एक तरफ जहां बीजेपी ने अपने एक साल के शासन की उपलब्धियां
गिनाने के लिए देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए, वहीं महाराष्ट्र
कांग्रेस ने पूरे राज्य में जिला मुख्यालयों पर 'अच्छे दिनों' की पुण्यतिथि मनाई।
बीजेपी सरकार पर जनता से झूठा वादा करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं
ने मुंडन करवाकर 'अच्छे
दिनों' का
श्राद्ध किया।
मुंबई कांग्रेस ने भी
मोदी सरकार के खिलाफ गिरगांव चौपाटी से आजाद मैदान तक एक बड़ा मोर्चा निकाला।
चुनावों में मिली करारी हार के बाद पहली बार मुंबई में कांग्रेस का यह अब तक का
सबसे बड़ा मोर्चा था। मोर्चे में बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल हुए।
मोर्चे से पहले गिरगांव चौपाटी पर 26/11 के आतंकी हमले में शहीद
हुए पुलिस वालों के स्मारक पर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई। मोर्चा जब
आजाद मैदान पहुंचा, तो
एक जनसभा में बदल गया।
मुंबई कांग्रेस के
अध्यक्ष संजय निरुपम ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने पुलिस के माध्यम से
कांग्रेस के विशाल मोर्चे को फ्लॉप करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि हमने
गिरगांव से आजाद मैदान तक विरोध मोर्चा निकालने की मंजूरी पुलिस से ली थी। इसके
बावजूद पुलिस ने मोर्चे को रोकने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कांग्रेसी
कार्यकर्ताओं को जबरन पुलिस वैन में भरकर आजाद मैदान में लाकर छोड़ दिया, ताकि मोर्चा फ्लॉप हो
जाए।
कांग्रेस ने आरोप लगाया
कि बीजेपी के जनता से किए गए सारे वादे झूठे निकले। पेट्रोल-डीजल सस्ता करने, जरूरी वस्तुओं की
महंगाई रोकने, हर
साल ढाई करोड़ रोजगार पैदा करने, विदेश में जमा काला धन 100 दिन में वापस लाने, उसमें से हर भारतीय के
खाते में 15 लाख
रुपये जमा करने, कृषि
उत्पादन की लागत पर 50 पर्सेंट
मुनाफा देने, फसलों
का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने, सूखाग्रस्त किसानों को अभूतपूर्व मदद करने, दवाएं सस्ती करने, आतंकवादियों के खिलाफ
सख्त कार्रवाई करने और चीन को रास्ते पर लाने में से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है।
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