मुंबई हमले में जिंदा गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब के वकील अब्बास काजमी ने हमलों के मामले की सुनवाई कर रही ट्रायल कोर्ट से माफी मांगी। उन्होंने अपनी इस टिप्पणी के लिए शुक्रवार को बिना शर्त माफी मांग ली कि वह अभियोजन पक्ष की ओर से पेश गवाहों के हलफनामों की परवाह नहीं करते। जज एम. एल. तहलियानी ने भी काजमी की माफी को मंजूर करते हुए अपनी यह टिप्पणी वापस ले ली कि काजमी झूठे हैं। काजमी ने इस बात से इनकार किया था कि विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने 8 मई को अपने शुरुआती संबोधन में कहा था कि वह गवाहों के हलफनामे दाखिल करेंगे। इस पर जज ने गुरुवार को उन्हें झूठा कहा था। कसाब के वकील ने शुक्रवार को कहा कि यह एक ऐतिहासिक मुकदमा है और मैं आरोपित का बचाव करने के लिए अपनी ओर से बेहतरीन कोशिश कर रहा हूं। गुरुवार को जो कुछ हुआ, वह जज्बात में बहकर हुआ और मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं। तहलियानी ने कहा कि मैं भी काजमी के बारे में अपनी टिप्पणियां वापस लेता हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि यह मुद्दा सौहार्दपूर्ण ढंग से हल कर लिया जाए।
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