करीब डेढ़ करोड़ की आबादी वाले महानगर मुंबई की जीवन रेखा माने जानी वाली लोकल सेवा में सुधार के लिए विश्व बैंक ने 43 करोड़ डॉलर का कर्ज मंजूर किया है। बैंक के बोर्ड ने मंगलवार को केरल, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और तमिलनाडु के 220 चुनिंदा बांधों की सुरक्षा और स्थाई प्रदर्शन में सुधार के लिए बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना के लिए भी 35 करोड़ डॉलर के कर्ज को मंजूरी दी। बैंक ने कहा कि 'मुंबई शहरी परिवहन परियोजना 2ए' का उद्देश्य व्यस्त समय में और अधिक वाहनों को चलाना, व्यस्त समय में भीड़भाड़ कम करना, यात्रा समय कम करना और संचालन में सुधार करना है।व्यवस्था में 720 नए रेल डिब्बे शामिल किए जाएंगे। इस परियोजना में मरम्मत सुविधाओं के विस्तार के साथ ही मुंबई महानगर के बचे क्षेत्र में 1500 वोल्ट डीसी से 25 केवी एसी लाइन में पूर्ण परिवर्तन किया जाएगा। विश्व बैंक के शहरी परिवहन विशेषज्ञ और परियोजना के टीम लीडर हरबर्ट नोवे-जोसेरैंड ने कहा कि पहली मुंबई परिवहन परियोजना के माध्यम से व्यस्त समय के दौरान नौ कोचों वाली रेलगाडि़यों के माध्यम से भीड़ के स्तर को 4,500 से 4,100 यात्री तक करने में सफलता मिली है। बाद की परियोजना से क्षमता, संचालन क्षमता और आराम के स्तर में अधिक सुधार होगा। बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (डीआरआईपी) का उद्देश्य भारत सरकार और संबंधित राज्यों के साथ सहयोग से बांधों की सुरक्षा के लिए संस्थागत, कानूनी और तकनीकी ढांचे को और मजबूत करना है।
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