विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पानी की
पाइपलाइनें, सड़कों के निर्माण और बिजली
लाइनें लगाने के दिन बीत गए। अब मुंबई में राजनीतिक दलों के बीच वोटरों को लुभाने
के लिए मुफ्त इंटरनेट कनेक्शन देने की स्पर्धा चल निकली है।
फेसबुक, वाट्सऐप और ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्क का उपयोग करने वाली नई पीढ़ी के लिए यह वरदान साबित हो सकता है। 2जी और 3जी कनेक्शन के लिए मोबाइल कंपनियों को मोटी रकम चुकाने से उन्हें राहत जो मिलेगी।
फेसबुक, वाट्सऐप और ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्क का उपयोग करने वाली नई पीढ़ी के लिए यह वरदान साबित हो सकता है। 2जी और 3जी कनेक्शन के लिए मोबाइल कंपनियों को मोटी रकम चुकाने से उन्हें राहत जो मिलेगी।
एमएनएस और शिवसेना ने घर बैठे 'वाई-फाई नेटवर्क' पर
हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन मुहैया कराने की शुरुआत कर दी है। बाकी राजनीतिक दल भी
इन पार्टियों ने युवा वोटरों को आकर्षित करने वाली इस योजना पर विचार करने को
मजबूर हैं।
अहमदाबाद और पटना जैसे शहरों में स्थानीय प्रशासन की मार्फत वाइ-फाइ नेटवर्क उपलब्ध कराए गए हैं। इसी तर्ज पर मुंबई शहर को 'वाइ-फाइ जोन' बनाने का इरादा शिवसेना ने तीन साल पहले व्यक्त किया था। हालांकि उनकी प्रतिस्पर्धी राज ठाकरे का पार्टी एमएनएस ने इस मामले में बाजी मार ले गई।
एमएनएस ने मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क इलाके में तार बिछाकर कुछ समय के लिए वाइ-फाइ नेटवर्क शुरू भी कर दिया था। शिवसेना के टकराव और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद यह कारगर नहीं हो पाया। फिर मोर्चा उपनगरों की ओर मुड़ा और रविवार को एयरपोर्ट से लगे हाई-प्रोफाइल विलेपार्ले इलाके में वाइ-फाइ का प्रारंभ राज ठाकरे के हाथों कर किया गया।
शिवसेना से जुड़े संगठन 'युवा सेना' ने आनन-फानन में जवाबी कार्रवाई की और सोमवार को शिवाजी पार्क में वाइ-फाइ की शुरुआत कर दी। युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे के कटआउट वाले विज्ञापनों में लोगों को इस सुविधा का टेस्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे जुड़े तकनीकी सवालों और टेलिग्राफ ऐक्ट के कठोर प्रावधानों से बचाव के तौर पर व्यापक औपचारिक कार्यक्रम की रूपरेखा नहीं बनाई गई है। शिवाजी पार्क और विलेपार्ले के उच्च शिक्षित मराठी बहुल इलाकों से यह स्पर्धा दूसरे इलाकों में भी फैलेगी, यह कयास लगाया जा रहा है।
इधर, इस वाइ-फाइ चक्कर से कांग्रेसी नेताओं के कान खड़े हो गए हैं। विलेपार्ले के कांग्रेस विधायक कृष्णा हेगडे ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को पत्र लिखकर पूरी मुंबई में मुफ्त वाइ-फाइ लागू करने की मांग की है। इलेक्ट्रानिक गैजेट और टेक्नॉलजी के हामी रहे हेगडे इससे पहले विलेपार्ले में सभी प्रमुख चौराहों पर सीसी-टीवी कैमरों का नेटवर्क बनाकर पुलिस के हवाले कर चुके हैं। फ्री-इंटरनेट की इस रेस में व्यक्तिगत स्तर पर खुद उतर आएं तो आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।
अहमदाबाद और पटना जैसे शहरों में स्थानीय प्रशासन की मार्फत वाइ-फाइ नेटवर्क उपलब्ध कराए गए हैं। इसी तर्ज पर मुंबई शहर को 'वाइ-फाइ जोन' बनाने का इरादा शिवसेना ने तीन साल पहले व्यक्त किया था। हालांकि उनकी प्रतिस्पर्धी राज ठाकरे का पार्टी एमएनएस ने इस मामले में बाजी मार ले गई।
एमएनएस ने मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क इलाके में तार बिछाकर कुछ समय के लिए वाइ-फाइ नेटवर्क शुरू भी कर दिया था। शिवसेना के टकराव और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद यह कारगर नहीं हो पाया। फिर मोर्चा उपनगरों की ओर मुड़ा और रविवार को एयरपोर्ट से लगे हाई-प्रोफाइल विलेपार्ले इलाके में वाइ-फाइ का प्रारंभ राज ठाकरे के हाथों कर किया गया।
शिवसेना से जुड़े संगठन 'युवा सेना' ने आनन-फानन में जवाबी कार्रवाई की और सोमवार को शिवाजी पार्क में वाइ-फाइ की शुरुआत कर दी। युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे के कटआउट वाले विज्ञापनों में लोगों को इस सुविधा का टेस्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे जुड़े तकनीकी सवालों और टेलिग्राफ ऐक्ट के कठोर प्रावधानों से बचाव के तौर पर व्यापक औपचारिक कार्यक्रम की रूपरेखा नहीं बनाई गई है। शिवाजी पार्क और विलेपार्ले के उच्च शिक्षित मराठी बहुल इलाकों से यह स्पर्धा दूसरे इलाकों में भी फैलेगी, यह कयास लगाया जा रहा है।
इधर, इस वाइ-फाइ चक्कर से कांग्रेसी नेताओं के कान खड़े हो गए हैं। विलेपार्ले के कांग्रेस विधायक कृष्णा हेगडे ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को पत्र लिखकर पूरी मुंबई में मुफ्त वाइ-फाइ लागू करने की मांग की है। इलेक्ट्रानिक गैजेट और टेक्नॉलजी के हामी रहे हेगडे इससे पहले विलेपार्ले में सभी प्रमुख चौराहों पर सीसी-टीवी कैमरों का नेटवर्क बनाकर पुलिस के हवाले कर चुके हैं। फ्री-इंटरनेट की इस रेस में व्यक्तिगत स्तर पर खुद उतर आएं तो आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।
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