महाराष्ट्र में हजारों करोड़ रुपए के सिंचाई घोटाले से संबंधित 1400
पन्नों के कथित 'सबूत' मामले की जांच कर रही माधव चितले समिति के हवाले किए गए। विरोधी दल
नेता विनोद तावड़े और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस सोमवार को औरंगाबाद
में समिति मुख्यालय तक ये कागजात बैलगाड़ी में लेकर पहुंचे। गाजे-बाजे के साथ
फाइलों से भरे चार बैग बैलगाड़ी में लादे गए। तावड़े और फडणवीस पीछे-पीछे बैगों पर
हाथ धरे चल रहे थे। सांसद रावसाहेब दानवे समेत बीजेपी कार्यकर्ता एक जुलूस की शक्ल
में साथ थे। यह पूरा मजमा जलसंपदा विभाग के मुख्य अधीक्षक कार्यालय तक उनके साथ
था। मीडिया के लोग भी काफी संख्या में उसके साथ थे।
समिति के अध्यक्ष चितले ने बताया कि जांच के लिए निर्धारित दायरे में अगर कागजात आएंगे, तभी इनकी जांच पड़ताल की जाएगी। सिंचाई घोटाले की जांच के लिए गठित चितले समिति की रिपोर्ट नागपुर में शुरू होनेवाले शीत सत्र में रखी जानी है। इस सत्र के दौरान अगर इसका कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाता तो समिति को इन नए कागजातों समेत सभी दस्तावेजों की जांच करने के लिए ढाई महीने का समय मिलेगा।
समिति के अध्यक्ष चितले ने बताया कि जांच के लिए निर्धारित दायरे में अगर कागजात आएंगे, तभी इनकी जांच पड़ताल की जाएगी। सिंचाई घोटाले की जांच के लिए गठित चितले समिति की रिपोर्ट नागपुर में शुरू होनेवाले शीत सत्र में रखी जानी है। इस सत्र के दौरान अगर इसका कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाता तो समिति को इन नए कागजातों समेत सभी दस्तावेजों की जांच करने के लिए ढाई महीने का समय मिलेगा।
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