विरोधी पक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए रविवार की शाम आयोजित
मुख्यमंत्री की चाय पार्टी का बहिष्कार किया। साथ ही, आज से शुरू हो रहे बजट
सत्र में सत्ताधारी दल को तमाम मुद्दों पर घेरने की तैयारी विरोधी दल ने की है।
उन्होंने सरकार को चेताया है कि वह राज्य की समस्याओं को जोरशोर से सदन में
उठाएंगे।
बजट सत्र में सरकार को
घेरने के लिए विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने सभी विरोधी
दल के ग्रुप लीडर के साथ बैठक की। विखे पाटील के अनुसार, एनसीपी, शेतकरी कामगार पक्ष, एमआईएम, सीपीएम, समाजवादी पार्टी, महाराष्ट्र नवनिर्माण
सेना और लोक भारतीय के कपिल पाटील ने मिलकर सरकार की चाय पार्टी में नहीं जाने का
निर्णय लिया है। चाय पार्टी में नहीं जाने का कारण गिनाते हुए विखे-पाटील ने कहा
कि चंद महीनों में ही यह सरकार फेल हो गई है। महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार
ऐसा हो रहा है कि राज्य के पास पूरे समय के लिए न तो गृह मंत्री है न ही कृषि
मंत्री। स्वाइन फ्लू से निपटने में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से नाकाम रहा है, मरीजों के इलाज के लिए
दवाएं नहीं है। बाजार में इन दवाओं की कालाबाजारी हो रही है। पाटील ने स्वास्थ्य
मंत्री के इस्तीफे की मांग की और स्वास्थ्य विभाग के संचालक व उपसंचालक को निलंबित
करने की मांग भी रखी।
विधान परिषद में विरोधी
पक्ष नेता धनंजय मुंडे ने सरकार को घेरते हुए कहा कि इस सरकार के राज में
कानून-व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गया है। कॉमरेड पानसरे की हत्या के बाद राज्य
के दूसरे विचारक को धमकी भरे पत्र मिल रहे हैं। पूछा जा रहा है कि अब तीसरा कौन? मुंडे ने कहा कि हमारी
पार्टी के विधायक जितेंद्र आव्हाड को धमकी भरा पत्र मिला है।
विपक्ष के प्रश्नों का चुनचुन कर
जवाब दिया मुख्यमंत्री ने
मुख्यमंत्री
ने भी अपनी ओर से तैयारी दर्शाते हुए विरोधी दल के आरोपों का जवाब प्रेस
कॉन्फ्रेंस में दिया। वे यह बताने में लगे रहे कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा ही
नहीं है। किसानों को मदद नहीं देने के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि 90 लाख किसानों में से 60 लाख किसानों को मदद दी
गई है। सीधे किसानों के बैंक में मदद की राशि जमा की गई है। बाकी के किसानों को
जल्द ही मदद राशि मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने किसानों की आत्महत्या के लिए
कांग्रेस-एनसीपी की पिछली सरकार को ही कोसा। उन्होंने यहां तक कहा कि पिछली सरकार
के पाप को हमारी सरकार झेल रही है। मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार पर सवाल उठाया कि
समय रहते हुए किसानों को सिंचाई का पानी मुहैया करा दिया जाता तो आज वे आत्महत्या
ही नहीं करते। पिछली सरकार तो सिंचाई के पैसे से भ्रष्टाचार करने में लगी थी।
मुस्लिम आरक्षण के बारे
में मुख्यमंत्री ने साफ किया कि उनकी सरकार ने अध्यादेश रद नहीं किया है, वह लैप्स हुआ है। धनगर
समाज को आरक्षण देने के बारे में ड्राफ्ट तैयार है। इस बारे में कानूनी-सलाह ली जा
रही है। वहीं, वक्फ
बोर्ड की आंतरिक रिपोर्ट सदन में रखकर पिछली सरकार की पोल खोलने की चेतावनी भी
उन्होंने दी। स्वाइन फ्लू के बढ़ते मरीजों के बारे में सीएम ने कहा कि यह
देशव्यापी बीमारी बन गई है और महाराष्ट्र के पांच शहरों में ही 90 पर्सेंट मरीज पाए गए
हैं, इलाज
के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयां हैं।
राज्य के कानून
व्यवस्था के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉमरेड पानसरे के हत्यारों को पकड़ने
के लिए 20 अलग-अलग
टीम बनाई गई है, जांच
आगे बढ़ रही है। मुंबई डीसीआर के बारे में लगाए जा रहे आरोपों पर बचाव करते हुए
कहा कि विपक्ष को पूरी जानकारी नहीं है। नया डीसीआर लागू करने से पहले लंबी
प्रक्रिया पूरी करनी है। उससे पहले ही आरोप लगाना गलत होगा। महाराष्ट्र का पानी
गुजरात को देने का फैसला पिछली सरकार ने 2010 में गुजरात सरकार से
समझौता कर किया था, हमने
तो उन्हें दिए जाने वाले पानी में न केवल कटौती की बल्कि गुजरात से पानी वापस लिया
है। पिछली जाति के छात्रों को रोकी गई वजीफा की रकम सरकार दे रही है।