सचिन को राष्ट्रपति
प्रणव मुखर्जी ने भारत रत्न से सम्मानित किया। भारत रत्न से सम्मानित होने के बाद
सचिन ने अपना भारत रत्न अपनी मां के साथ देश की सभी माताओं को समर्पित किया और कहा
कि उन्हें इस देश में पैदा होने पर गर्व है। लेकिन जब पत्रकारों ने उनसे महान हॉकी
खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के बारे में सवाल पूछा तो यह महान क्रिकेटर उन सवालों को
टाल गया। ऐसी उम्मीद थी कि सचिन भारत रत्न के सम्मान के लिए इस महान हॉकी खिलाड़ी
की वकालत करेंगे लेकिन इस सवाल पर उनकी चुप्पी ने सबको हैरत में डाल दिया।
गौरतलब है कि काफी समय से ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग की जाती रही है और उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें सचिन से पहले यह सम्मान दिया जाएगा। लेकिन पिछले साल नवंबर में अपने 200वें टेस्ट से संन्यास लेने के बाद भारत सरकार ने अचानक सचिन को भारत रत्न देने की घोषणा कर दी थी। ध्यानचंद से पहले सचिन को भारत रत्न दिए जाने की कई खेल हस्तियों और राजनीतिज्ञों ने आलोचना की थी।
गौरतलब है कि काफी समय से ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग की जाती रही है और उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें सचिन से पहले यह सम्मान दिया जाएगा। लेकिन पिछले साल नवंबर में अपने 200वें टेस्ट से संन्यास लेने के बाद भारत सरकार ने अचानक सचिन को भारत रत्न देने की घोषणा कर दी थी। ध्यानचंद से पहले सचिन को भारत रत्न दिए जाने की कई खेल हस्तियों और राजनीतिज्ञों ने आलोचना की थी।
नई दिल्ली भले ही हॉकी के
महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग लंबे समय से की जाती रही हो
लेकिन महान क्रिकेटर और भारत रत्न सचिन तेंडुलकर इस सवाल पर चुप्पी साध गए और
उन्होंने इस महान खिलाड़ी के बारे में कुछ भी न कहना ही ठीक समझा। मंगलवार को भारत
रत्न से सम्मानित होने के बाद पत्रकारों द्वारा ध्यानचंद के बारे में पूछे गए सवाल
को सचिन तेंडुलकर टाल गए।
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