महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष नितिन गडकरी की कार में एक बच्ची की हत्या के केस में गुरुवार को
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष नितिन गडकरी की कार में एक बच्ची की हत्या के केस में गुरुवार को पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया कि कार किसी और की थी। जजों ने मामले की जांच में कोताही के लिए पुलिस की खिंचाई की। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि जिस कार में योगिता नामक बच्ची का शव पाया गया, उसके मालिक पूर्ति शुगर फैक्ट्री के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर दीवे हैं, न कि नीतिन गडकरी। दीवे गडकरी के करीबी सहयोगी हैं। हाई कोर्ट ने पूछा कि इस बारे में कार के मालिक का बयान तुरंत क्यों नहीं दर्ज किया गया। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि कार मालिक दिल्ली में थे। बेंच ने कहा, इसका मतलब यह नहीं कि उनका बयान दर्ज नहीं किया जा सकता था। जांच अधिकारी को दीवे को नोटिस जारी करना चाहिए था। लेकिन कोर्ट के निर्देश के बावजूद बयान दर्ज करने में यह देरी क्यों हुई? बेंच ने पुलिस से 29 जून तक जांच पूरी करने को कहा और अगली सुनवाई के लिए 1 जुलाई की तारीख मुकर्रर की।
बेंच ने कहा कि ड्राइवर मनोहर पनसे ने पहले कहा था कि कार का सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम काम नहीं कर रहा था। अगर सिस्टम काम नहीं कर रहा था तो इससे दरवाजा कैसे खुल या बंद हो सकता था। ऐसे में यह हाथों से ही संभव है। पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा कि 20 मई को लड़की की मां ने एसयूवी गाड़ी और उसके नंबर की पहचान की थी, लेकिन बाद में जांच के दौरान गाड़ी का नंबर और उसका मेक बदल दिया गया।
Friday, June 19, 2009
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