सिडको निर्मित और अब जर्जर हो चुकी इमारतों के पुनर्निर्माण के लिए
बीजेपी-शिवसेना सरकार द्वारा 2.50 चटाई
क्षेत्र निर्देशांक (एफएसआई) देने की घोषणा के बाद नवी मुंबई स्थित इन इमारतों में
रहने वाले हजारों लोगों में खुशी की लहर भी दौड़ गई है। इनके साथ ही शहर के
बिल्डरों व सर्वदलीय नेताओं में भी प्रसन्नता देखी जा रही है। सरकार ने इस संदर्भ
में अधिसूचना भी जारी कर दी है। अब इस फैसले का श्रेय लेने के लिए बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी और
शिवसेना आदि दलों में होड़ लग गई है। इसी अप्रैल में होने जा रहे मनपा के आम
चुनावों की आचारसंहिता घोषित होने से कुछ समय पहले राज्य सरकार द्वारा लिए गए इस
फैसले का लाभ व श्रेय लेने में कोई भी नेता या दल पीछे नहीं रहना चाहता।
नवी मुंबई शहर के निर्माण के दौरान सिडको ने 25 से 35 साल पहले
जिन इमारतों का निर्माण किया था उनमें से अधिकांश बेहद जर्जर अवस्था में हैं। इन
इमारतों के फ्लैटों की छतें आए दिन ढहती रहती हैं। इनमें रहने वाले करीब 55 हजार परिवारों के सदस्यों को अपनी जान पर खतरा महसूस होता रहता
है। अब सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर दिए जाने से इन सभी इमारतों के पुनर्निर्माण
का मार्ग खुल गया है। हालांकि पुनर्निर्माण के लिए सोसायटियों को सिडको से एनओसी
लेना होगा।
जर्जर हो चुकी इन इमारतों का पुनर्निर्माण एक साथ होगा या
अलग-अलग किया जा सकेगा। इमारतों के पुनर्निर्माण के लिए अगर कुछ शर्तें पूरी कर दी
गईं तो इनमें वाणिज्यिक या व्यापारी उपयोग की भी अनुमति मिल सकेगी। इसके लिए
डिवेलपर्स की तरफ से मनपा को सेवाशुल्क अदा करना पड़ेगा। इस योजना में कम से कम 1000 वर्गमीटर के भूखंड पर ही इमारतों का पुनर्निर्माण हो सकेगा।
जिन इमारतों के पास 15 मीटर चौड़ी
सड़क होगी उन्हें 2.50 एफएसआई
मिलेगी। जहां 9
मीटर की सड़क होगी उन इमारतों को 2 एफएसआई मिलेगी। जहां 9 मीटर से कम
चौड़ी सड़क होगी वहां सिर्फ 1.80 एफएसआई या
अधिकृत तरीके से उपयोग में लाए गए एफएसआई के साथ 50 पर्सेंट इंसेंटिव में से जो भी कम होगा वह मिलेगा।
इस योजना के तहत निम्नतम 300 वर्गमीटर का (एफएसआई) घर अनिवार्य होगा। अगर इमारत में व्यापारी गाला
है तो उन्हें 20
पर्सेंट अधिक जगह देना होगा।
सिडको के हिस्से में आने वाली जगह या घर का निःशुल्क हस्तांतरण होगा। अगर सिडको या
निवासियों ने खुद ही इमारत का निर्माण किया तो 15 पर्सेंट अधिक चटई क्षेत्र मिलेगा। जहां भी 1000 वर्गमीटर का भूखंड होगा और 20 मीटर चौड़ी सड़क होगी तो वहां की 5 पर्सेंट जगह व्यापारी उपयोग के लिए रहेगी। भूखंड के कुल हिस्से का 5 पर्सेंट भाग नागरी सुविधाओं को उपलब्ध कराने हेतु मनपा को
निःशुल्क हस्तांतरित कराना होगा।
राज्य सरकार के इस फैसले से नवी मुंबई के रियल इस्टेट मार्केट
में उत्साह है। पर, अभी कोई
बिल्डर खुलकर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। एक बड़े बिल्डर ने नाम न लिखने के
अनुरोध पर बताया कि निश्चित तौर पर सरकार के इस निर्णय का रियल इस्टेट मार्केट पर
सकारात्मक असर पड़ेगा। उम्मीद है कि नवी मुंबई मनपा क्षेत्र में, जहां अब बहुत कम खाली भूखंड बचे हैं, इस निर्णय से कई स्थानों पर ऊंचे-ऊंचे टॉवर्स बनते हुए जल्द ही
नजर आने लगेंगे।
सरकार द्वारा एफएसआई की अधिसूचना जारी करते ही नवी मुंबई के दिग्गजों में इस निर्णय का श्रेय
लेने की होड़ लग गई। एक तरफ जहां बीते 10 वर्षों से
नवी मुंबई मनपा में एकछत्र राज्य कर रही और राज्य सरकार की प्रमुख घटक रही एनसीपी
के कद्दावर नेता गणेश नाईक व उनके विधायक बेटे संदीप नाईक ने इस सफलता का श्रेय
सिर्फ और सिर्फ एनसीपी को दिया है तो दूसरी तरफ नवी मुंबई कांग्रेस ने भी दावा
किया है कि यह उनकी पार्टी के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा
लिए गए प्राथमिक निर्णय से ही यह संभव हुआ है। शिवसेना भी इस निर्णय की सफलता का
श्रेय अभी की राज्य सरकार की सत्ता में शामिल अपने नेताओं को दे रही है। इन सबसे
अलग बेलापुर से इस बार बीजेपी से जीती विधायक मंदाताई म्हात्रे ने दावा किया है कि
यह सिर्फ उनकी मेहनत व उनके सीएम देवेंद्र फडनवीस का त्वरित फैसले का फल है।
मंदाताई म्हात्रे ने कहा कि जब राज्य में कांग्रेस-एनसीपी की 15 वर्षों तक सत्ता थी तब यह अधिसूचना क्यों नहीं जारी की गई थी।
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