महाराष्ट्र सरकार ने शीना बोरा हत्याकांड में 2012 में
रायगढ़ पुलिस की ओर से की गई गफलत पर राज्य के पुलिस महानिदेशक से 15 दिनों में एक ताजा रिपोर्ट तलब की है। साथ ही पूछा है कि पीड़िता (शीना
बोरा) का शव मिलने के बाद कोई एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई?
24 वर्षीय
शीना बोरा का 23 अप्रैल 2012 में रायगढ़
के पेन तालुका स्थित जंगल में स्थानीय पुलिस को शव मिला था। तब यह कथित अज्ञात शव
एक सूटकेस में जली हुई हालत में मिला था। रायगढ़ पुलिस ने तब इस मामले पर कार्रवाई
तो दूर एफआईआर भी दर्ज नहीं की थी।
लिहाजा, इस संबंध में पूर्व डीजीपी संजीव दयाल की एक पन्ने की
रिपोर्ट को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया है। साथ ही मौजूदा डीजीपी प्रवीण दीक्षित
को एक नई रिपोर्ट देने को कहा है। महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच करने का आदेश
देते हुए पूछा है कि तब पुलिस ने कोई एफआईआर या एडीआर (एक्सिडेंटल डेथ रिपोर्ट)
क्यों तैयार नहीं की?
पीटर मुखर्जी से पूछताछ जारी
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने शनिवार को पूर्व मीडिया मुगल पीटर मुखर्जी से
दक्षिण मुंबई स्थित आफिस में गहन पूछताछ की। इस दौरान सीबीआई ने जानने की कोशिश की
कि उसने किस तरह से सुबूत नष्ट किए और अपनी बीवी इंद्राणी मुखर्जी को बचाने के लिए
लगातार झूठ बोलकर जांच को गुमराह करने की कोशिश की।
पीटर को शीना की हत्या और हत्या की साजिश के आरोप में गुरुवार को गिरफ्तार
किया गया था। उल्लेखनीय है कि पीटर को शुक्रवार को ही मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 नवंबर
तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेजा है।
पिता पर आरोप अपमानजनक: राहुल
दूसरी ओर पीटर मुखर्जी के बेटे और शीना के प्रेमी राहुल मुखर्जी ने शनिवार
को कहा कि उसके पिता पर लगाए गए आरोप अपमानजनक हैं। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को
पीटर पर हत्या का आरोप अदालत में लगाए जाने के बाद राहुल ने कहा था कि वह अपने
पिता पर लगे आरोपों से स्तब्ध है। अगर उसे इस बात का पहले पता होता तो वह अदालत
नहीं आता।
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