भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन से पहले
प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला
करते हुए कहा कि वह उद्योगपतियों के लिए तो सोच रहे हैं, लेकिन किसानों और गरीबों के
लिए नहीं। मोदी पर निशाना साधते हुए अन्ना ने कहा कि उनके सत्ता में आने के बाद से
'सिर्फ उद्योगपतियों के अच्छे दिन आए' हैं।
उन्होंने दावा किया कि इन नीतियों का पालन करने से भारत का भविष्य उज्ज्वल नहीं रहेगा। लोकसभा चुनावों के दौरान 'अच्छे दिन' का नारा बीजेपी की प्रचार थीम था। पिछली यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार-विरोधी आंदोलन कर चुके अन्ना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ की और उम्मीद जताई कि उनके पूर्व सहयोगी राजधानी को एक 'आदर्श शहर' बनाने की उनकी कुछ योजनाएं लागू करेंगे।
अन्ना ने 'हेडलाइंस टुडे' न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, 'मोदीजी उद्योगपतियों की बेहतरी के बारे में सोचते हैं, गरीबों और किसानों के लिए नहीं। उनके सत्ता में आने के बाद ऐसा लगा था कि 'अच्छे दिन' आएंगे, लेकिन 'अच्छे दिन' तो सिर्फ उद्योगपतियों के आए हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कमी आई है।
आगामी 23 और 24 फरवरी को अन्ना दिल्ली में किसान संगठनों के साथ मिलकर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध में प्रदर्शन करने वाले हैं। अन्ना ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के उस प्रावधान का विरोध किया जिसमें कहा गया है कि किसानों की जमीन लेने से पहले उनकी सहमति लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार औद्योगिक घरानों के इशारे पर काम कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि इन नीतियों का पालन करने से भारत का भविष्य उज्ज्वल नहीं रहेगा। लोकसभा चुनावों के दौरान 'अच्छे दिन' का नारा बीजेपी की प्रचार थीम था। पिछली यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार-विरोधी आंदोलन कर चुके अन्ना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ की और उम्मीद जताई कि उनके पूर्व सहयोगी राजधानी को एक 'आदर्श शहर' बनाने की उनकी कुछ योजनाएं लागू करेंगे।
अन्ना ने 'हेडलाइंस टुडे' न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, 'मोदीजी उद्योगपतियों की बेहतरी के बारे में सोचते हैं, गरीबों और किसानों के लिए नहीं। उनके सत्ता में आने के बाद ऐसा लगा था कि 'अच्छे दिन' आएंगे, लेकिन 'अच्छे दिन' तो सिर्फ उद्योगपतियों के आए हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कमी आई है।
आगामी 23 और 24 फरवरी को अन्ना दिल्ली में किसान संगठनों के साथ मिलकर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध में प्रदर्शन करने वाले हैं। अन्ना ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के उस प्रावधान का विरोध किया जिसमें कहा गया है कि किसानों की जमीन लेने से पहले उनकी सहमति लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार औद्योगिक घरानों के इशारे पर काम कर रही है।
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