बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से हल्के मोटर वाहनों को टोल
मुक्त करने के निर्णय पर पुन: विचार करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि
यदि आप इस पर पुन: विचार नहीं करना चाहते तो हम आपके लिए निर्णय लेंगे।
गौरतलब है कि सायन-पनवेल टोलवेज
प्रा.लि. ने सायन-पनवेल टोल प्लाजा से गुजरने वाले हल्के वाहनों से टोल न लेने के
निर्णय को चुनौती दी है। कोर्ट ने पूछा है कि सरकार की इस छूट से जहां पब्लिक को
फायदा होगा, वहीं सरकार को नुकसान होगा क्योंकि
भविष्य में सरकार विकास कार्य कैसे कर सकेगी। इन कामों के लिए धन की जरूरत होती
है। कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि आपने किस आधार पर छोटे वाहनों को इस टोल से
मुक्त किया है। बता
दें कि सरकार ने जनवरी में एक नोटिफिकेशन निकालकर आसपास के गांवों के नागरिकों को
इस टोल से मुक्त रखा था। कोर्ट का कहना है कि इन गांववालों के लिए यह छूट देना समझ
में आता है, लेकिन हल्के वाहनों को छूट देना
समझ से बाहर है।
कोर्ट ने कहा कि जो कंपनी टोल प्लाजा को संभाल रही है, उसे जब इस टोल लेने से दूर रखा जाएगा तो उसे सरकार को हर्जाना देना होगा। अर्थात सरकार पर दोहरी मार पड़ेगी। यह सब सरकार क्यों वहन करे? कोर्ट ने सरकार से एक सप्ताह में इस पर जबाव देने को कहा है।
कोर्ट ने कहा कि जो कंपनी टोल प्लाजा को संभाल रही है, उसे जब इस टोल लेने से दूर रखा जाएगा तो उसे सरकार को हर्जाना देना होगा। अर्थात सरकार पर दोहरी मार पड़ेगी। यह सब सरकार क्यों वहन करे? कोर्ट ने सरकार से एक सप्ताह में इस पर जबाव देने को कहा है।
No comments:
Post a Comment