शहर में मोनो और
मेट्रो ट्रेन शुरू करने से पहले कई तरह के एहतियात बरतें जा रहे हैं, ताकि भविष्य
में कोई परेशानी न हो। इन दोनों प्रॉजेक्ट को अंजाम देने वाली एमएमआरडीए ने स्टेशन
एरिया ट्रैफिक इम्प्रूवमेंट स्कीम (सैटिस) के तहत स्टेशन की 50 मीटर की परिधि में कार पार्किंग की व्यवस्था नहीं होगी। साथ ही बस
स्टैंड्स को भी स्टेशन से 50 मीटर दूर शिफ्ट करने की
प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि मोटरसाइकल और साइकिल स्टैंड जरूर बनाए
जाएंगे।
एमएमआरडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रिक्शा और टैक्सी पिक-अप पॉइंट भी 50 मीटर दूर बनाए जा रहे हैं। ये सारे निर्णय ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि यदि प्रवेश द्वार से 50 मीटर के कोई गाड़ी पार्क की जाती है तो उसे बाहर धकेल दिया जाएगा, और कार मालिक से जुर्माना भी वसूला जाएगा।
मोनो रेल स्टेशनों के बाहर फेंसिग युक्त एक मीटर चौड़ा रास्ता पैदल यात्रियों के लिए आरक्षित रहेगा, इसी तरह मेट्रो स्टेशन के बाहर 1.5 मीटर चौड़ा पैदल मार्ग बनाया जाएगा, ताकि यात्रियों को आने-जाने में असुविधा न हो। प्रकल्प से जुड़े लोगों का मानना है कि सुरक्षा के लिहाज से प्रवेश और निकास द्वार पर निगरानी रखना बहुत जरूरी है, जिसे ध्यान में रखते हुए सैटिस पर विशेष जोर दिया जा रहा है, ताकि स्टेशनों के बाहर अनावश्यक भीड़ (अवैध हाकर वगैरह) न जमा हो सके।
एमएमआरडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रिक्शा और टैक्सी पिक-अप पॉइंट भी 50 मीटर दूर बनाए जा रहे हैं। ये सारे निर्णय ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि यदि प्रवेश द्वार से 50 मीटर के कोई गाड़ी पार्क की जाती है तो उसे बाहर धकेल दिया जाएगा, और कार मालिक से जुर्माना भी वसूला जाएगा।
मोनो रेल स्टेशनों के बाहर फेंसिग युक्त एक मीटर चौड़ा रास्ता पैदल यात्रियों के लिए आरक्षित रहेगा, इसी तरह मेट्रो स्टेशन के बाहर 1.5 मीटर चौड़ा पैदल मार्ग बनाया जाएगा, ताकि यात्रियों को आने-जाने में असुविधा न हो। प्रकल्प से जुड़े लोगों का मानना है कि सुरक्षा के लिहाज से प्रवेश और निकास द्वार पर निगरानी रखना बहुत जरूरी है, जिसे ध्यान में रखते हुए सैटिस पर विशेष जोर दिया जा रहा है, ताकि स्टेशनों के बाहर अनावश्यक भीड़ (अवैध हाकर वगैरह) न जमा हो सके।
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