Monday, May 5, 2014

गुजरातियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले ने नया मोड़

शिव सेना के मुखपत्र सामना में छपे एक संपादकीय में गुजरातियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। शिव सेना के प्रेजिडेंट उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने उस संपादकीय का समर्थन किया है, जिसमें गुजरातियों की आलोचना करते हुए लिखा गया था कि वे महाराष्ट्र के साथ खड़े नहीं हुए। 
पिछले दिनों सामना के मुखपत्र में एक संपादकीय छपा था, जिसमें मुंबई के गुजरातियों पर कॉमेंट किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस संपादकीय में कहा गया था कि गुजरातियों ने मुंबई का वेश्या की तरह शोषण किया है। इस मामले पर बवाल बढ़ने के बाद उद्धव ठाकरे ने बयान जारी किया था कि लेख का मतलब यह नहीं था और इसे तो गुजराती और मराठी लोगों के बीच एकता लाने के लिए लिखा गया था।
 
कहा जा रहा था कि उद्धव इस लेख को लेकर सामना के एग्जेक्यूटिव एडिटर संजय राउस से नाराज भी हैं। मगर अब उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे राउत के बचाव में उतर आए है। रविवार को सामना के एक संपादकीय में बताया गया कि आदित्य ठाकरे ने ट्विटर पर उस संपादकीय का समर्थन किया है। सामना के संपादकीय में लिखा है, 'आदित्य ठाकरे ने सामना के संपादकीय का खुलकर समर्थन किया है।'
 
संपादकीय के मुताबिक आदित्य ने कहा, 'सामना के उस संपादकीय का मकसद मुंबई के गुजरातियों को अपमानित करना नहीं था, बल्कि ट्रांसलेशन में किसी तरह की चूक हो गई थी। इसका इरादा किसी पर हमला करना नहीं था। इसका मतलब यह था कि गुजराती और मराठी लोगों की तरक्की इसी में है कि वे मिलकर महाराष्ट्र के विकास में योगदान दें।'
 
आदित्य ने यह भी कहा कि मुंबई में रह रही गुजराती कम्यूनिटी को इस बात का अहसास होना चाहिए कि यह शहर उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि है और इस बात का स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया में कुछ लोग सामना के संपादकीय का गलत ट्रांसलेशन कर रहे हैं।

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