सूखाग्रस्त मराठवाड़ा के हालात की समीक्षा करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल
(कैबिनेट) की बैठक बुलाई जाएगी । यह घोषणा रविवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बैठक सितंबर के पहले सप्ताह में होगी। यह बात उन्होंने
रविवार को औरंगाबाद में मराठवाडा के सभी जिलों की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक
में कही। यह बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुलाई गई थी। इस बैठक में
मुख्यमंत्री के साथ राज्य के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे भी मौजूद थे। इस बैठक में
सूखाग्रस्त मराठवाडा के शहरों और गांवों को पानी की आपूर्ति किस तरह से की जाए इस
पर चर्चा की गई। चर्चा के दौरान रेलवे से पानी सप्लाई के विकल्प पर भी चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि वे खुद जल्दी ही मराठवाडा का दौरा करेंगे और हालात
का जायजा लेंगे।
मराठवाडा का तीन दिन का दौरा करके
के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने रविवार को पार्टी मुख्यालय में अपने पार्टी
पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा
कि उन्होंने अपने दौरे में मराठवाडा की जो स्थिति देखी है उससे वे सरकार को अवगत
कराएंगे। बैठक में मराठवाडा के लिए सरकार से विशेष मांगों की एक फेहरिस्त तैयार की
गई है। जिसमें सरकार से किसानों के कर्ज तुरंत माफ करने और पेयजल की आपूर्ति तुरंत
शुरू करने की मांग की जाएगी। इसके अलावा किसानों के बच्चों की स्कूली फीस माफ करने, किसानों के बिजली बिल
माफ करने तथा किसानों के खेतों पर मनरेगा योजना लागू किए जाने की मांग भी की
जाएगी।
एनसीपी के प्रदेशाध्यक्ष सुनील
तटकरे ने कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार किसानों की परेशानी की अनदेखी कर रही है।
इसलिए किसानों की समस्याओं को रेखांकित करने के लिए एनसीपी 14 सितंबर को सूखा
प्रभावित मराठवाडा में जेल भरो आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी के
कार्यकर्ता जिलाधिकारी और तहसीलदारों के कार्यालयों पर भी प्रदर्शन करेंगे। एनसीपी नेता और विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय
मुंडे ने कहा कि राज्य की 355 तहसीलों
में से आधे से ज्यादा तहसीलों में पानी की किल्लत है। पिछली साल इतनी खराब स्थिति
नहीं थी, इसके
बावजूद कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने 148 तहसीलों को प्रभावित तहसील घोषित किया था। यह फैसला अगस्त
महीने में ले लिया गया था इसलिए किसानों को इसका लाभ मिल सका, लेकिन वर्तमान सरकार और
उसके मंत्री तो लगता है कि कहीं गायब हो गए हैं। सरकार गंभीरता को नजरअंदाज कर रही
है। राजस्व मंत्री को ही नहीं पता कि वास्तविक स्थिति क्या है। सरकार सितंबर में
कैबिनेट की बैठक की बात कह रही है। लगता है कि सरकार टाइम पास कर रही है।
सूखाग्रस्त मराठवाडा के शहर औरंगाबाद में रविवार को
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की समन्वय बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक
में भाग लेने के लिए राज्य और केंद्र के कई मंत्री औरंगाबाद पहुंचे थे। इस पर भी
विपक्ष ने तंज कसा है। विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि मराठवाडा के
सूखाग्रस्त इलाकों का दौरा करने के लिए बीजेपी का कोई मंत्री नहीं आया, लेकिन संघ की बैठक के
लिए मंत्रियों की लाइन लग गई।
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