विधायकों पर एफआईआर
दर्ज होती है , कई गिरफ्तार भी
होते हैं, पर कभी उन पर मुकदमा क्यों नहीं चलता ? इसका राज अब सामने आया है। पता चला है कि पुलिस विधायकों के खिलाफ
मुकदमे की कभी परमिशन ही नहीं लेती। यह सनसनीखेज जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल
गलगली द्वारा गई छानबीन में सामने आई है।
गलगली ने एनबीटी से कहा कि महाराष्ट्र विधिमंडल सदस्यों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति लेना अनिवार्य होता है। लेकिन महाराष्ट्र विधिमंडल सचिवालय ने आटीआई के तहत पूछी गई जानकारी में यह बात बताई है कि पिछले दस सालों में विधानसभा अध्यक्ष के पास मुंबई और महाराष्ट्र पुलिस में से किसी की भी तरफ से किसी भी आरोपी विधायक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी देने की परमिशन की कोई भी अप्लीकेशन नहीं दी गई। महाराष्ट्र विधिमंडल सचिवालय के सेक्शन ऑफिसर उमेश शिंदे ने गलगली को उनके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।
गलगली ने एनबीटी से कहा कि महाराष्ट्र विधिमंडल सदस्यों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति लेना अनिवार्य होता है। लेकिन महाराष्ट्र विधिमंडल सचिवालय ने आटीआई के तहत पूछी गई जानकारी में यह बात बताई है कि पिछले दस सालों में विधानसभा अध्यक्ष के पास मुंबई और महाराष्ट्र पुलिस में से किसी की भी तरफ से किसी भी आरोपी विधायक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी देने की परमिशन की कोई भी अप्लीकेशन नहीं दी गई। महाराष्ट्र विधिमंडल सचिवालय के सेक्शन ऑफिसर उमेश शिंदे ने गलगली को उनके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।
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