मैं मराठी हूं और मुझे इस पर गर्व है। लेकिन मैं पहले भारतीय हूं और मुंबई सभी भारतीयों की है।(शनिवार को मीडिया से बातचीत में सचिन तेंडुलकर ने यह बयान दिया था।) ऐसा बयान देकर सचिन ने एक फालतू रन ले लिया, लेकिन मराठी मानूस के दिलोदिमाग की पिच से वह रन आउट हो गए। जब मराठी मानूस को मुंबई मिली, तब तुम पैदा भी नहीं हुए थे। इसे पाने के लिए 105 मराठी लोगों ने बलिदान दिया। तुम्हारे क्रीज छोड़कर पॉलिटिक्स की पिच में घुसने से मराठियों का दिल दुखा है। -बाल ठाकरे (सचिन के बयान का जवाब शिव सेना के मुखपत्र 'सामना' में दिया) यह वही भाषा है, जो मोहम्मद अली जिन्ना बोलते थे। शिव सेना के नेता और राज ठाकरे की पाटीर् के नेताओं को छोड़कर पूरा भारत और सारे मराठी तेंडुलकर के साथ हैं।
Monday, November 16, 2009
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