मुंबई के प्रसिद्ध
सिद्धिविनायक मंदिर ने उत्तराखंड में धर्मशाला निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपये
दान देने का निश्चय किया है। मंदिर समिति ने तत्काल सहायता के तौर पर 25 लाख रुपये दिए हैं।
समिति के सीईओ सतीश माली के अनुसार, महाराष्ट्र व उत्तरांचल सरकारों और केंद्र के निर्देशों के अनुसार पांच करोड़ रुपये की रकम अभी रिजर्व रखी जाएगी। चूंकि सिद्धिविनायक मंदिर समिति राज्य शासन के तहत काम करती है, इसलिए दान का प्रस्ताव मान्यता के लिए महाराष्ट्र सरकार को भेज दिया गया है।
1981 में सरकार ने विधानसभा में अधिनियम बनाकर सिद्धिविनायक मंदिर समिति का कामकाज अपने हाथ में ले लिया था। तब से लाइब्रेरी, मेडिकल सहायता जैसी कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस साल सूखे से जूझने के लिए मंदिर समिति ने महाराष्ट्र सरकार को 25 करोड़ रुपये की रकम दी है। इससे पहले जुलाई 2005 की बाढ़ के समय एक करोड़ रुपये दिए। 26/11 के आतंकी हमलों के पीड़ितों को भी मंदिर समिति ने मदद दी थी।
समिति के सीईओ सतीश माली के अनुसार, महाराष्ट्र व उत्तरांचल सरकारों और केंद्र के निर्देशों के अनुसार पांच करोड़ रुपये की रकम अभी रिजर्व रखी जाएगी। चूंकि सिद्धिविनायक मंदिर समिति राज्य शासन के तहत काम करती है, इसलिए दान का प्रस्ताव मान्यता के लिए महाराष्ट्र सरकार को भेज दिया गया है।
1981 में सरकार ने विधानसभा में अधिनियम बनाकर सिद्धिविनायक मंदिर समिति का कामकाज अपने हाथ में ले लिया था। तब से लाइब्रेरी, मेडिकल सहायता जैसी कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस साल सूखे से जूझने के लिए मंदिर समिति ने महाराष्ट्र सरकार को 25 करोड़ रुपये की रकम दी है। इससे पहले जुलाई 2005 की बाढ़ के समय एक करोड़ रुपये दिए। 26/11 के आतंकी हमलों के पीड़ितों को भी मंदिर समिति ने मदद दी थी।
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