शिवसेना ने कहा है कि भारत का नागरिक होने के नाते बाबा रामदेव को राजनीति में शामिल होने का पूरा अधिकार है। हालांकि उसने यह भी कहा है कि रामदेव स्वयं भी इस पूरे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि उन्हें अन्ना हजारे के सफल अनशन के कुछ ही सप्ताह बाद दूसरा अनशन शुरू करने की जरूरत नहीं थी। पार्टी की यह टिप्पणी शिवसेना के मुखपत्र सामना में आई है। माना जा रहा है कि यह कांग्रेस नेताओं की रविवार को आई इस टिप्पणी का जवाब है कि रामदेव को योग तक ही सीमित रहना चाहिए। संपादकीय में कहा गया है कि अगर एक विदेशी सोनिया गांधी कांग्रेस नेताओं की 'राजनीतिक गॉडमदर' बन सकती हैं, तो रामदेव, इस देश के नागरिक होने के नाते राजनीति में शामिल क्यों नहीं हो सकते। इसमें सरकार के इस तर्क की भी आलोचना की गई है कि रामदेव के पास रामलीला मैदान में अनशन की अनुमति नहीं थी। अखबार ने कहा है कि अगर ऐसा था, तो सरकार के वरिष्ठ मंत्री बाबा को अनशन नहीं करने के लिए मनाने क्यों गए थे।
Wednesday, June 8, 2011
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