कसाब की पैरवी के लिए नियुक्त किए जाने के बाद आपराधिक मामलों के सीनियर वकील अब्बास काजमी ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब मुंबई हमले की गंभीरता या अपने ऊपर लगाए गए आरोपों की गंभीरता नहीं समझता है। आर्थर रोड जेल में बनाई गई स्पेशल कोर्ट में कसाब के मामले की सुनवाई समाप्त होने के बाद काजमी को अपने नए मुवक्किल (कसाब) से मिलने की इजाजत दी गई थी। काजमी ने कहा, ''विशेष अदालत में बुधवार और गुरुवार को सुनवाई के दौरान कसाब जिस तरीके से ठहाके लगा रहा था, उससे साबित होता है कि उसे अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों की गंभीरता का अहसास नहीं है।'' काजमी ने कहा कि उन्होंने उसे यह कह कर डराने की कोशिश की कि उसे उम्र कैद या मौत की सजा दी जा सकती है, लेकिन उसके ऊपर इसका कोई असर नहीं हुआ। काजमी ने कहा कि विशेष अदालत से बाहर आने के बाद उन्हें पुलिस की सुरक्षा मुहैया कराई गई। मुंबई के के. सी. लॉ कॉलेज से ग्रैजुएट काजमी (54) के पेशेवर जीवन में यह पहला पाकिस्तानी मुवक्किल है। इसके पहले उन्होंने गोवा में एक ब्रिटिश नागरिक की वकालत की थी। काजमी 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट के दो दर्जन से अधिक आरोपियों के लिए भी पैरवी कर चुके हैं। कैसेट किंग गुलशन कुमार की हत्या के कुछ आरोपियों का मुकदमा भी उन्होंने लड़ा है। मुंबई में आपराधिक मामलों के जाने-माने वकील काजमी को कसाब की पैरवी के लिए विशेष अदालत ने नियुक्त किया है।
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