शिवसेना की दशहरा रैली में अपमानित किए जाने के
बाद वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी अपने मूल गांव रवाना हो गए। जोशी के नजदीकी सूत्रों ने
बताया कि जोशी सोमवार को दिन में रायगढ़ जिले के अपने जन्मस्थल नांदवी चले गए।
रविवार की रैली में शिवसैनिकों के 'मनोहर जोशी हाय हाय' और
'जोशी
वापस जाओ' के
नारों के बीच उन्हें शिवसेना रैली का मंच छोड़ना पड़ा था। लीलाधर डाके जैसे इक्का-दुक्का नेता ही जोशी को मनाने के लिए उनके पीछे
जाते देखे गए थे।
मंच स्थल से बमुश्किल 150 मीटर की दूरी पर स्थित अपने निवास की 'ओशियाना' बिल्डिंग जाने के लिए वे बैंगनी रंग की मर्सिडीज कार में बैठे तो बिलकुल एकाकी नजर आए। इसी शिवाजी पार्क में शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की उपस्थिति में 48 दशहरा रैलियों के साक्षी रह चुके जोशी 'सर' को अपनी ही पार्टी की रैली से पुलिस के घेरे में बाहर निकलना पड़े। वही शिवाजी पार्क का मैदान, जिसमें मुंबई का महापौर बनने और महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद स्वीकारने के बाद लाखों के मजमें उनका सम्मान किया गया था।
परिवार के नजदीकी सूत्रों के अनुसार जोशी घटनाक्रम से इतने डिस्टर्ब रहे कि उन्होंने रैली के बाद टोलिफोन कॉल्स नहीं लिए। भवन निर्माता पुत्र उन्मेष और पुत्र-वधू उनके मोबाइल पर जवाब देते रहे। दोपहर तक 'सर आराम कर रहे हैं' का रिस्पॉन्स उनके नांदवी चले जाने में तब्दील हो चुका था। 78 वर्षीय जोशी कुछ समय पहले दिल का हलका दौरा झेल चुके हैं। जोशी खुद लोकसभा चुनाव लड़ने का मंसूबा बांधे बैठे हैं, जबकि उनके नजदीकी उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में ताजा घटनाक्रम उनके शारीरिक और मानसिक, दोनों तरह के स्वास्थ्य के लिए अच्छी खबर नहीं कही जा सकती।
मंच स्थल से बमुश्किल 150 मीटर की दूरी पर स्थित अपने निवास की 'ओशियाना' बिल्डिंग जाने के लिए वे बैंगनी रंग की मर्सिडीज कार में बैठे तो बिलकुल एकाकी नजर आए। इसी शिवाजी पार्क में शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की उपस्थिति में 48 दशहरा रैलियों के साक्षी रह चुके जोशी 'सर' को अपनी ही पार्टी की रैली से पुलिस के घेरे में बाहर निकलना पड़े। वही शिवाजी पार्क का मैदान, जिसमें मुंबई का महापौर बनने और महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद स्वीकारने के बाद लाखों के मजमें उनका सम्मान किया गया था।
परिवार के नजदीकी सूत्रों के अनुसार जोशी घटनाक्रम से इतने डिस्टर्ब रहे कि उन्होंने रैली के बाद टोलिफोन कॉल्स नहीं लिए। भवन निर्माता पुत्र उन्मेष और पुत्र-वधू उनके मोबाइल पर जवाब देते रहे। दोपहर तक 'सर आराम कर रहे हैं' का रिस्पॉन्स उनके नांदवी चले जाने में तब्दील हो चुका था। 78 वर्षीय जोशी कुछ समय पहले दिल का हलका दौरा झेल चुके हैं। जोशी खुद लोकसभा चुनाव लड़ने का मंसूबा बांधे बैठे हैं, जबकि उनके नजदीकी उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में ताजा घटनाक्रम उनके शारीरिक और मानसिक, दोनों तरह के स्वास्थ्य के लिए अच्छी खबर नहीं कही जा सकती।
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