मुंबई की प्रमुख
रियल इस्टेट ग्रुप हीरानंदानी संकट में आ गया है। सीबीआई छापों के बाद अब उसे आयकर
डिपार्टमेंट की रेड झेलनी पड़ी है। यह ग्रुप कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में
डिपॉजिट करने में विफल रहा है। आयकर अधिकारियों ने ग्रुप के खातों का निरीक्षण
किया और कर्मचारियों के स्टेटमेंट लिए। सीबीआई पहले ही ईपीएफ में अपना हिस्सा और
कर्मचारियों की काटी गई राशि को जमा न करने के आरोप में मामला दर्ज कर चुका है। यह
मामला ग्रुप के चार कर्मचारियों के विरुद्ध दर्ज किया गया है। सीबीआई के अनुसार, 2004-05 के
दौरान बिल्डर ने ईपीएफ अधिकारियों के साथ मिलकर अपने यहां काम कर रहे कर्मचारियों
की संख्या को कम बताया था ताकि कम से कम ईपीएफ डिपॉजिट किया जा सके।
2008 में भी ग्रुप के यहां पीएफ की 168 करोड़ रुपये की चोरी के आरोप में सीबीआई के छापे पड़े थे। ईपीएफ की चोरी के साथ-साथ फ्लैट आदि की मार्केटिंग में कैश-ब्लैक मनी लेने का आरोप भी है। आयकर अधिकारियों ने अनेक दस्तावेज, फाइल, कम्प्यूटर फ्लॉपी आदि जब्त की है। ये दस्तावेज मुंबई, चेन्नै, बेंगलुरु और हैदराबाद में करीब 20 ठिकानों पर मारे गए।
ग्रुप की शुरुआत पवई से हुई और उसके बाद वह मुंबई और देशभर में फैल गया है। हाल ही में ग्रुप के सह-संस्थापक निरंजन हीरानंदानी ने अपनी बेटी प्रिया के विरुद्ध एक मुकदमा दायर करके अपने स्वयं (प्रिया) के बिजनैस में 'हीरानंदानी' का नाम उपयोग में न लाने देने की मांग की थी।
2008 में भी ग्रुप के यहां पीएफ की 168 करोड़ रुपये की चोरी के आरोप में सीबीआई के छापे पड़े थे। ईपीएफ की चोरी के साथ-साथ फ्लैट आदि की मार्केटिंग में कैश-ब्लैक मनी लेने का आरोप भी है। आयकर अधिकारियों ने अनेक दस्तावेज, फाइल, कम्प्यूटर फ्लॉपी आदि जब्त की है। ये दस्तावेज मुंबई, चेन्नै, बेंगलुरु और हैदराबाद में करीब 20 ठिकानों पर मारे गए।
ग्रुप की शुरुआत पवई से हुई और उसके बाद वह मुंबई और देशभर में फैल गया है। हाल ही में ग्रुप के सह-संस्थापक निरंजन हीरानंदानी ने अपनी बेटी प्रिया के विरुद्ध एक मुकदमा दायर करके अपने स्वयं (प्रिया) के बिजनैस में 'हीरानंदानी' का नाम उपयोग में न लाने देने की मांग की थी।
No comments:
Post a Comment