बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के गायों के डीलर्स को कोई
राहत देने से मना कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि लोग बीफ बैन को
धार्मिक मसला न बनाएं। अदालत ने यह भी कहा कि इस मसले को ज्यादा अहमियत न दी जाए।
कोर्ट ने यह बात भारतीय गोवंश संवर्धन परिषद द्वारा दायर की गई एक याचिका के सिलसिले में कही। बॉम्बे सबअर्बन बीफ डीलर्स वेलफेयर असोसिएशन ने भी इस बारे में याचका दायर की थी।
कोर्ट ने यह बात भारतीय गोवंश संवर्धन परिषद द्वारा दायर की गई एक याचिका के सिलसिले में कही। बॉम्बे सबअर्बन बीफ डीलर्स वेलफेयर असोसिएशन ने भी इस बारे में याचका दायर की थी।
जस्टिस वी.एम. कानाडे
और ए.आर. जोशी ने कहा कि महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) कानून अमल में आ गया है
और वह सरकारी गजट में अधिसूचित कर दिया गया है। इसी कानून के तहत गोवंश के वध पर
रोक लगाई गई है। बॉम्बे सर्बबन बीफ डीलर्स वेल्फेयर असोसिएशन ने भारतीय गोवंश
रक्षण संवर्धन परिषद द्वारा दायर इस रोक को लगाने के लिए दायर याचिका के विरुद्ध
कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
नए कानून के तहत जो भी गोवंश
रखते हुए या बिक्री करते हुए पाया गया तो उसे 5 साल की कैद और 10,000
रुपये
का जुर्माना लगाया जा सकता है। महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले की आलोचना भी हो रही
है। कई वकीलों ने बीफ खाकर सरकार के इस फैसले पर विरोद जताया तो कई सिलेब्स ने
सोशल मीडिया पर।
कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को मुसलमानों के खिलाफ बता रही है। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि उनकी सरकार कोई भी फैसला धर्म को आधार बनाकर नहीं लेती है।
कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को मुसलमानों के खिलाफ बता रही है। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि उनकी सरकार कोई भी फैसला धर्म को आधार बनाकर नहीं लेती है।
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