Friday, August 30, 2013

गरीब वर्ग की लड़कीको 18 वर्ष पूरे होने पर एक लाख रुपये

महाराष्ट्र में पैदा होनेवाली हर गरीब वर्ग की लड़कीको 18 वर्ष पूरे होने पर एक लाख रुपये देने की योजना है। 'सुकन्या ' नाम की योजना शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल कीमंजूरी के लिए रखी जाएगी। महिला  बाल कल्याण विभागकी ' सुकन्या ' योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे आनेवालेपरिवारों को इसका लाभ मिलेगा। ऐसे परिवारों में जन्मी हरलड़की के नाम पर जनवरी 2014 के बाद 21,200 रुपये जमाकर दिए जाएंगे। जब वह 18 वर्ष की होगी , तो इस डिपॉजिटपर उसे एक लाख रुपये मिलेंगे। इसका इस्तेमाल उसकी पढ़ाईलिखाई पर किया जा सकेगा। 
वित्त
 मंत्री  उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने महिला  बाल कल्याण मंत्री वर्षा गायकवाड की योजना का विरोधकिया था। हर साल महाराष्ट्र में गरीबी रेखा के नीचे आनेवाले परिवारों में दो लाख लड़कियों का जन्म हर सालहोता है। योजना को लागू करने पर सरकार को हर साल 576 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा। 
रेप
 और ऐसिड अटैक में घायल महिलाओं को भी सहायता देने का एक प्रस्ताव महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के सामने रखाजाएगा। अधिकारियों के अनुसार , बलात्कार या ऐसिड हमले की शिकार महिलाओं को कानूनी सहायता ,काउंसिलिंग और पुनर्वास के लिए तीन लाख रुपये देने की योजना है।

Thursday, August 29, 2013

निढाल बनाता कानून

महालक्ष्मी इलाके की शक्ति मिल में महिला फोटो जर्नलिस्ट से बलात्कार करने वाले पांचों अपराधियों ने इस घिनौने अपराध को पहली बार अंजाम नहीं दिया है। इसी मिल के ऐसी ही सूनसान इलाकों में इन दरिंदों ने इससे पहले भी 4 लड़कियों की अस्मत को तार-तार किया है। यह पहला मौका नहीं है, जब ऐसा कोई चौंकाने वाला सच सामने आया है। भारत में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा और अपराध से जुड़ी हर रिपोर्ट और शोध ने यह साबित किया है कि लोक लाज, सामाजिक दबाव, लंबी कानूनी प्रक्रिया और ऐसे ही कई कारणों से भारत में रजिस्टर कराए जाने वाले बलात्कार और वास्तविक रेप के मामलों में जमीन आसमान का अंतर देखने को मिलता है। 
 निढाल बनाता कानून
 
जब भी ऐसी कोई घटना सामने आती है, तो सबसे पहला सवाल सामने आता है कि क्या इन अपराधियों में कानून का खौफ बिलकुल नहीं रहा है। एडवोकेट और जानीमानी ऐक्टिविस्ट, आभा सिंह बताती हैं कि ऐसा बिलकुल नहीं है कि भारत में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, बलात्कार या हिंसा के लिए कोई ढीले कानून हैं। बल्कि हमारे यहां भी बेहद कड़े कानून हैं, लेकिन किसी भी कानून का तब तक फायदा नहीं, जब तक उसका कड़ाई से पालन न हो। कानूनी प्रक्रिया अपने आप में इतनी लंबी और जटिल हो जाती है कि शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से टूट चुकी महिला इस पूरे चक्कर में ही हार जाती है। आभा सिंह बताती हैं कि पुलिस हमेशा यह कोशिश करती है कि ज्यादातर मामले बाहर ही निपट जाए, ताकि कम से कम एफआईआर रजिस्टर हों।
 
वहीं सुप्रीम कोर्ट के वकील, साहिल शांडिल्य का कहना है कि बलात्कार के मामलों में सामाजिक दबाव इतना रहता है कि लोग घटनाओं को सामने नहीं आने देते। भारत में रेप के लगभग 80 प्रतिशत मामलों में बलात्कार किसी जानकारी द्वारा किया जाता है। ऐसे में रिश्तों के आड़े आने की वजह से कई मामले घरों में ही दबा दिए जाते हैं।
 

महिला आयोग की सदस्य निर्मला सावंत प्रभावलकर बताती हैं कि यह सही है कि पिछले साल दिल्ली में हुए गैंगरेप के बाद पूरे देश में बलात्कार के मामले काफी मात्रा में रजिस्टर हुए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है लोगों की सोच में बदलाव। पहले बलात्कार के लिए, बलात्कारी के बजाए पीडि़त महिला को सामाजिक शर्म और तिरस्कार झेलना पड़ता था। लेकिन पिछले कुछ सालों में यह माइंडसेट बदला है। लेकिन अभी भी रिश्तेदारों और जानने वालों के द्वारा किए जाने वाले रेप के मामले सामने ही नहीं आते। सावंत बताती हैं कि मेरे सामने सैकड़ों ऐसे मामले आए हैं, जिनमें सगे संबंधियों ने जैसे जीजा द्वारा अपनी साली के बलात्कार में उसकी ही बहन ने ही छोटी बहन को केस करने से रोका। 

Friday, August 23, 2013

अंधश्रद्धा निर्मूलन के लिए अध्यादेश

 अंधश्रद्धा निर्मूलन के लिए पारित अध्यादेश में सात वर्ष जेल और 50 हजार रुपये के दंड का प्रावधान किया गया है।
नए अध्यादेश में सिर्फ 12 प्रावधान बचे हैं। मूल विधेयक में 30 प्रावधान हुआ करते थे। 14 वर्षों के लंबे अंतराल और छह बार महाराष्ट्र विधानमंडल में रखे जाने के बाद इसके प्रावधान में भारी बदलाव आया है।
बुधवार को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने प्रलंबित विधेयक को सरकारी अध्यादेश के नाम पर जारी करने का फैसला किया।

ये सब कानूनन अपराध माना जाएगा:
1. भूत पिशाच के नाम पर किसी को बांधना, उसे मारना और मूत्र-मल खाने के लिए मजबूर करना।
2. चमत्कार का प्रयोग करके लोगों को आर्थिक तौर पर फंसाना या ठगना
3. जीवन को धोखे में डालने वाली अघोरी प्रथाएं
4. गुप्तधन, जरन-मरण, भानामति के नाम पर अमानवीय, अघोरी या अनिष्ट कृत्य
5. अतिएंद्रीय शक्ति होने का आभास निर्माण करना, इससे लोगों को डराना धमकाना, फंसाना, ठगना
6. यह घोषणा करना की फलां व्यक्ति करनी करता है, जादूटोना करता है। भूत बाधा करता है, जानवरों का दूध सुखा देता है, अपशकुनी है, शैतान है।
7. चेटुक के नाम पर किसी को नंगा करके घुमाना, रोजमर्रा के व्यवहार से प्रतिबंधित करना।
8. भूत-पिशाच बुलाने के नाम पर लोगों को डराना, भूत के कोप से शारीरिक चोट हुई है, यह दावा करना।
9. कुत्ता, सांप, बिच्छू काटने पर इलाज रोकना या उसके झाड-फूंक, तंत्रमंत्र और गंडा-ताबीज देना।
10. उंगली से ऑपरेशन करने का दावा करना। गर्भ में बच्चे का लिंग बदलने का दावा।
11. पिछले जन्म में पत्नी, प्रेमिका, प्रेमी होने का दावा करके शारीरिक संबंध बनाना। अलौकिक शक्ति होने का दावा करते हुए बच्चा होने का आश्वासन देकर शारीरिक संबंध बनाना।
12.
 किसी मतिमंद बालक में अलौकिक शक्ति होने का दावा करके उसका उपयोग धंधे या व्यवसाय के लिएकरना।

Monday, August 19, 2013

शिवा दिल्ली पहुंच जाएगा

 भायखला स्थित वीरमाता जीजाबाई भोसलेचिडि़याघर ( रानी बाग ) में एक सींग वाले गैंडे शिवा कोरविवार को दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया। उसकीदुल्हन की तलाश में बीएमसी अधिकारियों का देश - विदेश कादौरा देश की राजधानी दिल्ली जाकर खत्म हुआ। शिवा कोवहां पर 7 और 13 साल की दो मादा गैंडा जीवन साथी केरूप में मिली है। 

रानी बाग के उप अधीक्षक डॉ संजय त्रिपाठी ने बताया कितीन से चार दिन में शिवा दिल्ली पहुंच जाएगा। रास्ते मेंउसके खाने वगैरह की सभी व्यवस्था की गई है। उम्मीद है सफर के दौरान उसे किसी तरह की कोई तकलीफ नहींहोगी। 

शिवा को दिल्ली भेजने के लिए रानी बाग के लोगों को खूब कसरत करनी पड़ी। चार दिनों की कोशिश के बादउन्हें यह सफलता मिली कि बगैर जोर जबरदस्ती के वह पिंजरे में चला गया। शिवा के जीवन साथी की तलाशमें बीएमसी के कर्मचारियों ने कहां नहीं की। देश का कोई ऐसा चिडि़या घर नहीं बचा जहां इसकी दुल्हन कीतलाश नहीं की गई हो। यही नहीं विदेश में भी जाकर उसके लिए दुल्हन खोजी गई , लेकिन उनकी खोज पूरी हुईतो दिल्ली जाकर। वहां पर एक नहीं नहीं दो दुल्हन मिली। 

Friday, August 16, 2013

आईएनएस सिंधुरक्षक से तीन जवानों के शव बरामद

 नेवी के गोताखोरों ने हादसे का शिकार हुई पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक से तीन जवानों के शव बरामद किए हैं। यह पनडुब्बी मंगलवार रात तेज विस्फोट के बाद समंदर में डूब गई थी।

नौसेना के सूत्रों ने बताया कि गोताखोरों को पनडुब्बी से तीन शव मिले हैं, लेकिन अब तक उनकी पहचान नहीं हो पाई है। नौसैनिकों के शव को शिनाख्त के लिए नेवी हॉस्पिटल भेजा गया है। पनडुब्बी को निकालने के लिए नेवी डच कंपनी की मदद लेने की योजना भी बना रही है।

डीजल जनरेटर और इलेक्ट्रिक बैटरी से चलने वाली 2300 टन की इस पनडुब्बी में हादसे के वक्त 18 लोग सवार थे। पनडुब्बी से तीन जवानों के शव निकाले गए हैं और बाकी 15 जवानों की तलाश के लिए गोताखोरों की टीम के साथ नेवी का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इसके साथ ही आगे की रणनीति के लिए नेवी की हाई लेवल मीटिंग भी हुई।

Wednesday, August 14, 2013

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें

आप सभी को एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें । 

होटलों को मराठी चैनल दिखाने का फरमान

शरद पवार की पार्टी 'एनसीपी' ने सभी फाइव स्टार और सेवन स्टार होटलों को मराठी चैनल दिखाने का फरमान जारी किया है। एनसीपी प्रदेश कार्याध्यक्ष जितेंद्र आव्हाड ने इसके लिए आलीशान होटलों को 15 दिन का समय दिया है। 
आव्हाड ने चेतावनी दी है कि मुंबई के बड़े होटलों में मराठी के चैनल नहीं दिखाए गए तो पार्टी को आक्रामक भूमिका लेनी पड़ेगी। उन्होंने आगाह किया कि यह मांग पूरी नहीं की गई, तो पार्टी को आंदोलन करना पड़ेगा। 
पार्टी सूत्रों ने बताया कि मुंबई और राज्य के दूसरे हिस्सों में बने फाइव और सेवन स्टार होटल सिर्फ अंग्रेजी और हिंदी के चैनल दिखाते हैं। मराठी चैनल बिलकुल नहीं दिखाए जाते। इसका अहसास होते ही पार्टी ने इस मुद्दे पर चेतावनी जारी की है। 

Thursday, August 8, 2013

वरिष्ठ नागरिकों के सुविधाओं की पॉलिसी मंजूर

मुंबई में रहनेवाले वरिष्ठ नागरिकों के सुविधाओं की पॉलिसी मंजूर हो गई है। 60 साल से ज्यादा की उम्र वाले नागरिकों को बीएमसी कई विशेष सुविधा मुहैया कराएगी। खास तौर पर स्वास्थ्य और मनोरंजन से जुड़ी इनमें कई चीजें होंगी। बीएमसी की इस पॉलिसी का उद्देश्य बुढ़ापे में अकेले पड़ गए लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने और मदद करना है। 

वरिष्ठ नागरिकों के लिए पॉलिसी बनाने का मुद्दा बीते साल बीजेपी नगरसेवक विनोद शेलार ने उठाया था। बीएमसी बुजुर्गों के मनोरंजन की सुविधा के लिए सामाजिक केंद्र बनाएगी। इन केंद्रों में योग साधना, सुडुको, कैरम, शतरंज, समाचारपत्रों की व्यवस्था होगी। इसके अलावा बीएमसी स्कूलों में वरिष्ठ नागरिकों की सभा या कार्यक्रम लिए रियायती दर पर कमरा दिया जाएगा। वहीं, बीएमसी के उद्यानों में बैठने के लिए विशेष बेंच बनाई गई है। स्वास्थ्य के लिहाज से भी इसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं। इलाज के लिए विशेष बेड और ऑपेरशन भी 50 फीसदी रियायत की दर से होगा। बीएमसी हर साल बजट में बुजुर्गों के लिए प्रावधान किया था। मुंबई में कुल 12 लाख वरिष्ठ नागरिक हैं।

Wednesday, August 7, 2013

मंजूरी दे दी- बालासाहेब ठाकरे की स्मारक

शिवाजी पार्क पर शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे की स्मारक बनाने की मंजूरी महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी (एम.सी.जेड.एम.ए.) ने दी है। स्मारक बनाने के लिए किसी तरह के सीमेंट का उपयोग नहीं किया जाएगा। 

गौरतलब है कि शिवाजी पार्क पर उनका अंतिम संस्कार किया गया था, वहां पर स्मारक बनाने की मांग की जा रही थी। शिवसेना उस जगह पर सहेजकर रखना चाहती थी। उसके के लिए बीएमसी व राज्य सरकार से मंजूरी भी मांगी थी। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी ने उसकी मंजूरी दे दी है।
 

अब वहां पर पत्थर और मिट्टी का उपयोग चबूतरा बनाया जाएगा। वैसे इस अथॉरिटी के नियम के मुताबिक, पांच करोड़ रुपये तक का काम किया जा सकता है। वैसे बताया जा रहा है कि बालासाहेब की याद चबूतरा बनाने का ज्यादा ज्यादा खर्च पांच लाख रुपये तक आएगा।

Friday, August 2, 2013

2021 तक हम 6000 मिलियन लीटर पानी देने में सक्षम

 पिछले दो महीने से हो रही लगातार अच्छी बारिश ने आगामी एक साल तक मुंबईकरों को पानी की चिंता से मुक्त कर दिया है। मुंबई को पीने का पानी आपूर्ति करने वाली 6 प्रमुख झीलों में 11.70 लाख मीट्रिक लीटर पानी जमा हो गया है। सिर्फ दो महीने में ही 65 फीसदी बारिश हो चुकी है। खास बात यह है कि इस बार जुलाई महीने में ही मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाली छह में से चार झीलें तानसा, तुलसी, विहार और मोडक सागर लबालब हो गईं हैं।

इस साल 31 जुलाई तक 2015 एमएम बारिश हो चुकी है, जबकि 2012 में अब तक सिर्फ 866.50 एमएम बारिश हुई थी। मुंबई को रोजाना 3350 मिलियन लीटर पानी आपूर्ति की जाती है, जबकि जरूरत 4200 मिलियन लीटर पानी की है। वॉटर डिपार्टमेंट के चीफ इंजिनियर रमेश बाम्बले ने कहा है कि झीलों में मौजूद पानी का आंकलन करने पर पता चलता है कि अगले एक साल तक पानी की कोई कमी नहीं होगी। 31 जुलाई, 2014 तक मुंबई में पानी कटौती की जरूरत नहीं पड़ेगी।

पिछले साल औसत बारिश के चलते पानी कटौती की नौबत आ गई थी। हालांकि, मॉनसून के आखिरी महीनों में हुई बारिश की वजह से झीलों में पर्याप्त पानी इकट्ठा हो गया था। यदि अगस्त और सितंबर में ठीक-ठाक बारिश होती है, तो भातसा और अपर वैतरणा भी लबालब हो जाएंगी। अपर वैतरणा लबालब होने से सिर्फ डेढ़ मीटर कम है। पिछले साल 31 जुलाई तक सभी झीलों में 5 लाख एमएम पानी था। बाम्बले के मुताबिक भविष्य में मुंबई को पानी आपूर्ति को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि 2021 तक हम 6000 मिलियन लीटर पानी देने में सक्षम हो जाएंगे।