Thursday, January 2, 2014

आदर्श सोसायटी घोटाले पर रुख थोड़ा सा कड़ा



महाराष्ट्र सरकार ने आदर्श सोसायटी घोटाले पर अपना रुख थोड़ा सा कड़ा किया है। हांलाकि इस घोटाले में दोषी ठहराए गए चार पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण, विलासराव देशमुख (दिवंगत), सुशील कुमार शिंदे और शिवाजीराव निलंगेकर पाटील समेत कुल सात नेताओं पर किसी तरह की कार्रवाई करने का संकेत नहीं दिया है। अफसरों को बख्शा नहीं गया है। इस मामले में सीबीआई ने जिन पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, उनके अलावा सरकार अपनी तरफ से किसी पर भी क्रिमिनल केस दायर नहीं करेगी।
खारिज रिपोर्ट को किया आंशिक स्वीकार 15 दिन पहले जिस रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज कर दिया था, उसके कुछ हिस्से राज्य मंत्रिमंडल ने 'आंशिक तौर' पर स्वीकार कर लिए। आदर्श सोसायटी में जे.ए. पाटील आयोग ने जिन 25 सदस्यों को अवैध ठहराया था, उन पर प्रशासनिक कार्रवाई शुरू करने की घोषणा मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने की। जो 22 फ्लैट आयोग ने बेनामी ठहराए थे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने का आदेश दिया। सोसायटी की अवैध मंजिलें तोड़ने के आदेश एक दिन पहले दिए जाने की जानकारी भी उन्होंने प्रेस को दी।
जमीन अलॉट करवाने, साथ लगी सड़क की जमीन हथियाने, बेस्ट बस सर्विस का प्लाट कब्जे में लेने, हाइराइज बिल्डिंग कमिटी की परमिशन में हेरफेर और समुद्र से लगी जमीन पर केंद्र से सीआरजेड परमिशन न लेने जैसी कई गड़बड़ियां आयोग ने गिनवाई हैं। इन सभी पर महाराष्ट्र रीजनल टाउन प्लानिंग ऐक्ट के तहत कार्रवाई करने के आदेश नगरविकास और पर्यावरण विभाग को दिए गए हैं। चूंकि मुख्यमंत्री खुद नगरविकास मंत्री हैं, इसलिए कोर्ट में जाने से पहले इस मामले की पहली सुनवाई उनके सामने होगी। 

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