तीस सितंबर को आने वाले अयोध्या विवाद के फैसले के मद्देनजर देश की निगाहें पर लखनऊ पर गड़ गई हैं। सेंटर पॉइंट लखनऊ होने के कारण इसे यूपी की सीएम मायावती की अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। सरकार ने फैसले के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है। अयोध्या की तरह ही वेस्टर्न यूपी में लॉ एंड ऑर्डर पर नजर रखने के लिए मेरठ में एक प्लेन/हेलिकॉप्टर तैनात किया जा चुका है जबकि एक अन्य प्लेन/हेलिकॉप्टर ईस्ट यूपी के लिए रिजर्व है। जरूरत पड़ने पर लखनऊ में एयरफोर्स के प्लेन-हेलिकॉप्टर कुछ वक्त के भीतर उपलब्ध हो जाएंगे। इसी तरह 10 मिनट के नोटिस पर सुरक्षाबल कहीं भी पहुंच सकेंगे। इमरजेंसी प्लान के तहत नेपाल बॉर्डर सहित यूपी के एयर-रेल और रोड ट्रांसपोर्ट पर केंद्रीय और राज्य की खुफिया एजेंसियों की सीधी नजर होगी। मायावती को मालूम है कि अगर फैसला आने के बाद कानून-व्यवस्था से जुड़ी कोई समस्या पैदा होती है तो विपक्षी पाटिर्यां इसे तूल देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। ऐसे में सरकार किसी तरह की कोताही बरतते नहीं दिखना चाहती। बंद रहेंगी वाइन शॉप : अयोध्या विवाद पर आने वाले फैसले के मद्देनजर प्रदेश में शराब की दुकानों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसी तरह की खुशी मनाने या आतिशबाजी करने पर भी रोक होगी। जहां तक मीडिया का सवाल है तो कलेक्ट्रेट परिसर में बनाए गए मीडिया सेंटर में ही अयोध्या केस से जुड़े पक्षकारों और वकीलों से बातचीत की जा सकेगी।
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