अपनों के बीच लव और हेट का रिश्ता चलना कोई नई बात नहीं है। शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे और अलग पार्टी बनाकर उनसे दूर होने वाले भतीजे एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे पर भी यह बात लागू होती है। तभी तो वे रह रहकर बालासाहेब की तारीफ करते हैं या उनके बचाव में खड़े हो जाते हैं। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की आलोचना की , तो भतीजे राज ठाकरे उनके बचाव में उतर आए। बुधवार को राज ठाकरे ने कहा कि अजीत पवार ने बालासाहब ठाकरे पर निशाना साधते हुए जो कहा है , वह पवार द्वारा सहकारी बैंक घोटाला और बलवा के साथ उनके संबंधों जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए किया है। एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा था कि ठाकरे ने समाज के लिए ज्यादा योगदान नहीं दिया। दादर रेलवे स्टेशन को ' चैत्य भूमि ' नाम देने का विरोध करने वाले राज ठाकरे के बयानों को अजीत पवार की ओर से खारिज किए जाने के बारे में पूछने पर राज ने कहा कि मुझे जो जनसमर्थन मिल रहा है , वे उससे परेशान हैं , इसलिए वे इस तरह का खेल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अजीत पवार को बालासाहेब की उम्र को ध्यान में रखते हुए उनकी आलोचना नहीं करनी चाहिए। राज ने आरपीआई नेता रामदास अठावले के इस सुझाव को खारिज कर दिया कि उन्हें मनसे के झंडे से नीला रंग हटा देना चाहिए , क्योंकि यह रंग दलित आंदोलन का प्रतिनिधित्व करता है। इसके पहले राज ने दादर स्टेशन का नाम ' चैत्य भूमि ' किए जाने का विरोध किया था। दलित वहां हर साल सम्मेलन करते हैं। राज ने अठावले का सुझाव खारिज करते हुए कहा कि अठावले शिवसेना प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं , क्योंकि उन्हें बांद्रा में शिवसेना प्रमुख के घर के पास चार मंजिला घर मिला है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि अठावले का व्यवसाय क्या है और किस आधार पर उन्हें यह संपत्ति मिली।
Thursday, June 2, 2011
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