दगडी चॉल को लेकर चर्चा का बाजार
भले ही गर्म है लेकिन वहां रिजर्वेशन का कोई खतरा नहीं है। डीपी विभाग के एक
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए डीपी में दगडी चॉल और उसके आसपास के परिसर में कोई
आरक्षण नहीं रखा गया है, जबकि सामाजिक संस्थाओं द्वारा बार-बार दावा किया जा रहा है कि दगडी चॉल पर
आरक्षण रखा गया है।
बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन दिनों बीएमसी कमिश्नर सीताराम कुंटे डिवेलपमेंट प्लान के कारण काफी परेशान हैं। नए डिवेलपमेंट प्लान को लेकर प्रतिदिन कमिश्नर कुंटे से मिलने तमाम लोग और अलग-अलग संस्थाओं के लोग आते रहते हैं। मुंबईकरों में फिलहाल डीपी को लेकर चर्चा करने की काफी उत्सुकता दिखाई दे रही है, इसलिए इन दिनों कमिश्नर कुंटे मुंबई से संबंधित अन्य विषयों पर कोई विशेष ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, मुंबई के नए डीपी में पानी के नैसर्गिक स्त्रोत, जैसे- तालाब, समुद्र के आसपास के भूखंडों को नो डिवेलपमेंट जोन (एनडीजेड) के तौर पर जाहिर किया गया है। गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई स्थित डी-वॉर्ड में बाणगंगा के पास 1.29 हेक्टेयर, प्रियदर्शनी पार्क स्थित 11.61 हेक्टेयर और राजभवन स्थित 5.3 हेक्टेयर समेत कुल 17 हेक्टेयर जमीन को एनडीजेड दिखाया गया है।
बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन दिनों बीएमसी कमिश्नर सीताराम कुंटे डिवेलपमेंट प्लान के कारण काफी परेशान हैं। नए डिवेलपमेंट प्लान को लेकर प्रतिदिन कमिश्नर कुंटे से मिलने तमाम लोग और अलग-अलग संस्थाओं के लोग आते रहते हैं। मुंबईकरों में फिलहाल डीपी को लेकर चर्चा करने की काफी उत्सुकता दिखाई दे रही है, इसलिए इन दिनों कमिश्नर कुंटे मुंबई से संबंधित अन्य विषयों पर कोई विशेष ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, मुंबई के नए डीपी में पानी के नैसर्गिक स्त्रोत, जैसे- तालाब, समुद्र के आसपास के भूखंडों को नो डिवेलपमेंट जोन (एनडीजेड) के तौर पर जाहिर किया गया है। गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई स्थित डी-वॉर्ड में बाणगंगा के पास 1.29 हेक्टेयर, प्रियदर्शनी पार्क स्थित 11.61 हेक्टेयर और राजभवन स्थित 5.3 हेक्टेयर समेत कुल 17 हेक्टेयर जमीन को एनडीजेड दिखाया गया है।
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