मुंबई देश की वित्तीय राजधानी है, ग्लोबन मदी आम मुंबईकर चिंता का विषय है
ग्लोबल मंदी की वजह से 2009 में रोजाना हजारों लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। जनवरी में दुनियाभर में रोजाना औसतन 9,000 लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। इस तरह इस साल जनवरी में जॉब गंवाने वाले एंप्लॉयीज की तादाद 2,77,000 को पार कर गई है। गौरतलब है कि 26 जनवरी को ही अमेरिका में 80,000 को नौकरी से निकाला गया था। जॉब कट इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर फार्मा तक तमाम सेक्टरों में बदस्तूर जारी है। इस साल अब तक कंस्ट्रक्शन मशीनरी बनाने वाली कंपनी केटरपिलर, जापानी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एनईसी और फार्मा कंपनी फाइजर 20,000 जॉब कट का ऐलान कर चुकी है। आने वाले दिनों में प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फिलिप्स और फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी आईएनजी मिलकर 13,000 लोगों को हटाने की तैयारी में हैं। अमेरिकन इलेक्ट्रॉनिक्स रीटेलर सर्किट सिटी द्वारा 30,000 एंप्लॉयीज को निकाले जाने की आशंका है। टाटा के स्वामित्व वाली ब्रिटेन की स्टील कंपनी कोरस भी अपने कर्मचारियों की संख्या 3,500 तक घटाएगी। इसके अलावा जिन कंपनियों की जॉब कटौती की योजना है, उनमें मोटरोला, फोर्ड मोटर, हार्ले डेविसन, कोटक, एरिक्सन आदि शामिल हैं।
Sunday, February 1, 2009
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