महिलाओं को आरक्षण
के नाम पर दया नहीं चाहिए, उन्हें
विकास के लिए केवल पर्याप्त अवसरों की तलाश है। देश में महिला सशक्तिकरण के नाम पर
केवल राजनीति हो रही है। महिलाओं को काम का सही दाम नहीं मिलता, बराबरी की योजनाएं बनती जरूर हैं, लेकिन आज तक
उन्हें अमली जामा नहीं पहनाया गया। यह कहना है नामचीन समाजसेवी और आम आदमी पार्टी
की प्रत्याशी मेधा पाटकर का।
मेधा शनिवार दोपहर आजाद मैदान में लगभग 250 स्त्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न मनाने आई थीं। दक्षिण मुंबई सीट से पार्टी की प्रत्याशी मीरा सान्याल ने भी इस मौके पर उनका साथ दिया। सान्याल ने इस दौरान बेटी बचाने के साथ उसे बराबर की शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और भोजन दिए जाने की जरूरत बताई।
आम आदमी पार्टी का यह महिला दल शनिवार दोपहर एक बजे सीएसटी स्टेशन पर एकत्रित हुआ, जहां से इन्होंने आजाद मैदान का रुख किया। सान्याल ने इस गतिविधि को पूर्णतया राजनीति से परे और महिला दिवस का जश्न बताया। पुलिस के भारी बंदोबस्त के बीच दोपहर दो बजे से पाटकर के 'घर बनाओ - घर बचाओ' आंदोलन की महिलाओं ने मोर्चा संभाला।
मेधा शनिवार दोपहर आजाद मैदान में लगभग 250 स्त्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न मनाने आई थीं। दक्षिण मुंबई सीट से पार्टी की प्रत्याशी मीरा सान्याल ने भी इस मौके पर उनका साथ दिया। सान्याल ने इस दौरान बेटी बचाने के साथ उसे बराबर की शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और भोजन दिए जाने की जरूरत बताई।
आम आदमी पार्टी का यह महिला दल शनिवार दोपहर एक बजे सीएसटी स्टेशन पर एकत्रित हुआ, जहां से इन्होंने आजाद मैदान का रुख किया। सान्याल ने इस गतिविधि को पूर्णतया राजनीति से परे और महिला दिवस का जश्न बताया। पुलिस के भारी बंदोबस्त के बीच दोपहर दो बजे से पाटकर के 'घर बनाओ - घर बचाओ' आंदोलन की महिलाओं ने मोर्चा संभाला।
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