सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने सोने की जूलरी निर्यात करने वाले ग्यारह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन सभी ने अपनी कंपनियों को मिलाकर सरकार द्वारा नियंत्रित मिनरल स्क्रेप ट्रेडिंग कापोर्रेशन (एमएसटीसी) को 480 करोड़ रुपये का चुना लगाया। जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उनमें से सबसे मुख्य नाम जयेश देसाई का है। जांच के दौरान यह भी पता चला कि जयेश देसाई और उसके साथियों ने पहले भी स्क्रेप ट्रेडिंग कापोर्रेशन को 350 करोड़ का चूना लगाया है। सीबीआई इस पहलू पर भी जांच कर रही है। दरअसल दुबई में सोना निर्यात करने के लिए इन लोगों ने अपनी 6 कंपनियों का नाम और इन्वोइस एमएसटीसी को सौपा, साथ ही दुबई में जिस पार्टी को सोना निर्यात किया जाना है उसका एश्योरेंस लेटर भी एमएसटीसी को दे दिया। 600 करोड़ रुपये के सोने का निर्यात करने के एवज में एमएसटीसी की तरफ से 480 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी भी मिल गई जो की कुल रकम का 80 प्रतिशत होती है। दूसरी तरफ दुबई में सोना एक्सपोर्ट भी कर दिया गया। दुबई में उस सोने को ओपन माकेर्ट में बेचकर ये लोग हवाला के जरिए 600 करोड़ भारत ले आए। उसके अलावा एमएसटीसी से ली गई 480 करोड़ की लिक्विडिटी की रकम को महाराष्ट्र के पेण के आस-पास जमीन खरीदने में निवेश कर दिया। लिक्विडिटी की रकम को 170 दिनों में लौटना होता है मगर 170 दिनों से भी ज्यादा दिन हो गए अभी तक कोई भी रकम एमएसटीसी को नहीं लौटाई और ना ही एमएसटीसी की तरफ से कोई कार्रवाई की गई। सीबीआई जांच में पता चला की एक्सपोर्ट और इंपोर्ट करने वाली दोनों पार्टियां एक ही हैं। संदेह का दायरा और बढ़ गया जब एमएसटीसी की तरफ से लेटर ऑफ क्रेडिट भी नहीं मांगा गया। इस मामले में अभी और खुलासे होने बाकी है। फिलहाल सीबीआई भुज, अहमदाबाद, रायगढ़ और कोलकाता में इन लोगों के ठिकानों पर छानबीन कर रही है।
Saturday, October 30, 2010
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