बॉम्बे हाईकोर्ट ने जबरन दूर किए गए पति-पत्नी को मिलाया और फैसला सुनाया की कानून की दृष्टि से दोनों पति-पत्नी हैं। इस मामले में पति महाराष्ट्र का है और पत्नी झारखंड की। लड़की वालों का विरोध होने के बाद भी गत माह दोनों ने विवाह कर लिया था। इसके बाद 22 साल की लड़की को उसके पिता और भाई वापस होम टाउन बोकारो ले गए। जब पत्नी नहीं लौटी तो 24 साल के पति को गड़बड़ की आशंका हुई। इसके बाद नवी मुंबई निवासी पति ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने झारखंड पुलिस को लड़की को अदालत में पेश करने के लिए कहा। कोर्ट के कहने पर बुधवार को लड़की को अदालत में पेश किया गया। लड़की का इंटरव्यू लेने के बाद जस्टिस बी.एच. मार्लपाल्ले और अनूप मोहता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और पाया कि लड़की विवाहित है। उसने अपनी मर्जी से शादी की थी और अब अपने पति के साथ रहना चाहती है। यह भी पता चला कि एमबीए करते समय दोनों की मुलाकात हुई थी और फिर यह मामला प्रेम से होते हुए विवाह तक जा पहुंचा।
Monday, October 11, 2010
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