को क्रिकेट की एबीसीडी का भी पता नहीं है। मुंबई क्राइम ब्रांच को विंदू की यह बात हजम नहीं हो रही है। विंदू ने क्राइम ब्रांच टीम को बताया कि करीब पांच साल पहले चेन्नै में एक बड़ी पार्टी में गुरुनाथ से उसकी पहचान हुई, जो धीरे -धीरे गहरी दोस्ती में बदल गई। फिर विंदू की चेन्नै सुपर किंग के ड्रेसिंग रूम में डायरेक्ट एंट्रि होने लगी। मुंबई क्राइम ब्रांच को शक है कि ड्रेसिंग रूम में सीधी पहुंच की बदौलत विंदू मैच से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं बड़े सटोरियों को देता था। ये सूचनाएं उसके भी बहुत काम आती थीं, क्योंकि खुद वह एक बड़ा बुकी था। उसका जैक नाम से सट्टा अकाउंट था। वह पंटरों से भाव लेकर जुपिटर, पवन और संजय जयपुर नामक बड़े बुकीज के जरिए भी सट्टा खेलता था और बदले में वह इन बड़े बुकीज से दूसरे पंटरों की रकम उन तक पहुंचाने के बदले में एक पर्सेंट कमिशन लेता था। वह करीब आठ साल से इन बड़े बुकीज के संपर्क में था। इन्हीं की मदद से वह इस आईपीएल में 17 लाख रुपये जीत चुका था।






Monday, May 13, 2013

किलो शक्कर 41 रुपये में देने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन 40 रुपये में खरीद कर बीएमसी ने 90,000 रुपये बचा लिए


एक आम आदमी बाजार से शक्कर खरीदता है तो उसे प्रति किलो 36 रुपये देने पड़ते हैं, लेकिन देश की सबसे बड़ी महानगरपालिका थोक में खरीदने के बावजूद एक किलो शक्कर 40 रुपये में खरीद रही है। बीएमसी की स्थायी समिति ने हाल ही में 900 क्विंटल शक्कर 40 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदने के प्रस्ताव को अपनी सहमति दे दी। आम तौर पर जब आप कोई सामान थोक में लेते हैं, तो निश्चित दर से काफी कम में मिल जाता है। 

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) अपने अस्पतालों और प्रसूतिगृहों की रसोई के लिए हर साल अनाज खरीदती है। इसी के तहत बीएमसी 900 क्विंटल शक्कर खरीदने वाली है। बीएमसी ने शक्कर के साथ गेहूं और चावल खरीदने के लिए भी निविदा मंगवाई थी। इसमें से शक्कर आपूर्ति के लिए सिर्फ दो कंपनियां सामने आईं। किफायत करने के बजाय प्रशासन ने 40 रुपये में कंपनी को ठेका देना मंजूर कर लिया। वहीं, बीएमसी 900 क्विंटल शक्कर के अलावा 1400 क्विंटल गेहूं और 2400 क्विंटल चावल खरीदने वाली है। इस पूरी खरीदी पर 1 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च होंगे। उधर, प्रशासन इस मामले में सफाई दे रहा है कि संबंधित कंपनी ने तो एक किलो शक्कर 41 रुपये में देने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन 40 रुपये में खरीद कर बीएमसी ने 90,000 रुपये बचा लिए हैं।

Friday, May 3, 2013

मराठा जाति को आरक्षण देने के विरोधी नहीं

एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने स्पष्ट किया है कि वे मराठा जाति को आरक्षण देने के विरोधी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा कांग्रेस-एनसीपी सरकार वास्तव में मराठों को आरक्षण देना ही नहीं चाहती। वह तो सिर्फ 'राजनीतिक खेल' खेल रही है। 

जड़ पर हमलाः महाराष्ट्र सरकार में मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और उपमुख्यमंत्री अजित पवार, दोनों ही मराठा है और कैबिनेट के अधिकांश मंत्री भी मराठा जाति से हैं। शक्कर कारखानों और महाराष्ट्र की सामाजिक, राजनीति और आर्थिक दुनिया में प्रबल हस्तक्षेप रखने वाली जाति कांग्रेस-एनसीपी, दोनों ही मुख्य आधार हैं। दर्जन भर युवा मराठा संगठनों से आरक्षण के लिए आंदोलन छेड़ रखा है। दलित रिपब्लिकन नेता रामदास आठवले ने खुले तौर पर मराठों का आरक्षण देने के लिए मोर्चा थाम लिया। ऐसे राज का बयान काफी मायने रखता है। 

ऐंटि ठाकरे लाइनः शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने सभी तरह के जातिगत आरक्षण का अपने जीवन में खुलकर विरोध किया। लगभग सभी जातियों के कमजोर कार्यकर्ताओं की फौज उन्होंने शिवसेना के तौर पर खड़ी की। इस विरासत से मुंह मोड़ते हुए राज का आरक्षण-समर्थन बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।