बीएमसी कमिश्नर सीताराम कुंटे ने प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी के प्रस्ताव
को मंजूर कराने के लिए नेताओं को 'धमकी' दी है। कुंटे ने कहा कि प्रस्ताव आगामी स्थायी समिति की बैठक में मंजूर
करें वरना इस साल के विकास कार्यों के लिए विशेष आर्थिक निधि नहीं दी जाएगी।
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, बीएमसी प्रशासन ने हाल ही में प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी करने का निर्णय किया है। परंतु पिछले पांच-छह हफ्तों से लगातार इस प्रस्ताव पर विपक्ष समेत बीजेपी का विरोध होने के कारण अकेली शिवसेना को यह प्रस्ताव मंजूर कराना भारी पड़ रहा है। इसके चलते प्रशासन द्वारा इस प्रस्ताव को लागू करने का कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका है। कई हफ्तों से अटके हुए इस प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने के लिए अब बीएमसी कमिश्नर कुंटे ने नेताओं को धमकी दी है कि जल्दी से जल्दी प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी करने के इस प्रस्ताव को आपसी सहमति से मंजूर करें।
बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीएमसी प्रशासन हर साल आर्थिक बजट पेश करता है। बजट में नगरसेवकों द्वारा सुझाए गए विकास कार्यों को पूरा करने के लिए विशेष आर्थिक निधि का प्रबंध किया जाता है। पिछले साल 2014-15 के बजट में बीएमसी प्रशासन की ओर से सदस्यों द्वारा सुझाए गए विकास कार्यों को अमली जामा पहनाने के लिए करीब 540 करोड़ रुपये की विशेष आर्थिक निधि दी गई थी। इस कारण प्रत्येक नगरसेवक को एक-एक करोड़ रुपये, गटनेताओं को 5-5 करोड़ रुपये, स्थायी समिति के सदस्यों और मेयर को 2-2 करोड़ रुपये दिए गए थे।
पर इस साल 2015-16 की विशेष आर्थिक निधि नगरसेवकों और सदस्यों को मिलना लगभग मुश्किल ही दिखाई दे रहा है क्योंकि बीएमसी कमिश्नर कुंटे ने अब प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी करने के इस प्रस्ताव पर कड़ा रुख अपनाया है। आगामी बुधवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में यह मामला उठाए जाने की संभावना है।
बता दें कि बीएमसी प्रशासन की सबसे बड़ी कमाई का जरिया यानि कि ऑक्ट्रॉय जल्द ही बंद होने वाला है। बीएमसी इसकी जगह अन्य विकल्प तलाश रही है। इसके तहत नागरिकों पर कई नए टैक्स लगाए जाएंगे। दूसरी ओर प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी करने के इस प्रस्ताव को स्थायी समिति में मंजूरी नहीं दी जा रही है। हालांकि सत्ताधारी पक्ष में से शिवसेना ने पहले ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। परंतु बीजेपी ने शुरू से ही इस प्रस्ताव का विरोध किया है। इसके चलते बीएमसी प्रशासन को इस प्रस्ताव को मंजूर कराने के मामले में बार-बार नाकामयाबी मिल रही है
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, बीएमसी प्रशासन ने हाल ही में प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी करने का निर्णय किया है। परंतु पिछले पांच-छह हफ्तों से लगातार इस प्रस्ताव पर विपक्ष समेत बीजेपी का विरोध होने के कारण अकेली शिवसेना को यह प्रस्ताव मंजूर कराना भारी पड़ रहा है। इसके चलते प्रशासन द्वारा इस प्रस्ताव को लागू करने का कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका है। कई हफ्तों से अटके हुए इस प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने के लिए अब बीएमसी कमिश्नर कुंटे ने नेताओं को धमकी दी है कि जल्दी से जल्दी प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी करने के इस प्रस्ताव को आपसी सहमति से मंजूर करें।
बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीएमसी प्रशासन हर साल आर्थिक बजट पेश करता है। बजट में नगरसेवकों द्वारा सुझाए गए विकास कार्यों को पूरा करने के लिए विशेष आर्थिक निधि का प्रबंध किया जाता है। पिछले साल 2014-15 के बजट में बीएमसी प्रशासन की ओर से सदस्यों द्वारा सुझाए गए विकास कार्यों को अमली जामा पहनाने के लिए करीब 540 करोड़ रुपये की विशेष आर्थिक निधि दी गई थी। इस कारण प्रत्येक नगरसेवक को एक-एक करोड़ रुपये, गटनेताओं को 5-5 करोड़ रुपये, स्थायी समिति के सदस्यों और मेयर को 2-2 करोड़ रुपये दिए गए थे।
पर इस साल 2015-16 की विशेष आर्थिक निधि नगरसेवकों और सदस्यों को मिलना लगभग मुश्किल ही दिखाई दे रहा है क्योंकि बीएमसी कमिश्नर कुंटे ने अब प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी करने के इस प्रस्ताव पर कड़ा रुख अपनाया है। आगामी बुधवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में यह मामला उठाए जाने की संभावना है।
बता दें कि बीएमसी प्रशासन की सबसे बड़ी कमाई का जरिया यानि कि ऑक्ट्रॉय जल्द ही बंद होने वाला है। बीएमसी इसकी जगह अन्य विकल्प तलाश रही है। इसके तहत नागरिकों पर कई नए टैक्स लगाए जाएंगे। दूसरी ओर प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी करने के इस प्रस्ताव को स्थायी समिति में मंजूरी नहीं दी जा रही है। हालांकि सत्ताधारी पक्ष में से शिवसेना ने पहले ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। परंतु बीजेपी ने शुरू से ही इस प्रस्ताव का विरोध किया है। इसके चलते बीएमसी प्रशासन को इस प्रस्ताव को मंजूर कराने के मामले में बार-बार नाकामयाबी मिल रही है
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