बीजेपी के नेता वेंकैया नायडू ने 'टू इज कंपनी, थ्री इज क्राउड' का सूत्र अपनाते हुए साफ कर दिया है कि शिवसेना-बीजेपी की युति में तीसरे की कतई जरूरत नहीं। महाराष्ट्र में युति सिर्फ शिवसेना-बीजेपी के बीच रहेगी, मनसे को शामिल करने का सवाल नहीं उठता। दोनों दलों के नेताओं की दादर के कोहिनूर इंस्टिटयूट में हुई बैठक में नायडू ने साफ किया कि शिवसेना-बीजेपी का गठबंधन 22 साल पुराना है। आगामी चुनाव में वह युति के रूप में ही चुनाव लड़ेगी। नायडू की इस सफाई के बाद अब युति के मनसे के साथ संभावित गठजोड़ का मुद्दा फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। असल में यह विषय खत्म करने के लिए ही युति की बैठक हुई, जिसमें गोपीनाथ मुंडे, उद्धव ठाकरे, सुधीर मुनगंटीवार, पांडुरंग फुंडकर, सुभाष देसाई, एकनाथ खडसे, सुरेश जैन आदि उपस्थित थे। दोनों दलों के बीच पैदा होने वाले विवाद सुलझाने के लिए समन्वय समिति स्थापित करने का भी बैठक में निर्णय हुआ है। बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने बताया कि युति में जो भी गलतफहमियां थीं, वह दूर हो गई हैं। बीजेपी ने जैतापुर के मामले में शिवसेना से सहयोग करने का वादा किया है।
Tuesday, March 15, 2011
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